सालों से प्यासी मौसी की प्यास बुझाई

मैंने भी देर न करते हुए मौसी के कपडे़ उतार दिए और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. अब मैं मौसी को अपनी जीभ से चोद रहा था. मौसी ने कहा राहुल अब मुझसे इंतजार नहीं होता, अपनी मौसी को चोद दे. मैंने भी समय न गवांते हुए लण्ड को उनके चूत के मुह पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड उनकी चूत में घुसता चला गया…

अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार. मेरा नाम राहुल है और मैं मुम्बई का रहने वाला हूँ. कहानी शुरू करने से पहले मैं आप सब को मेरे बारे में बता दूँ. मेरा कद 5 फुट 8 इंच है और मेरे लण्ड का आकार 7 इंच है, जो किसी भी लड़की या औरत को खुश कर सकता है.

अब मैं आपको अपनी आपबीती के बारे में बताता हूँ. मेरे घर से 8-9 किलोमीटर की दूरी पर मेरी मौसी का घर है. मेरी मौसी का नाम मीना है और उनकी उम्र 36 साल है, पर दिखने में तो वो 29 की हैं. उनका फिगर 34-28- 36 है. जिसे देख कर मेरा तो क्या, आप सभी का मन मचलने लगेगा. मेरी मौसी के दो बच्चे हैं एक लड़का और एक लड़की. उनके दोनों बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं.

मेरी मौसी के पति यानी मेरे मौसा एक पेट्रोल पंप में ठेकेदार हैं और घर कभी-कभी ही आते हैं. जब मैं 19 साल का हुआ तो मेरे अंदर भी कामवासना जागने लगी और मैं लडकियों और भाभियों की तरफ आकर्षीत होने लगा. मेरी मौसी हमारे घर आती जाती रहती थी, पर वो मुझे उस नजर से नहीं देखती थी. तो मैंने सोचा क्यों न मैं ही उनमें वासना जगाऊँ.

कई दिन बीत गए मुझे कोई मौका नहीं मिला. तभी एक दिन वो मौका आ ही गया जिस दिन का मुझे कई दिनों से इंतजार था. मौसा को पम्प के सिलसिले मैं 5-7 दिनों के लिए बाहर जाना पड़ा, तो मुझे मौसी के घर की जिम्मेदारी सौंपी गयी. जैसे बाजार से समान लाना आदि. मैं खुशी – खुशी उनके घर चल दिया.

उनके घर पहुंच कर जैसे ही मैंने डोर बेल बजायी मौसी ने दरवाजा खोला. मैं तो उन्हें देखता ही रह गया वो सिर्फ नाईट सूट पहने हुए थीं. उन्होंने मुझे अंदर आने के लिए कहा, और मैं अंदर जा कर सोफे पर बैठ गया. मौसी ने मुझे हांथ मुंह धो कर जल्दी से फ्रेश हो जाने के लिए कहा और कहा कि जल्दी से आ जाओ खाना भी तैयार है.

मैं फ्रेश होकर खाने की टेबल पर सबके साथ बैठ गया. मौसी ने खाना लगाया और हम सब खाने लगे. खाने के साथ – साथ हमारी बातें भी चल रही थी. मगर मैं मौसी को ही देखे जा रहा था. खाना खा कर सब लोग सोने चले गए.

मेरा और मौसी का रूम पास – पास ही था. सब के सो जाने के बाद जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैं दो बार मौसी के नाम की हत्थी मार कर नंगा ही सो गया. सुबह जब मेरी नींद खुली तो देखा कि टेबल पर चाय रखी है. इसका मतलब मौसी कमरे मेरे कमरे मेॉ आकर मुझे नंगा देख गयीं. अब मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं मौसी को मेरी सोच का पता तो नही चाल गया होगा. साथ ही मुझे खुशी भी थी कि चलो इसी बहाने ही सही लेकिन मौसी को मेरे लन्ड का दर्शन तो हो गया.

मैं बेड से उठा और बाथरूम की ओर जाने लगा तो मौसी ने मुझसे कहा रात को सोते समय कुछ तो पहन लेते. मैंने उनकी बात को अनसुना कर दिया और बाथरूम में चला गया और फिर से मौसी के नाम की हत्थी मारने लगा. मुझे ऐसा लगा कि कोई मुझे देख रहा है, शायद वो मौसी थीं. क्योंकि उस समय हम दोनों के अलावा कोई भी घर में नहीं था.

करीब 9 बजे मैं नास्ता करने के लिए आया. हम दोनों नास्ता करने के लिए कुर्सी पर बैठ गए. मौसी मेरे सामने वाली कुर्सी में बैठी थीं. उन्होंने मैक्सी पहन रखी थी. जिसमें ऊपर के दो बटन खुले थे. जिस कारण मुझे मौसी के चूचे साफ़ दिखायी दे रहे थे. मैं मौसी के चूचे को ही देख रहा था कि मौसी ने मेरी नजर को ताड़ लिया और बोली – क्या देख रहे हो?

