किसी गैर से चुदने का रोमांच, पति की नौकरी की चिंता और किसी अनहोनी के न घट जाने की आशंका के साथ मै फार्म हाउस पहुंची. फिर जो हुआ उसने आगे के लिए मेरे पीछे का रास्ता खोल दिया………
मेरे सभी पाठक दोस्तों को मेरी रसीली चूचियों और गीली चूत का सलाम। आज मेरी शादी को चार साल हो चुके हैं और आज भी मेरे पति मेरी चुदाई वैसे ही करते हैं जैसे पहले दिन की थी।
आज मैं आपको पिछले साल घटी घटना बताने जा रही हूँ कि कैसे मैंने अपने पति को प्रमोशन दिलाया।
दोस्तों मेरे पति एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। मेरे शौहर पिछले कई दिनों से प्रमोशन को ले कर चिंता में थे। फिर एक दिन उन्होंने अपने बॉस को खाने पे बुलाया। मैंने सारा दिन कुकिंग की तैयारी की और शाम को सारा डिनर तैयार कर के नहा धो के तैयार हो गई। हल्का सा मेकअप किया। तभी उनके बॉस और उनकी पत्नी आ गई।
बॉस की उम्र पचास के आस पास और उनकी पत्नी की उम्र मुश्किल से पैंतीस साल रही होगी। मैंने बुरका नही पहन रखा था, सो सलवार सूट में ही उनसे मिली। बुड्ढे से एक नजर मिलते ही मैं जान गई की बुद्धा परले दर्जे का लड़कीबाज है। उसने कपड़ो के ऊपर से ही मेरा जायजा ले लिया। हालांकि उसकी बीवी भी कम खूबसूरत नही थी मगर उसकी लालची नज़रो को मैं अपने ऊपर महसूस कर रही थी।
हमने डिनर ख़त्म किया और अपने शौहर की सिफारिश लगाई और मुस्कुराते हुए उन्हें विदा किया। रात में मैंने पति को बताया की उनका बॉस मुझे घूर रहा था, मगर उन्होंने इसे गंभीरता से नही लिया और लण्ड मेरे मुंह में झाड़ के सो गए।
अगले दिन मेरे लैंडलाइन नंबर पर उनके बॉस का फ़ोन आया मेरे बाप की उम्र का बुड्ढा मुझे भाभी जी कह कर बुला रहा था।
उसने कहा – भाभी जी! आपके शौहर के काम में बहुत सारी गलतियां हैं। उनका प्रमोशन तो दूर नौकरी भी जाने वाली है। अगर आप चाहे तो मैं उनकी गलतियों पे न केवल पर्दा डाल दूंगा बल्कि प्रमोशन भी कर दूंगा।
मैं तो एक पल में समझ गई थी की वो चाहता क्या है मगर अनजान बनते हुए मैंने रिक्वेस्ट की। उसने कहा- बदले में आपको हमारी एक रात की मेहमान बनना पड़ेगा, नही तो आपके पति की नौकरी गई समझिये। सोच कर बताइयेगा। मैं एक घंटे में आपको दुबारा फ़ोन करूँगा।
फ़ोन कट गया मैं सोच में पड़ गई। इंकार कर के मुसीबत मोल लेना ठीक न लगा। मैंने बुड्ढे से चुदने का मन बना लिया।
उसका फ़ोन आया तो मैंने कहा – मेहमाननवाजी कबूल है। मगर पहले पति को प्रमोशन लैटर मिलना चाहिए।
उसने कहा- ठीक है।
शाम को मेरे शौहर चहकते हुए घर आये। उनके पास प्रमोशन का लैटर भी था और अमेरिका जाने का टिकट भी। उन्हें एक हफ्ते की ट्रेनिंग पे अमेरिका भेज रही थी कंपनी। मैं समझ गई ये किसका काम है। अगले दिन उन्हें निकलना था। उस रात मेरे शौहर ने मुझे तीन बार घोड़ी बना के चोदा।
अगले दिन मेरे पति की फ्लाइट निकले एक घंटे भी न हुआ होगा की उसके कमीने बॉस का फ़ोन आ गया। बोला- शाम को आठ बजे गाड़ी भेज दूंगा तैयार रहना।
अभी आठ बजने में काफी समय था। मेरा लंच हो चुका था तो मैं सो गई। शाम को छः बजे उठी। चाय बना के पी। अपने पति को फ़ोन मिलाया मगर बात नही हो पाई। तभी बॉस का फ़ोन आया की गाड़ी भेज दी है। पंद्रह मिनट में पहुँच जायेगी जल्दी आ जाओ। मैं जल्दी से तैयार होने लग गई। मैंने अभी लिपस्टिक लगाई ही थी की गाड़ी का हॉर्न सुनाई दिया। मैंने जल्दी से बुरका पहना और बाहर निकल कर गाड़ी में बैठ के चल दी।
गाड़ी शहर के बाहर एक फोर्महाउस में रुकी। काफी बड़ा फॉर्म हॉउस था। दिल तेज़ तेज़ धड़क रहा था। ड्राईवर ने मुझे एक कमरे के बाहर ले जा के छोड़ दिया। मैंने दरवाजा खोला और अंदर घुसी तो देखा की बॉस शराब पी रहा था।
मुझे देख कर वो मुस्कुराया और बोला- आओ बैठो डार्लिंग बहुत इंतजार करवाया।
काफी बड़ा कमरा था और अच्छे से सजा हुआ भी था।
बॉस बोला- ड्रिंक करती हो?
