मेरे पड़ोस में एक खूबसूरत भाभी रहने के लिए आईं. मैं उन्हें देखते ही उन पर फ्लैट हो गया. हालांकि शुरू – शुरू में वो मुझसे बात नहीं करती थीं. लेकिन जब मैंने उनके पति को नौकरी दिला दी, तब वो मुझसे बात करने लगीं…
हेल्लो दोस्तों, मैं सैफ एक बार फिर हाज़िर हूं आप सब के सामने अपनी एक नई और सच्ची कहानी लेकर. यह घटना मेरे साथ अभी कुछ दिन पहले ही घटी, लेकिन इतनी मस्त थी कि इसे बताने से खुद को रोक पाना मेरे लिया असंभव सा था. इसलिए अब ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे कहानी पर आता हूं.
बात अभी कुछ दिनों पहले की है. हमारे पड़ोस में एक नया जोड़ा शिफ्ट हुआ और ये कहानी उन्ही भाभी की है. कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको उन भाभी के बारे में बता देता हूं.
उनकी उम्र 24 साल की है और उनका बदला हुआ नाम सना है. उनका फिगर ऐसा कि अच्छों – अच्छों के मुंह में पानी ला दे. क्या चूचे थे यार! मैं तो देखते ही उनका फैन हो गया लेकिन उनसे बात करने का मुझे कोई मौका मिल ही नहीं रहा था.
धीरे – धीरे कई दिन बीत गए. जब वह मुझे दिखतीं तो मेरी नज़र उन पर टिक जाती थी. हालांकि, उनके पति से मेरी कभी – कभी बात हो जाती थी. वो बहुत ही गंभीर और मेहनती आदमी थे और अपने काम पर बहुत ध्यान देते थे.
एक दिन मैंने उन्हें काफी परेशान देखा तो मैंने पूछा कि क्या बात है भाईसाहब? वो बोले, “कुछ नहीं भाई, बस आज नौकरी छोड़ दी और नई जॉब भी नहीं मिली, इसलिए अभी प्रॉब्लम हो रही है”. इस पर मैंने कहा कि कोई नहीं मैं बात कारता हूं आपके लिए.
फिर अगले दिन मैंने उन्हें जॉब के बारे में बताया और वो तैयार हो गए. उनकी जॉब लग गई पर नाइट जॉब थी. पति को काम दिलाने की वजह से अब भाभी भी मुझसे बात करने लगी थीं. वो जब भी कुछ स्पेशल बनातीं मुझे जरूर खिलाती थीं. जब उनके पति जॉब पर जाते तो खाली समय में मेरे पास आ जातीं और बातें करतीं.
एक दिन बातो ही बातों में उन्होंने मुझसे पूछा कि आपने शादी क्यों नहीं की अभी तक? मैंने कहा, “आप जैसी कोई मिली ही नहीं”. यह सुन कर भाभी शरमा गईं और बोलीं, “अच्छा जी”. मैंने कहा, “हां जी, बिलकुल यही बात है, आप जैसी कोई हो तो बताना”. उन्होंने कहा, “ठीक है, वैसे गर्लफ्रेंड तो पक्का होगी ही!” मैंने कहा, “मेरी किस्मत में गर्लफ्रेंड का सुख कहां है”.
इस पर भाभी ने कहा, “ऐसे मत बोलो, इतने हैंडसम हो फिर भी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है”. मैंने कहा, “सच में भाभी कोई नहीं है”. फिर थोड़ा रुक कर मैंने कहा, “आप ही बन जाओ न मेरी गर्लफ़्रेंड”. यह सुन कर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “पागल हो क्या, मैं शादीशुदा हूं”. मैंने कहा, “तो क्या हुआ भाभी, क्या प्रॉब्लम है?”
इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और मेरे पास से उठ कर चली गईं. भाभी मुझसे नाराज हो गई थीं और हमने कई दिन बात नहीं की. फिर एक दिन मैं अपने कमरे में बैठा था तभी भाभी आ गईं और पूछने लगी, “क्या हुआ आज कल आपने मुंह क्यों बनाया हुआ है?” मैंने कहा, “मैंने तो नहीं बनाया, आप ही नाराज हो”.
तब भाभी ने कहा, “नाराज नहीं हूं यार, आपने जो बात बोली है, डर लगता है कि किसी को पता चल गया तो बदनामी होगी”. बस भाभी का इतना कहना था कि मैं खड़ा हुआ और भाभी को पीछे से हग कर लिया. फिर मैंने कहा, “बस इतनी सी बात, ये बाताओ मैं आपको पसंद हूं कि नहीं”. इस पर भाभी शरमा गईं और बोली, “हां”.
यह सुन कर मैं खुश हो गया और भाभी के गालों पे एक जोर की पप्पी दे दी. वो शरमा के बाहर चली गईं. अब मेरी लाइन साफ थी. मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था. उस दिन फिर कुछ बात नहीं हुई. मैंने भी भाभी के नाम की मुट्ठी मारी और सो गया.
अगले दिन मै रोज़ की तरह उठा और जॉब के लिए निकल गया. जाते टाइम मैंने भाभी को देखा तो वो मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं. मैंने भी उन्हें आंख मारते हुए एक फ्लाइंग किस दे दी और जॉब पर चला गया.
शाम को कुछ काम था इसलिए मैं घर देर से आया. तब तक उनके पति जॉब पर जा चुके थे और वो घर में अकेली थीं. कपड़े चेंज करने के बाद मैं उनके कमरे में गया. इस टाइम वो किचन में खाना बना रही थीं. मैं वहां पहुंच गया और मैंने उन्हें पीछे से पकड़ कर उनकी गर्दन पर किश करने लगा. वो मना कर रही थीं और कह रही थीं, “सैफ नहीं, ऐसा मत करो प्लीज़”. इस पर मैंने कहा, “भाभी, आज मत रोको प्लीज़”.