मैंने कहा – कुछ नहीं मौसी, बस वैसे ही.

मौसी ने कहा – ऐसे ही तो नहीं देख रहे हो.

मैंने कहा – नहीं मौसी, मैं कुछ नहीं देख रहा हूँ.

तो मौसी ने शरारत भरे लहजे में कहा – फिर सुबह जो मैंने बाथरूम में देखा था वो क्या था?

मैं डर गया. मैंने सोचा अब मौसी सबको बता देंगी.

मैंने कहा – मौसी, किसी को मत बताना. आप जो कहोगी मैं वो करूंगा. प्लीज़ मौसी.

मौसी ने कहा – अच्छा ठीक है. मैं किसी को नहीं बताउंगी, पर तुम्हें मुझे खुश करना पड़ेगा.

मैंने कहा – हाँ मौसी, मैं सब कुछ करूँगा, कहो तो सही क्या करना है?

मौसी ने कहा – तुम्हें मेरी प्यास बुझानी पड़ेगी.

मैंने (मन ही मन खुश होते हुए) कहा – कौन सी प्यास मौसी?

मौसी ने कहा – जो तुम्हारे लण्ड से बुझेगी.

मुझे तो इसी का इंतजार था. मौसी के ऐसा कहते ही मैं मौसी पर टूट पड़ा और उनके होंठों को चूसने लगा. तभी मौसी ने कहा – यहां नहीं बेडरूम में चलते हैं. मैंने मौसी को गोद में उठाया और उन्हें ले जाकर बेडरूम में बिस्तर पर पटक दिया और उनके होंठों को चूसने लगा. तभी मौसी ने मेरी शर्ट और पैंट उतार दिया और मुझे नंगा करके मेरा लण्ड चूसने लगीं. मानो वो कई सालों से प्यासी हों.

मैंने भी देर न करते हुए मौसी के कपडे़ उतार दिए और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए. अब मैं मौसी को अपनी जीभ से चोद रहा था. मौसी ने कहा राहुल अब मुझसे इंतजार नहीं होता, अपनी मौसी को चोद दे. मैंने भी समय न गवांते हुए लण्ड को उनके चूत के मुह पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड उनकी चूत में घुसता चला गया.

मौसी के मुंह से चीख निकल गयी. मैंने कहा मौसी आप तो मौसा से कई बार चुद चुकी होगी, फिर भी आपको इतना ज्यादा दर्द हो रहा है. मौसी ने कहा तेरे मौसा ने 5-6 सालों से मेरी चूत नहीं मारी है. यह सुनते ही मैं पूरी ताकत से मौसी को चोदने लगा और दूसरे धक्के में मैंने पूरा लंड अपनी मौसी की चूत में उतार दिया. मौसी जोर – जोर से चिल्ला रही थी, चोद मुझे राहुल चोद मुझे, चोद – चोद कर आज मेरी चूत की इस आग को ठंडा कर दे, बहुत परेशान करती है ये मुझे.

मौसी की चीखें मुझे और भी उत्तेजित कर रही थी. मैं जोर – जोर से धक्के लगाये जा रहा था. मौसी को भी मजा आने लगा था और वो अपनी गांड उठा – उठा कर चुदवाने लगीं. फिर मौसी ने मुझसे कहा – राहुल, मुझे कुतिया बना कर चोदो. फिर मैंने उन्हें कुतिया बनाया. वो अपनी गांड एकदम ऊपर करके कुतिया बन गईं. जिससे उनकी चूत खुल कर मेरे सामने आ गई और मैं कुत्ते के जैसे उनके ऊपर चढ़ गया और लंड को चूत पर सेट करके जोर – जोर से धक्के लगाने लगा.

इस पोजीशन में मैं अपने को ज्यादा देर तक न रोक सका. मेरे धक्कों की रफ़्तार तेज होने लगी और 20 – 25 धक्कों के बाद हम दोनों एक ही साथ झड़ गए. अब मेरा लंड ढ़ीला होकर चूत से बाहर निकल आया और मौसी की चूत से अब मेरा वीर्य नीचे टपकने लगा.

कुछ ही देर में फिर से मौसी ने मेरा लण्ड चूस कर खड़ा कर दिया. मैंने मौसी से कहा – मौसी अब मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूं. मौसी ने कहा – तुम्हें जो करना है करो. अब से तो मैं तुम्हारी रांड हूँ. तभी मैं तेल की सीसी लाया और ढ़ेर सारा तेल मौसी की गांड में लगा दिया और जल्दी से अपना लण्ड गांड में पेल दिया. मौसी चीखने लगी. शायद मौसी पहली बार गांड मरवा रही थी. फिर मैंने उनकी गांड मारकर अपनी वासना को शांत कर लिया. उस दिन से हम जब भी मिलते हैं, हमेशा अपनी प्यास बुझाते हैं.

तो दोस्तों आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताएं.

[email protected]

5 thoughts on “सालों से प्यासी मौसी की प्यास बुझाई”

Leave a Comment