पति के बाहर रहने पर पत्नी मुझसे चुदती थी

मेरे बगल में भाभी रहती थीं. वह बहुत खूबसूरत थीं. मैं हमेशा उन्हें चोदने की फिराक में रहता था. लेकिन मुझे मौका ही नहीं मिल पाता. एक दिन वह मुझे मौका मिला और फिर तो वो मेरी रखैल सी बन गईं लेकिन ये सब कैसे हुए इस कहानी में पढ़ें…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सैम (बदला हुआ) है और मैं लखनऊ से हूँ. मेरी उम्र 25 साल है और मैं दिखने में नार्मल लड़का हूँ.

दोस्तों, मेरी यह कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली एक मस्त फिगर और चौड़ी गांड वाली भाभी की है. एक बार मैंने खूब जोरदार तरीके से उनकी चुदाई की थी और और मज़े किए थे. इस कहानी में मैं यही बताऊंगा कि ये सब कैसे हुआ?

अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूँ. मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थीं. उनका नाम शीला (बदला हुआ) है. वो देखने में एक दम गज़ब की माल हैं. कोई भी देख के उन पर फिदा हो जाये.

उनके हसबैंड मिलेट्री में है। इसलिए वो ज़्यादातर बाहर ही रहते है. इस तरह घर पर भाभी अकेली ही रहती हैं. हमारा उनके घर में आना – जाना होता रहता है. मगर मैं जब भी उनको देखता तो दिल में बस एक ही ख्याल आता कि काश भाभी की चुदाई करने का मौका मिल जाये. चुदाई करने का मुझे मौका तो नहीं मिलता था लेकिन सोचने के बाद मैं उनके नाम की मुठ जरूर मार लेता था.

अचानक एक दिन मेरे दिल की तमन्ना पूरी हो गई. एक दिन भाभी की तबियत थोड़ी खराब हो गई. भैया यानी भाभी के पति तो थे नहीं तो मेरे घर वालों ने मुझसे कहा कि उन्हें बाइक पर बिठा कर डॉक्टर के पास ले जाओ और दवा दिलवा दो. यह सुन कर उन्हें अपने साथ बिठाने के बारे में सोच कर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे.

फिर मैंने उन्हें बाइक पर बिठाया और लेकर डॉक्टर के पास चल दिया. मगर मेरे दिमाग में तो बस उनकी चुदाई ही चल रही थी. जब मैं भाभी को डॉक्टर की क्लिनिक पर पहुंचा तो वहां भीड़ थी और नंबर मरीजों का लगा हुआ था. इस वजह से हमें वेट करना पड़ा.

इसी बीच उन्हें अंदर बिठा कर मैं बाहर आकर खड़ा हो गया. तभी मैंने देखा कि बाहर कुत्ते आपस में सेक्स कर रहे थे. मैं उन्हें चुदाई करते देखने लगा. मैं वो देखने में इतना मस्त हो गया कि पता ही नहीं चला कि कब भाभी मेरे पीछे आकर खड़ी हो गईं.

कुछ देर बाद वो बोलीं – क्या हो रहा है? उनकी आवाज सुन कर मैं डर गया और बोला – कुछ नहीं भाभी बस ऐसे ही. फिर मैंने बात बदलते हुए कहा – आपने दिखाया डॉक्टर को? उन्होंने हां में जवाब दिया.

फिर हम दोनों वापस आने लगे. दोस्तों, कुत्तों की चुदाई देख अब मेरे मन में चुदाई का भूत सवार हो गया था. तभी अचानक एक गड्ढा आया और मैंने जोर से ब्रेक मार दी. ऐसा होने पर भाभी पीछे से मेरे ऊपर आ गईं और उनके बूब्स मेरी पीठ से टकरा गए. मुझे तो बहुत आया.

तब भाभी बोलीं – आराम से चलाओ. इस पर मेरे मुंह से निकल गया कि आराम से चलते तो ऐसा मज़ा कहां मिलता? यह सुन कर भाभी बोलीं – क्या? तव मैंने कहा – कुछ नहीं. मेरी बात सुन कर भाभी मुस्कुराने लगीं और इसी बीच हम वापस घर आ गये.

उस दिन के बाद से मैं रोज़ भाभी के घर जाने लगा. एक दिन मैं उनके घर गया तो देखा कि बाहर का दरवाजा खुला हुआ है. अंदर गया तो कोई दिख नहीं रहा था. तभी बाथरूम से मुझे पानी गिरने की आवाज आई. मैंने ध्यान दिया तो पता चला कि भाभी नहा रही हैं.