इतना कह कर मैंने उन्हें अपनी तरफ घुमाया और उनके नाजुक गुलाब से होंठों पर अपने होंठ रख कर किश करने लगा. पहले वो विरोध कर रही थी लेकिन जब होंठ से होंठ मिले तो फिर वो साथ देने लगीं. हम काफी देर तक किस करते रहे.
फिर मैंने उन्हें अपनी बाहों के उठा लिया और बेड पर लेटा कर किस करने लगा. वो भी मेरा साथ दे रही थीं. अब मैं कभी उनके गालों पर तो कभी गर्दन पर किश कर रहा था. मेरे ऐसा करने से भाभी मदहोश हो रही थीं और फिर वो भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगी और कहने लगी, “लव मी सैफ, मुझे प्यार करो”.
यह सुन कर मैंने धीरे से भाभी की साड़ी निकाली और उनकी कमर पर किश करने लगा. इससे वो मचलने लगीं. फिर मैंने धीरे – धीरे उनका ब्लाउज़ निकाल दिया और उनके मोटे – मोटे चूचों को अपने हाथो में लेकर दबाने लगा. अब वो जोर – जोर से सिसकारियां भरने लगीं, “आह उम्म ओह्ह हां हां” और भी पता नहीं क्या – क्या बोल रही थीं.
थोड़ी देर बाद फिर मैंने उनकी ब्रा निकाल दी और भाभी के चूचों को आजाद कर दिया. उनके गुलाबी मम्मों के ऊपर भूरे रंग का निप्पल बहुत ही मस्त लग रहा था. उन्हें देखने के बाद मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उनको मसल – मसल के चूसना शुरू कर दिया.
चूचियों पर मेरे होंठ लगते ही भाभी किलकारियां भरने लगी थीं. बहुत मज़ा आ रहा था. धीरे धीरे फिर मैं नीचे आया और उनकी टांगों के बीच में आकर भाभी की चूत को पेंटी के ऊपर से ही दबाने लगा. अब भाभी मचलने लगीं और कहने लगीं, “प्लीज़ अबत तड़पाओ चोद दो मुझे”.
उनके मुंह से यह प्यारी सी बात सुन कर मैंने उनकी पेंटी को निकाल दिया और भाभी के चूत पर टूट पड़ा. अब मैं उनकी चूत पर मुंह रख कर चाटने लगा. साथ में मैं उंगली से भी उनकी चूत को छोड़ रहा था. भाभी जोर – जोर से सिसकारियां ले रही थीं. मैं कभी उनकी चूत को चाटता तो कभी काटता. भाभी भी मेरे बालों को पकड़ कर मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थीं.
थोड़ी देर बाद फिर मैंने उनकी चूत से अपना मुंह हटाया और खुद बेड पर लेट गया. भाभी मेरा इशारा समझ गईं और उन्होंने झट से मेरी शर्ट उतार कर मेरी छाती पर किश करने लगी और गर्दन पर भी चूमने लगी.
फिर धीरे – धीरे उन्होंने मेरी पैंट को भी उतार दिया और मेरे लौड़े को अंडर वियर के ऊपर से ही दबाने लगीं और कहने लगीं, “कब से मैं इसे प्यार करना चाहती थी पर आज मौका मिला”. इतना कहने के बाद वो मेरे लंड को प्यार से देख कर हाथ फेरने लगीं और फिर थोड़ी ही देर बाद उसे घप्प से मुंह में लेकर चूसने लगीं. आह दोस्तों, कितना मज़ा आया मैं बता नहीं सकता.
काफी देर तक लंड चूसवाने के बाद फिर मैंने भाभी को नीचे लिटाया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा. अब भाभी तड़पने लगीं और कहने लगीं, “डाल दो प्लीज़, अब बर्दास्त नहीं होता”. फिर मैंने एक झटके में ही अपना पूरा लंड भाभी की चूत में उतार दिया. चूंकि भाभी अपने पति से लगभग रोज ही चुदती थीं, इसलिए लंड अंदर जाने में कोई दिक्कत नहीं हुए. मेरा लंड फच्च की आवाज करता हुआ उनकी चिकनी चूत में घुस गया.
अब मैं जोरदार तरीके से चुदाई करने लगा. उनकी चूत से लगातार पानी निकल रहा था, इसलिए पूरे कमरे फच्च – फच्च की आवाज गूंज रही थी. मैं अलग – अलग पोजीशन में भाभी को चोदता रहा और भाभी मज़े से सिसकारियां ले – ले कर चुदाई का मज़ा ले रही थी. उनके मुंह से लगातार “ओह्ह आह आह हां चोदो और चोदो, जोर से चोदो मुझे” जैसी आवाजें आ रही रही थीं.
फिर मैंने भाभी को पलट कर पीछे से उनकी चूत में लंड पेल दिया और चुदाई करने लगा. भाभी को एक दम मस्त हो चुकी थीं और उनकी चूत कई बार पानी छोड़ चुकी थी. अब मेरा भी होने वाला था, इसलिए मैंने चूत से लंड निकाल कर भाभी के मुंह में डाल दिया और दो – चार झटके लगाने के बाद सारा माल उनके मुंह में ही छोड़ दिया.
इसके बाद हम शांत हो गए. फिर मैं और भाभी थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे. थोड़ी देर बाद हमने फिर एक राउंड लगाया और फिर अपने कमरे में आकर सोने लगा. अब जब भी मुझे मौका मिलता मै भाभी को चोदता हूं. भाभी मुझसे बहुत खुश रहती हैं।
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