पुलिस वाली चाची को पत्नी बनाकर चोदा

मेरी चाची पुलिस में एक अधिकारी थीं और चाचा भी एक सरकारी कर्मचारी थे. चाचा घर में कम ही रहते थे. एक बार मैं उनके घर गया. तब चाचा के बाहर जाने पर चाची मेरी पत्नी बन गईं और मुझसे खूब चुदीं…

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम प्रीतम है और मैं पुणे का रहने वाला हूँ. मैं आज पहली बार अपनी लाइफ की एक सच्ची घटना लेकर आप लोगों के सामने हाजिर हूँ. इसी घटना से मैंने पहली बार सेक्स का मज़ा लिया था. यह कहानी मेरी आैर मेरी चाची की है. आज उसी अपने पहले मजे को कहानी के रूप में लिख कर आप लोगों के साथ शेयर करने आया हूँ. उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी.

बात उन दिनों की है जब मैं 22 साल का था. मैं एक कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रहा था. एक बार कॉलेज की छुट्टी में मैं अपनी चाची के घर गया. दोस्तों, मेरी चाची भी पुणे की ही रहने वाली हैं. वह पुणे शहर में एक पुलिस अधिकारी हैं.

आपको तो पता ही है कि पुलिस की नौकरी करने वाले कैसे होते है! पर मेरी चाची वैसी नही हैं वह बहुत प्यारी और दयालु हैं. मेरी चाची को एक लड़की है. वह छठीं कक्षा मैं पढती है. मेरे चाचा एक कृषि अधिकारी हैं इसलिए वे हमेशा बाहर ही रहते हैं.

जब मैं उनके घर पहुंचा तो घर पर मैं, चाचा, चाची और उनकी लड़की सिर्फ चार ही लोग रहते थे. दोस्तों, हफ्ते में सिर्फ एक या दो दिन ही चाचा को घर पर रहना था और उनकी लड़की रोज सुबह स्कूल चली जाती थी और उसके जाने के बाद चाची भी अपने ऑफिस के लिए निकल जाती थीं. इसलिए घर पर मैं अकेला ही रह जाता था.

मेरे वहां पहुंचने के 3 दिन बाद ही चाचा करीब एक महीने के लिए फॉरेन ट्रिप पर निकल गये. अब बस घर पर हम तीन लोग रह गये थे. चाची की लड़की आैर चाची के घर से जाने पर मैं बहुत बोर होने लगता था. इसलिए एक दिन उनके घर से जाने के बाद मैं मार्केट चला गया.

वहां पर घूमते – घूमते मुझे एक डीवीडी हाऊस दिखाई दिया. तब मैं वहां पर चला गया. वहां मैंने बहुत सारी फिल्मों की डीवीडी देखी लेकिन कोई पसंद नहीं आ रही थी.

तभी मेरे दिमाग में आया कि घर पर कोई नही है तो क्यों न ब्लू फ़िल्म देखी जाए. फिर क्या था, अब मैंने उस दुकानदार से ब्लू फ़िल्म की डीवीडी के बारे में पूछा तो उसने मुझे कई सारी डीवीडी दिखाई. पसंद आने पर मैंने झट से दो डीवीडी खरीद ली और घर पर चला आया.

घर आकर मैंने डीवीडी चालू की और देखने लगा. उसमें मैंने देखा कि एक लेडीज पुलिस अफसर किसी आदमी के घर जाती है और फिर वह आदमी उस अफसर को चोदने लगता है.

उस डीवीडी को देख कर मेरा भी मन अपनी चाची को चोदने का मन करने लगा. दोस्तों, ये पहली बार था जब मेरे मन में चाची के लिए ऐसा खयाल आया था. अब मुझे चाची में इंटरेस्ट आने लगा था. उनके बारे में सोच – सोच कर मेरा 6 इंच का लौंडा और सख्त हो गया था. अब मैं उसे हिलाने लगा था. फिर थोड़ी ही देर में मेरा पानी गिर गया और मैं शांत हो गया.

उस दिन के बाद मैं चाची को गंदी नजर से देखने लगा. दोस्तों, मेरी चाची दिखने में बहुत सेक्सी थीं. उनके चूचे और गांड इतने गोलाकार और थे कि उन्हें देखते ही मेरा मन करने लगता था कि उन्हें दबोच लूं और कस के मसल दूं.

उस दिन के बाद से मैं रोज चाची को गौर से देखता था. दोस्तों, मेरी चाची जब घर पे रहती तो वो सारा दिन गाउन में रहा करती थीं. इसलिए जब वह मेरे सामने किसी काम से झुकतीं तो मुझे उनके दो बड़े – बड़े रसगुल्ले दिख जाते थे और उन्हें देखते ही मेरा लन्ड झट से खड़ा हो जाता था.

एक दिन चाची की छुट्टी थी और चाचा अपनी ट्रिप पर ही थे. चाची की लड़की अपने स्कूल चली गई थी. उस दिन चाची ने गरमा – गरम खाना पकाया और हम दोनों ने साथ में ही खाना खाया. खाने के बाद फिर चाची सोने के लिए चली गई और मैं हॉल में बैठ कर टीवी देखने लगा.

थोड़ी देर बाद मेरे दिमाग में वही सब कुछ फिर से आने लगा और यह सोचते ही मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया. अब मैं झट से उठ कर मुठ मारने के लिए बाथरुम मैं घुस गया.

बाथरुम के अंदर जाने पर वहां मुझे चाची की पैंटी दिखाई दी. फिर मैंने उसे उठाया और उस को सूंघ कर अपना लंड हिलाने लगा. लन्ड हिलाने में मैं इतना मग्न हो गया कि बाथरूम के दरवाजे की कुंडी लगाना भी भूल गया.

