रात भर चाची को जमकर चोदा

उधर वो मेरा लंड एक भूखी शेरनी की तरह चूसे जा रही थी. मैं भी बीच – बीच में उनकी गांड में उंगली कर देता था. जिससे उनका मुंह मेरे लंड पर और दबाव बना देता था. जब उनसे रहा नहीं गया तो उन्होंने मुझे अपने ऊपर आने को कहा…

हेलो फ्रेंड्स, मैं मेरा नाम समीर है और मैं गुजरात के अहमदाबाद से हूँ. मैं पिछले काफ़ी सालों से अंतर्वासना की कहानियां पढ़ता हूँ. मुझे लगता है कि जब तक आप खुद की कहानी न बताएं, तब तक आप कितनी भी झूठी कहानी लिख लें पढ़ने वालों को मज़ा नहीं आता.

आज मैं आपको मेरे साथ हुई एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने जा रहा हूँ. मेरी यह कहानी कैसी है, पढ़ कर मुझे जरूर बताइएगा.

आज से करीब 2 साल पहले मेरी चाची अपने बेटे के साथ हमारे घर पर छुट्टियां मनाने आई थी. उनका नाम शिल्पा है. मेरे चाचा की राजकोट में फैक्ट्री है तो वो उन दोनों को घर पर छोड़ के वापस चले गये थे.

जब मुझे पता चला कि शिल्पा चाची यहाँ 2 महीने रुकने वाली हैं तो मेरी अंतर्वासना जागने लगी. क्योंकि चाची हैं ही इतनी सेक्सी. 34-28-40 का उनका फिगर, उनकी सेक्सी और हॉट चाल! कुल मिला के लंड खड़ा करने के लिए काफ़ी मस्त माल हैं वो.

चाचा के चले जाने के बाद चाची यहां मेरे साथ वक़्त बिताने लगीं. हम इधर – उधर की बातें करते और गेम्स खेलते थे. ऐसा करते – करते मेरी उनको चोदने की इच्छा और बढ़ती गयी. उधर चाचा के बिना उनका भी बुरा हाल था.

एक दिन वो मेरे फोन में गेम्स खेल रही थीं. वो ज़मीन पर बेड के सहारे बैठी हुई थीं और मैं बेड पर बैठ के पीछे से देख रहा था. मेरा सिर उनके कंधों पर था और मुझे उनके जिस्म से मस्त खुशबू आ रही थी.

फिर धीरे – धीरे मैंने अपना गाल उनके गाल पर घिसना शुरू कर दिया. जिसमें वो भी सहयोग देने लगीं, लेकिन उन्होंने फोन नहीं रखा. इससे मेरा लंड खड़ा होने लगा.

फिर धीरे – धीरे मेरे हाथ उनके पेट पर घूमने लगा. पेट पर घूमते – घूमते वो उनकी चूचियों को भी छू जाते तो मुझे करेंट सा लगता. इतना कुछ होने पर भी उनकी तरफ से कोई विरोध नहीं आया तो मेरे हाथों ने उनके बूब्स को ऊपर से सहला दिया.

मेरे ऐसा करने पर उन्होंने मेरी तरफ मुड़ कर के मुझे देखा. तब पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने अपने होंठ उनको होंठों पर लगा दिया, लेकिन मैं उनके होंठों को चूस नहीं पाया.

मेरे होंठ लगते ही उनकी आँखें बंद हो गयी और वो भी बिना कुछ किए वैसी ही बैठी रहीं. फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया. सच बता रहा हूँ दोस्तों, मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा. जिसके बारे में सोच – सोच के जाने कितनी बार ही मैंने अपनी पैंट खराब की थी. आज उसके रसीले होंठ चूसते हुए मुझे स्वर्ग जैसी फीलिंग आ रही थी.

वो मेरे होंठ ऐसे चूस रही थी, जैसे बहुत दिनों से प्यासी हों. फिर मैंने भी उनके होंठों को चूसते हुए अपने हाथ उनकी कमीज़ के अंदर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उनकी चूचियों को दबाने लगा. अब उनके मुंह से हल्की – हल्की सिसकारियां निकालने लगी.

करीब 10-15 मिनट तक ऐसे ही एक – दूसरे को चूसने -चाटने के बाद मैंने उनका हाथ पकड़ के उनको बेड पर लेटा दिया और खुद भी उनके ऊपर लेट गया. अब एक बार फिर से चुम्मा – चाटी का दौर शुरू हो गया.

