पत्नी के साथ वफादारी कर मैंने भाभी को चोदा

मेरी उंगलियां बड़ी नजाकत से उसके निप्पल्स को टच कर रही थीं. वो सिसकियां लेने लगी थी. फिर मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया. मैं बिल्कुल किसी छोटे बच्चे के जैसे चूस रहा था. इतना आनंद आ रहा था दोस्तों, मैं बता नहीं सकता…

हेल्लो दोस्तों, सभी अन्तर्वासना के पाठक भाइयों तथा भाभियों की प्यारी होंठ जैसी गुलाबी चूतों को आरव का नमस्कार. दोस्तों, मैं गुजरात के सूरत शहर का रहने वाला एक युवा हूँ. मेरी उम्र 30 साल है. मैं यहां इस कहानी के माध्यम से अपने साथ हुए एक सत्य अनुभव को कहने जा रहा हूँ. उम्मीद है आप सबको पसंद आएगी.

मैं मेरी मैरिज लाइफ से बहुत संतुष्ट हूँ और मेरी बीवी भी मुझसे बहुत खुश है. ये कहानी मेरी पड़ोस में रहने वाली भाभी की है, जिसने मुझे मेरी वफ़ादारी का ईनाम दिया. उनका नाम सोनल है और वो भी वैसे ही खूबसूरत हैं. एक दम परफेक्ट फिगर की. क्या बताऊँ दोस्तों, क्या क़यामत लगती है! हमारी पूरी सोसाइटी के पुरुष उसके नाम की मुठ मारते होंगे.

मैं भी उसकी खूबसूरती का दीवाना था पर कभी मैंने उसको उस नजर से नहीं देखा. वो मेरे बाजू के मकान में रहती है. उसका पति मेरा अच्छा दोस्त है. चूंकि हम सब हम उम्र थे तो हम चारों लोग घूमने और मूवी देखने साथ में ही जाते है.

हम आपस में बहुत घुल मिल चुके थे. दोस्तों, जब लेडीज आपस में बात करती है तो वो अपनी निजी समस्या भी बताती है. एक बार मेरी वाइफ और सोनल में सेक्स की बात हुई तो उसने बताया कि उसके पति हार्दिक का लौड़ा 4 इंच का है तो बहुत ज्यादा मजा नहीं आता.

फिर मेरी वाइफ ने उससे बताया कि आरव का लौड़ा तो देखते ही प्यार करने को मन करता है. उस दिन के बाद से वो मुझे ऐसी ही नजर से देखने लगी थी, पर वो जानती थी कि मैं उसकी बहुत रिस्पेक्ट करता हूँ. धीरे – धीरे वो मेरे साथ ज्यादा चुलबुली हो गयी.

एक दिन मेरी बीवी के मायके में उसके सबंधी की शादी थी तो उसको चार – पाँच दिन के लिए वहां जाना था. इसलिए उसने मेरा सारा काम सोनल को बता दिया और खाना भी उसके घर पर खाने को बोल के वह चली गई.

फिर एक दिन के बाद हार्दिक के गांव में उसके फॅमिली में किसी की मौत हो गई तो उसको उस रात ही जाना पड़ा. जब मैं उसको बस के लिए छोड़ने गया तो उसने बताया कि सोनल की अभी वहां ऐसी जरुरत नहीं है, इसलिए नहीं ले जा रहा हूँ. तुम उसका ध्यान रखना, मैं दो दिन में आ जाऊँगा.

उसके छोड़ कर मैं घर पहुंचा और बेड पर जाकर सो गया. इतने में सोनल का कॉल आ गया. वह सुबह के नाश्ते के बारे में पूछ रही थी. तो मैंने बताया कि मैं सुबह नाश्ता नहीं करता. इस पर वह बोली कि आरती क्या सोचेगी कि मैंने आपको नाश्ता भी नहीं करवाया. फिर मैं बोला, “ठीक है, कुछ भी चलेगा.”

सुबह उठ कर तैयार होकर जब उसके घर गया तो वह नहाने गयी थी. यह देख मैं न्यूज़ पेपर पढ़ने लगा. जब सोनल नहा कर बाहर आई तो उसको देख कर मेरा लन्ड तन गया था. दोस्तों क्या लग रही थी वो! उसने टीशर्ट पहनी हुई थी और उसके अंदर ब्रा नहीं पहनी थी.

वो मेरे पास आकर बैठ गयी और बोली कि मुझे आपसे एक बात करनी है. आप आरती के प्रति कितने वफादार हैं? मैंने कहा कि वह मेरी लाइफ है. तो उन्होंने कहा कि हार्दिक मेरी जान है पर अगर आप बुरा न मानें तो एक बात बोलूं. मैंने सिर हिलाया तो बोलीं, “क्या हम एक ऐसे रिलेशन में रह सकते हैं, जिसमे आपको कभी अपनी वफादारी पर शक ना हो?” इस पर मैं बोला, “मैं आपकी बात समझा नहीं.” लेकिन दोस्तों, वास्तव में, मैं उसकी पूरी बात समज गया था कि वह क्या कहने वाली है.

फिर उसने बोला कि मैं एक ऐसा प्यारा दोस्त चाहती हूँ, जो मेरे दुःख को समझे और दुनिया भी हमारे सबंध को गलत ना समझे. फिर उसने कहा कि आरती ने मुझे बताया था कि आपका वो बहुत बड़ा है. तो यदि आपको कोई प्रॉब्लम न हो तो मुझे आपके साथ एक बार सेक्स करना है.