मैंने न में सर हिलाया और बोली- मेरे पति भी शराब नही पीते।
वो बोला- मगर हमारे साथ एक पैग तो लेना ही होगा आपको।
मैंने सख्ती से मना कर दिया।
वो बोला कुछ नही बस उठा और मेरा बुरका पलट दिया। उसपे नशा हावी था। उसने खींच के मेरा बुरका उतारा और कपडे के ऊपर से ही मेरी चुचियो पे हाथ फेरने लगा। मुझे अच्छा नही लग रहा था मगर बिना चुदवाये जाना भी संभव नही था मैं अपनी चूचियां दबते हुए देख रही थी। बॉस छोटे कद का गोरा मोटा सा आदमी था मेरी लम्बाई से भी छोटा था वो।
उसने मेरे होठ चूसने शुरू कर दिए मेरे दिमाग में शराब की गंध भर गई। मैंने बैठे बैठे ही उसे पीछे धक्का दे दिया। उसने दांत पीसते हुए एक हाथ से मेरे बाल पकड़ के खींचे और दूसरे हाथ से शराब की बोतल उठा के मेरे खुले मुंह में पलट दी।
बोला- साली रंडी! नखरे करती है?
ढेर सारी शराब मेरे पेट में चली गई। मैं खांसने लगी।
उसने बोतल हटाई और पानी दिया बोला- पी जा।
शराब मेरा गला चीरते हुए अंदर गई थी। मैंने जल्दी से ढेर सा पानी पिया तब जा के थोडा राहत मिली। मुझे गुस्सा तो बहुत तेज़ आया मगर बोल न सकी। तभी नौकर ने कमरे के बाहर से खाने के लिए आवाज दी। दरवाजा बॉस ने खोला और खाना कमरे में रखवा दिया। शराब और पानी पीने की वजह से भूख बिल्कुल नही थी। थोड़ी देर में मेरा शरीर हल्का होने लगा। शायद शराब अपना असर दिखाने लगी थी।
तभी बॉस ने अपनी पैंट की चैन खोली और लंड बाहर निकाल लिया। उसका लंड मेरे पति जैसा ही बड़ा और मोटा सा था। बस उसका रंग काला न हो के गोरा था। लंड देख के दिल में खलबली सी मच गई। नशे की वजह से मेरा हाथ अपने आप लंड पे पहुच गया। मुझे बॉस दिखना बन्द हो गया था बस लंड ही समझ में आ रहा था।
मैं उसका लण्ड चूसे जा रही थी। फिर बॉस मुझसे बोला- चल अब नंगी हो जा।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था। मैं किसी सडक छाप रंडी की तरह नंगी हो के उसके लण्ड के पास आ के बैठ गई।
वो बोला- चुदेगी?