मैं चाची की पैंटी सूंघ कर मज़े से अपने लौंडे को हिला रहा था. तभी मेरा ध्यान पीछे की तरफ चला गया. मैंने देखा कि दरवाजे पर चाची खड़ी थीं. उन्हें देख कर मैं बहुत डर गया और डर की वजह से मेरा लौंडा भी ठंडा पड़ गया.

दोस्तों, मेरे हाथ में अभी भी चाची की पैंटी थी और चाची ने उसे देख ली थी. फिर चाची मेरी तरफ गुस्से से देख कर वहां से चली गईं.

मैं इतना डर गया था डर के मारे बाथरूम से बाहर ही नहीं आ रहा था. थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत की और बाहर आया. फिर मैं सीधे जाकर हॉल बैठ गया और सोचने लगा कि कहीं चाची मेरे घर पर या चाचा को ये बात ना बता दें.

मैं काफी देर तक वहां ऐसे ही बैठा रहा. करीब 20 मिनट बाद चाची हॉल में आईं और आकर मेरे सामने बैठ गईं. यह देखते मैंने झट से चाची की माफी मांग ली और किसी से कुछ ना कहने को कहा. साथ ही मैंने आज के बाद ऐसी हरकत कभी न करने को भी कहा और फिर वहां से उठ कर चलने लगा.

तभी चाची ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपनी तरफ खींच लिया. मुझे कुछ भी समझ में आए इससे पहले ही चाची ने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिया. यह देख मैं चौंक गया और चाची को दूर धकेला. तभी चाची ने मुझसे कहा कि तुम भी मुझे बहुत पसंद हो और मैं तुमसे चुदवाना चाहती हूँ.

चाची के मुँह से ऐसा सुनते ही मैं उन पर टूट पड़ा. फिर मैंने उनको अपने पास खींच लिया और उन्हें किस करने लगा. अब चाची सिसकारियां लेने लगीं थीं. थोड़ी देर बाद चाची ने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और उसको पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगीं.

यह देख मैंने उन्हें खड़ा किया और एक ही झटके में उनकी मैक्सी को खोल दिया. उन्होंने ब्रा और पैंटी भी नहीं पहन रखा था. मैक्सी खुलने पर वह मेरे सामने पूरी तरफ से नंगी हो गईं. वह बहुत ही खूबसूरत थीं. अब मैं उनके बदन को निहारने लगा.

तभी चाची ने मुझे सोफे पर धकेल दिया और खुद भी मेरे ऊपर गिर पड़ीं. इसके बाद उन्होंने मेरे सारे कपड़े खोल दिए. अब मेरा खड़ा लन्ड उनके सामने था. उसे देखते ही उन्होंने मुंह में भर लिया और मस्ती में चूसने लगीं. इस दौरान मैं उनके दोनों चूचियां को पकड़ कर मसल रहा था.

थोड़ी देर बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए. फिर जैसे ही मैंने उनकी चूत पर अपनी जीभ लगाई वह चिहुंक उठीं. फिर मैं उनकी चूत चाटने लगा. बीच – बीच में मैं अपने होंठों से उनकी भगनासा को भी खींच लेता था जिससे वो एक दम उत्तेजित हो जातीं.

फिर मैंने अपनी जीभ को नुकीला किया और चूत में घुसेड़ दिया और अंदर – बाहर करने लगा. उनकी चूत से खारा पानी रिस रहा था. जिसे मैं पूरा चाट गया. अब उनसे रहा नहीं गया तो उन्होंने मेरा लन्ड छोड़ दिया और कहा – प्रीतम, अब देर न करो जल्दी से अपना लन्ड मेरी फुद्दी में डालो और इसकी वर्षों की प्यास बुझा दो.

तब मैंने पूछा क्यों चाचा नहीं बुझाते क्या? तो वह बोलीं कि उनके पास टाइम ही कहां है मेरी प्यास शांत करने के लिए. मैं सालों से नहीं चुदी हूँ. यह सुनते ही मैं और उत्तेजित हो गया.

अब मैं सीधा हुआ और लन्ड को उनकी चूत के छेद पर रख दबाव बनाने लगा. मेरा लन्ड धीरे – धीरे फिसलता हुआ उनकी चूत में चला गया. उन्हें दर्द हुआ लेकिन वह पहले भी चुद चुकीं थीं इसलिए उन्हें सब पता था कि आगे मज़ा ही मज़ा है. दोस्तों, उनकी चूत सच में बहुत टाइट थी.

अब मैं धक्के लगाने लगा. मेरे हर धक्के के साथ वह आह आह ऊह ऊह की आवाज निकाल कर मेरा उत्साह बढ़ा रही थीं. मैं लगातार धक्के दे रहा था और साथ में ही उनके चूचे भी मसल रहा था. करीब 20 मिनट बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और फिर उनके ऊपर ही लेट गया. इस दौरान वो भी दो बार झड़ चुकी थीं.

हम दोनों की प्यास अभी बुझी नहीं थी. फिर मैं उनके चूचे चूसने लगा. इसके बाद उस दिन एक बार फिर से मैंने उनको चोदा. अब तो हमारा यह रोज का सिलसिला बन गया था. जब तक चाचा नहीं आये हम लोग पति – पत्नी की तरह रहे. हम रात को एक ही बेड पर सोते और उनकी बेटी के सोने के बाद धमाका करते.

यह मेरी सच्चा कहानी थी. आप लोगों को कैसी लगी? मुझे ई-मेल करके जरूर बताएं. मेरा ई-मेल आईडी – [email protected]

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