उनके कपड़े बाहर बेड पर ही रखे हुए थे. यह देख मैंने उनकी ब्रा उठा ली और उसको लेकर चूसने लगा. फिर मैंने उनकी पैंटी उठाई और अपने लंड में फंसा के रगड़ने लगा. मैं यह सब करने में इतना बिजी हो गया कि पता ही नहीं चला कि कब भाभी नहा कर बाहर आ गई और मेरे पीछे खड़ी मेरी सारी कारस्तानी देख रही हैं.

तभी अचानक मेरी नज़र उन पर गई. जैसे ही मैंने उनको देखा मेरे होश उड़ गए. अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं! फिर भाभी थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए बोलीं – यह क्या कर रहे हो?

उनकी आवाज सुन कर मैंने कहा – माफ कर दो भाभी मुझे, मुझसे गलती हो गई. हालांकि, इतना होने के बाद भी माफी मांगते समय मेरा पूरा ध्यान भाभी की रसीली चूची और उनकी मस्त गांड पर ही था. उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी और इसमें में वे बहुत ही खूबसूरत लग रही थीं.

उनको देख के मेरा लन्ड एक दम खड़ा हो रखा था जो कि लोअर के ऊपर से साफ नजर आने लगा था. तभी अचानक भाभी मेरे पास आईं और मेरे लन्ड को अपने हाथ से पकड़ लिया. उनके ऐसा करने पर मेरे तो होश ही उड़ गए. मुझे समझ में ही नहीं आया कि हुआ क्या!

करीब 2 मिनट के बाद उन्होंने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए. अब हम दोनों एक – दूसरे को कस के किस करने लगे. उनके नर्म होंठों को चूस कर मुझे तो मानो जन्नत मिल गई हो. होंठों को चूसते हुए भाभी बोलीं – मज़ा आया? मैंने कहा – लाइफ में ऐसा मज़ा कभी नहीं आया लेकिन अभी तो और भी बहुत मज़ा करना है.

यह सुन के भाभी मुस्कुराने लगीं और फिर मैं भाभी को पूरी तरह से किस करने लगा. किस करते – करते जैसे ही मैंने भाभी के बूब्स को बाहर निकाला मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. क्या मस्त बूब्स थे उनके. मैंने रगड़ के उनके मम्मों को खूब दबाया. अब भाभी की सिसकियां निकलने लगीं और वो ‘आह ओह्ह आह, मसल दे कस के दबा दे तेरा ही है. आह आह वाह यस हां हां करते रहो’ जैसी उत्तेजक आवाज निकलने लगीं.

इससे मेरा जोश और बढ़ गया. फिर मैंने जैसे ही भाभी की चूत पर हाथ रखा तो देखा कि उनकी चूत पूरी तरह से गीली हो रखी थी. फिर मैंने जल्दी से उनकी पैंटी उतारी और चूत को चाटने लगा.

दोस्तों, ऐसा करने में कितना मज़ा आ रहा था वो मैं लफ़्ज़ों में बयां नहीं कर सकता. इसके लिए आपको खुद ये करके फील करना होगा. अब भाभी की सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रही थी.

मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भाभी की टाँगे फैला के लन्ड को भाभी की चूत से सटा दिया और उसको चूत के सहारे रगड़ने लगा. अब रूम में बस ‘आआह ओह्ह’ की आवाज़ आ रही थी.

फिर मैंने उनकी चूत में अपना लन्ड सरका दिया. मैंने जैसे ही भाभी को चूत में अपना लन्ड डाला वैसे ही भाभी चिल्ला उठीं और बोलीं – आराम से कर, तेरा बहुत मोटा है.

फिर मैंने पूरा लन्ड अंदर पेल दिया. लन्ड अंदर करने के बाद में 2 मिनट तक मैं उनके ऊपर लेट के उनको किस करता रहा. फिर भाभी भी जोश में आ गईं और नीचे से उछलने लगीं. अब मैं भी कस के भाभी की चुदाई करने लगा था.

इसके बाद करीब 25 से 30 झटके मारने बाद मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया. यह देख भाभी बोलीं – इतनी जल्दी झड़ गए? तब मैंने कहा – पहली बार था और जोश भी ज्यादा था इसलिए ऐसा हुआ. उसके कुछ देर बाद मैंने फिर भाभी की चुदाई की. इस बार मैंने 20 मिनट तक उनकी चूत मारी और उन्हें पूरा संतुष्ट कर दिया.

दोस्तों, उस दिन के बाद मैंने भाभी के साथ बहुत बार सेक्स किया और उनको खुश किया. एक तरह से वो मेरी रखैल बन गई थीं. वो हमेशा कहती थीं कि तुम ही मेरी प्यास पूरी तरह से बुझा पाते हो. करीब 1 साल तक वो मेरे पड़ोस में रहीं. इस दौरान जब मौका मिलता हम मज़े करते. अब वो दूसरे शहर चली गई हैं. आप को मेरी कहानी कैसी लगी मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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