मैंने हाँ में सर हिला दिया। उसने मुझे घोड़ी बनाया और मेरी गांड के छेद पे अपना लण्ड टिका दिया। नशे में भी मुझे समझ आ गया की वो क्या करना चाहता है। मेरे पति चूत के शौक़ीन थे। मेरी गांड में उन्होंने आज तक ऊँगली भी न डाली थी। मैंने मना किया की आगे डालो मगर तब तक बॉस ने मेरी कमर पकड़ के इतना तेज झटका मारा की उनका आधा लण्ड मेरी गांड में घुस चुका था।
मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने गांड में खूंटा ठोक दिया हो मैं खूब तेज़ चिल्लाई मगर उसका अंदर घुसेड़ना जारी था। अब मुझे उसका लण्ड पेट पे महसूस हो रहा था। तभी उसने पूरा लण्ड बाहर खींचा और फिर एक झटके से अंदर डाल दीया। गप्प की आवाज हुई। मेरा मुंह खुला का खुला रह गया। कराह भी न निकली थी मुंह से, इस बार।
अब उसने थोडा रुक के मेरी चूत सहलानी शुरू की। पांच मिनट बाद जब थोड़ा दर्द कम हुआ तो उसने गांड की चुदाई शुरू की। हर झटके में गप्प से आवाज होती थी। दस मिनट तक ऐसे ही दर्दनाक धक्के झेलती रही मैं। उसके बाद चूत में कुछ कुछ होने लगा। तभी बुड्ढे ने मुझे वापस घोड़ी से इंसान बनाया और खुद लेट के मुझे ऊपर आने को बोला। मैंने ऊपर बैठ के उसके लण्ड को गांड में लिया और स्प्रिंग की तरह ऊपर नीचे होने लगी।
उसके बड़े बड़े टट्टे मेरी चूत में छूते तो मज़ा आ जाता था। मैं मस्ती से चुद रही थी तभी मुझे बेड के बगल में शराब की बोतल दिखी। मैंने उठाई और जो थोड़ी सी बची रह गई थी वो पूरी पी गई।
बॉस बोला- वाह आज तो तू पूरी रंडी बन रही है। तेरा पति तुझे चोदता भी है या ऐसे ही तड़पती रहती?
मुझे गुस्सा आया तो मैंने ऊपर से ही चुदते हुए बॉस के गाल में एक थप्पड़ मारा और कहा तू अपना काम कर भड़वे। मेरे पति मुझे ऐसे चोदते हैं की तूने सोचा भी नही होगा।
उसको तिलमिलाने के लिए इतना काफी था। उसने मेरी दोनों दूधिया चूंची पकड़ी और मुझे अपनी ओर झुका के लं मेरी गांड से निकाला और मेरी चूत में डाल कर निचे से जोर लगा के चोदने लगा।
वो कहने लगा- ऐसे ही चोदता है या और तेज?
मैंने कहा- और तेज!
उसने धक्कों की स्पीड बढ़ाते हुए कहा- और तेज?
मैं तो जैसे जन्नत में पहुँच रही थी मैंने कहा- नहीं इससे भी तेज।
उसने और तेज चोदना शुरू किया। वो हांफ रहा था लेकिन चोदे जा रहा था। मैं भी झड़ने के करीब थी। मैं भी उसके सफ़ेद बालो वाले सीने पे होठ रगड़ रही थी। तीन चार धक्को बाद मैं झड़ गई।
मैंने बुड्ढे से रुकने को कहा मगर वो न माना। उसने मेरे दोनों हाथ पीछे पकड़ लिए और चोदना जारी रखा। बोला- आज तुझे पता चलेगा की रंडी कैसे चुदती है।
8-10 लंबे धक्कों के साथ वो मेरी चूत में ही झड़ गया।
अब तक वो भी थक चुका था और मुझे भी थकान बहुत हो रही थी मैं लेटते ही सो गई। सुबह जब नींद खुली तो मैं बॉस के पेट पे लेटी थी और उसका सोया हुआ लण्ड मेरी ठोड़ी और होठो के नीचे दबा था। तभी मेरे पति का फ़ोन आ गया वो अमेरिका में ऑफिस से ट्रेनिंग से लौट के होटल जा रहे थे। मैंने उनसे बात करी इतनी देर में बॉस की नींद टूट चुकी थी। उसने मुझे फिर घसीट लिया और एक बार फिर गांड का बाजा बजा डाला।
गांड चोदते हुए उसने पूछा- कैसी लग रही है, एक ही रात में तीसरी बार गांड चुदाई?
मै समझ गयी कि रात में जब मै नशे में थी तो इसने जरूर मेरी गांड मारी थी।
दोपहर में मैं अपने घर पहुची। टॉयलेट में जा के अपनी गांड में हाथ लगाया तो एकदम ढीली हो चुकी थी। मैंने तुरंत शीशे में जा के देखा मेरी गोरी गांड में जगह जगह नीले निशान पड़े थे। उसके बाद से उस बुड्ढे ने कभी फ़ोन नही किया मगर मुझे अपनी गांड चुदाई हमेशा याद रहेगी।
this story is good but it is bad that such type of non sence boss is there in MNC
nice chudai hai bhabhi ji
sweet fuck bhabhi ji aap bhoot khoobsurat hogi isiliye pti se jyada boss se mza mila happy fuck
Nice sex bhabhi…
Nice chudi bhudhe se
Nice chudai bhabhi
wow bahut bdhiya chudai thi
nice bhabhi aap ne to pati ke boss ko khus kardiya kya ap riyal me itni khubsurst he jese apne kaha aapka figar kya he
riplay jarur karna