मैं उसकी इतनी साफ बात सुन कर दंग ही रह गया. मैं अपने आप पर विश्वास ही नहीं कर पा रहा था, पर वह सच था. अब मेरे घोड़े सातवें आसमान पर उड़ रहे थे कि जिसके पीछे पूरी कायनात है वह मेरे पीछे पड़ी है और वो भी मेरी वफ़ादारी की वजह से. क्योंकि वह जानती थी कि मैंने कभी उसको ऐसी नजर से देखा ही नहीं है.

फिर मैंने एक शर्त रखी कि तुम्हारा हार्दिक के प्रति प्यार कभी कम नहीं होना चाहिए और हम दोस्त ही रहेंगे. इस पर उसने हां बोल के मुझे अपने गले से लगा लिया.

शाम को जल्दी वापस आने का बोल कर मैं काम पर चला गया और शाम को जब मैं वापस आया तो देखा कि उसका दरवाजा बंद है. फिर मैंने डोर बेल बजाई तो जब वो दरवाजा खोलने आई तो उन्होंने वन पीस पहना था. उसे देख कर अंडरवियर से मेरा लौड़ा बाहर आने को तड़पने लगा.

फिर मैंने दरवाजा बन्द किया और उसको कसके हग कर लिया और फिर उसके लिप पर मेरा मुंह रुकने का नाम नहीं ले रहा था. क्या रसीले लिप्स थे यारों! अब मैं पीछे से उसकी गांड को दबाने लगा और मेरी छाती उसके बूब्स के साथ ऐसे सेट हो गए कि जैसे फेविकॉल लगा हो.

फिर मैंने उसको उठा लिया और उसके बेडरूम में ले आया और उसको लेटा दिया. वो मुझे प्यासी नजरों से देख रही थी. ऐसा लग रहा था कि बरसों की प्यासी हो. मैं उसके बूब्स देखने के लिए इतना बेक़रार था कि मेरे से उसका वन पीस फट गया. अब मैं किसी जंगली की तरह उस पर टूट पड़ा.

क्या मस्त बूब्स थे उसके! एक दम गोरे. उन पर उंगली भी लग जाए तो भी लाल हो जाये. फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और धीरे – धीरे उसके गले पर किस करने लगा. मेरे दोनों हाथ उसके बूब्स को दबा कर रहे थे.

मेरी उंगलियां बड़ी नजाकत से उसके निप्पल्स को टच कर रही थीं. वो सिसकियां लेने लगी थी. फिर मैंने उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया. मैं बिल्कुल किसी छोटे बच्चे के जैसे चूस रहा था. क्या आनंद आ रहा था दोस्तों, मैं बता नहीं सकता!

मेरा एक हाथ उसके बूब पर और दूसरा धीरे से उसकी पैंटी में चला गया. वो पूरी गीली हो गई थी. इस दरम्यान उसने मेरा शर्ट खोल दिया और फिर पैंट का बेल्ट खोलने लगी. मेरा पैंट उतार के उसने मेरी अंडर वियर में हाथ डाल दिया और मेरा लौड़ा हाथ में लेकर मेरी तरफ देखके ऐसे एक्सप्रेशन दिए कि बहुत बड़ा है.

फिर उसने मेरी अंडर वियर भी उतार दी और मेरे लौड़े को किस करने लगी. फिर वो उसे मुंह में लेकर चूसने लगी. उसे देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो. मेरा पूरा लन्ड उसने चूस कर गीला कर दिया था.

इसके बाद मैंने उसको 69 की पोजिशन में लेकर उसकी चूत का टेस्ट लिया. उस दरमियान वह झड़ चुकी थी और मेरे लन्ड से भी वीर्य निकल चुका था. बाद में फिर उसने मेरा लन्ड चूस के खड़ा किया. वो इतनी प्यासी थी कि उसके मुंह से ‘आअह्ह आहहहह’ की आवाज बन्द नहीं हो रही थी.

फिर मैंने उसके दोनों पैर को ऊंचा किया और मेरे कंधे पर रखा. अब मैंने मेरा लौड़ा उसकी चूत पर रखा। मैं पहले धीरे से अंदर डालने की कोशिश कर रहा था पर उसकी चूत बहुत ही टाइट थी तो मैंने उसको बोला कि थोड़ा दर्द मेरे नाम से सह लेना. इतना बोल कर फटाक से धक्का दिया तो आधा लन्ड अंदर चला गया और वह चिल्ला पड़ी.

मैं मानने वालों में से नहीं था. फिर मैंने दूसरा धक्का दिया तो मेरा पूरा लन्ड ही अंदर चला गया. अब उसकी आँख में आंसू आ गए थे, लेकिन मैं रुका नहीं और लन्ड अंदर – बाहर करने लगा.

अब मैंने झटके शुरू कर दिए. थोड़े समय में सब नार्मल हो गया और वह मेरा साथ देने लगी. अब वो ‘मेरी प्यास बुझा दे मेरे आरव’ कह कर ऊपर नीचे होने लगी.

बाद में मैंने उसको मेरे ऊपर बैठा के चोदा और लास्ट में डोगी पोजिशन में भी चोदा. अंत में मैंने मेरा वीर्य उसके चूत में छोड़ दिया. अब मैं थक गया था तो नीचे उतर कर लेट गया और वह मुझे अपनी मुंह से हवा देने लगी.

क्या दिन था यारों! उन दो दिनों में मैंने सोनल को 10 बार चोदा और वो भी अलग – अलग अंदाज में. उन 3 दिनों के बाद हमारी लाइफ पहले जैसी नार्मल हो गयी और हम चारों लोग पहले जैसे ही रहने लगे. अब ऐसा लग रहा था, जैसे कि पहले कुछ हुआ ही ना हो. अब टाइम मिलने पर मैं सोनल को अभी भी चोदता हूँ, लेकिन अपनी वफादारी में रह कर.

आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी? आप मुझे मेल करके जरूर बताएगा. मेरी ईमेल आईडी – [email protected]