करीब 10 मिनट बाद हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए थे. क्या मस्त साँवली सी चूत थी उनकी! मैं तो उनकी चूत देखता ही रहा और फिर 3-4 मिनट तक उनकी चूत को ही सूंघता रहा.

उधर वो मेरा लंड एक भूखी शेरनी की तरह चूसे जा रही थी. मैं भी बीच – बीच में उनकी गांड में उंगली कर देता था. जिससे उनका मुंह मेरे लंड पर और दबाव बना देता था. जब उनसे रहा नहीं गया तो उन्होंने मुझे अपने ऊपर आने को कहा.

अब मैं उनके ऊपर आकर उनके पूरे शरीर को चाटने लगा. उनकी बगल में बालों का गुच्छा देख कर तो मेरा लन्ड और कड़क हो गया. अब मैंने उनके हाथ उपर उठा के पकड़ लिया और उनकी बगलों को सूंघने और चाटने लगा.

उनकी बालों भरी बगलों को चाटते समय मुझे लगा कि जैसे वो बेकाबू हो गई हैं और फिर उन्होंने अपने हाथ छुड़ा कर मेरा लन्ड पकड़ लिया. फिर वो सीधा हो कर मेरे लंड को अपनी चूत के मुंह पर रख के अंदर दबाने लगी.

अब मैंने भी अब वक़्त न गँवाते हुए अपने लंड को उनकी चूत में एक ही झटके में अंदर घुसा दिया. जिससे उनकी हल्की सी चीख निकल गयी. यह देख मैंने कहा, “चाचा ने चोदना छोड़ दिया है क्या.”

इस पर वो बोली, “नहीं, वो तो हर एक – दो दिन में मेरी लेते ही हैं, पर तेरा लंड काफ़ी मोटा है. इसलिए पहली बार में काफ़ी दर्द हुआ, पर तू फिक्र मत कर, जब तेरा लंड मेरी चूत की दीवारों को चूमता हुआ अंदर गया तो मैं बता नहीं सकती कि कितना मज़ा आया. मुझे पहली बार पता चला है कि एक मोटे लंड को चूत में लेने में कितना मज़ा आता है. अब तू मुझे तड़पा क्यों रहा है? अब अपनी चाची को चोदना शुरू कर न मेरे राजा.”

मैंने कहा, “आज तेरी वो चुदाई होगी कि अब तू मेरे पास ही अपनी प्यासी चूत लेकर आएगी शिल्पा डार्लिंग.” फिर मैंने उनको चूमते हुए चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर की धीमी चुदाई के बाद उन्होंने मुझे ज़ोर – जोर से करने को कहा.

उनकी चूत की गर्मी और उनके पसीने वाले जिस्म को चाटते हुए मैंने उन्हें तकरीबन 30-40 मिनट तक चोदा. इस बीच वो 3 बार झड़ी. आख़िर में ज़ोर – ज़ोर से धक्के लगाते हुए मैंने अपना माल उनकी चूत में ही निकाल दिया.

फिर हम ने एक डीप किस किया और लेटे – लेटे बातें करने लगे. तब मैंने उन्हें बताया कि कैसे मैं उनकी पेंटी को जो वो सूखने के लिए डालती थी उसको ले लेता था और उसको सूंघते हुए अपना लंड हिलाता था.

ये सुन के उन्होंने कहा कि अब तो तुझे मेरी पैंटी सूंघने की ज़रूरत नहीं है न, अब तो मैं खुद ही तेरे साथ नंगी लेटी हूँ. तो मेरी चूत ही सूंघ ले… चाट ले.. चोद ले… जो भी मन करे कर ले.”

इतना सुनते ही मैं फिर से उनके उपर चढ़ गया और एक बार फिर से चुदाई का दौर चला. इस बार तकरीबन 45 से 50 मिनट तक मैंने उनकी चूत का भोसड़ा बनाया. उस रात मैंने तीन बार उनकी जम के चुदाई की और फिर उसके बाद हम सो गये. फिर जब तक वो हमारे घर रहीं हमने खूब गंदा खेल खेला. बाद में फिर वो चली गईं. इसके बाद मैंने कैसे उनके घर जा के उनकी चुदाई की और गांड भी मारी, ये मैं अपनी अगली कहानी में बताउँगा.

इस कहानी को पढ़ने के लिए आप सब का शुक्रिया. कहानी के बारे में अपने ख्याल मुझे मेल करें. मेरी मेल आईडी – [email protected]