एक बार मैं अपने मौसेरे भाई की शादी में गया था. इस दौरान एक चुदासी भाभी मिलीं. ठंडी का मौसम था. फिर उस भाभी को मैंने पटाया और कमरे में ले जाकर जबरदस्त चुदाई की…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम जितेंद्र है और मेरी उम्र 24 साल है. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और एक आईटी कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर की जॉब करता हूँ. दोस्तों, मैं अंतर्वासना का नियमित पाठक भी हूँ और इसकी हर एक कहानी को पढ़ता हूँ.
आज की मेरी यह सेक्स स्टोरी मेरे साथ दिल्ली में घटी एक सच्ची और हॉट हादसे की कहानी है. आज मैं आप को बताऊंगा कि कैसे मैंने शादी वाली एक रात को एक भाभी को चोदा था.
यह बात एक महीने पुरानी है. मेरी मौसी के लड़के की शादी थी. मैं भी उस शादी में गया था. उस शादी में एक भाभी भी आई थी. ये वही भाभी थीं, जिनके बारे में हम कहानी में आगे पढ़ेंगे.
कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको भाभी के बारे में जानकारी दे देना चाहता हूँ. भाभी का नाम नीतू है. वो मेरी मौसी की रिश्तेदार हैं. शादी में भाभी के साथ उनके पति भी आये थे.
भाभी की खूबसूरती के बारे में क्या ही बताऊँ! उनकी उम्र 25 साल है और वह एक बहुत ही हॉट माल हैं. उनका फिगर 32 30 34 का था. उसकी मोटी गांड देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए! दोस्तों, उनकी आँखें शराब के प्याली की जैसी नशीली हैं.
वो अलवर की रहने वाली हैं. उस शादी में शामिल होने के लिए स्पेशल तौर पर वे उसी दिन शाम को अपने पति के साथ आई थीं. उस समय तक मेरे दिमाग में भाभी के लिए कोई गलत बात नहीं थी. शादी में डांस करते समय भाभी ने मेरे साथ डांस किया और मुझे देख कर मुस्कुराने लगीं. उनकी स्माइल में प्यास थी, जिसे मैं ताड़ गया और आंख मार दी. इस पर वो शरमा गईं और आंखें झुका कर डांस करने लगीं.
दोस्तों, उस रात को मैंने काफ़ी ज्यादा शराब पी ली थी. इसके बाद खाना खाकर हम सोने चले गये. तभी मैंने देखा कि वो भाभी एक दादी के साथ सोने के लिए ऊपर वाले कमरे में जा रही थीं. भाभी के पति ने भी काफी शराब पी थी और वह नीचे ही सो गया था.
यह देख कर मैं भी भाभी के पीछे – पीछे चला गया. ऊपर के कमरा खाली ही था और वहां पर हमारे अलावा और कोई नहीं था. फिर मैं भाभी के बराबर वाले बिस्तर पर जाकर लेट गया. सर्दियों के दिन थे. जब वो दादी सो गईं तो मैंने अपना एक हाथ बढ़ाकर भाभी के हाथ पर रख दिया. जिसका भाभी ने कोई विरोध नहीं किया. इससे मेरा हौसला और बढ़ गया.
फिर मैंने अपने हाथ को थोड़ा और आगे किया और उसे भाभी के पेट पर रख दिया. इसके बाद धीरे – धीरे कर के मैंने अपना हाथ उनके बूब्स की तरफ बढ़ा दिया. अब भाभी की साँसें बढ़ रही थीं. थोड़ी देर बाद उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया. लेकिन मैं नहीं माना और दूसरे हाथ से उसके बूब्स पकड़ लिया और उसे दबा दिया. इस पर भाभी सिसक उठीं.
फिर मैंने अपना हाथ भाभी के चेहरे के ऊपर फिराया. इसके बाद मैं अपना एक हाथ उसके चूचों पर ले गया और कपड़ों के ऊपर से ही धीरे – धीरे दबाने लगा. अब तक मेरा लंड खड़ा हो चुका था. अब मुझसे और रहा नहीं गया. फिर मैं उठा और उनके बेड पर चला गया. इसके बाद मैंने उनके चेहरे को पकड़ा और किस करने लगा.
अब वो भी पूरी तरह उत्तेजित हो गईं और पूरी तरह समर्पित होकर मेरे होंठों को चूसने लगी थीं. फिर मैंने उनके मुँह में अपनी जीभ को डाल दिया और उनके चूचे को टॉप के ऊपर से दबाने लगा.
इस पर भाभी मोन करने लगीं. उनके मुंह से ‘आहह.. धीरे से जानेमन…’ की आवाज निकलने लगी.
फिर मैंने उनका टॉप उतार दिया और उनकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से चूसने लगा.
अब भाभी मेरे बालों पे हाथ फेर रही थीं और कह रही थीं – और ज़ोर से मेरे राजा और जोर से.
फिर मैंने लगातार कई मिनट तक भाभी की पूरी बॉडी को चाटा. भाभी अब बहुत गरम हो चुकी थीं. इसी बीच मैं एक हाथ से उनकी चूत को रगड़ने लगा था. चूत पर हाथ रखते ही भाभी एक दम से सिहर गईं. फिर मैंने पहले उनकी जीन्स और फिर उनकी पैंटी उतार दी. हम रजाई के अंदर थे इसलिए किसी प्रकार का कोई डर नहीं था.
दोस्तों, उनकी पिंक चूत बहुत ही मस्त थी. जिसे देख कर मैं एक दम मस्त हो गया. भाभी की चूत बिल्कुल चिकनी थी. उसे देख कर ऐसा लग रहा था, जैसे कि उसने चुदने के लिए आज ही सेविंग की हो.
अब भाभी उत्तेजित हो कर सिसकारियां ले रही थीं. फिर मैंने भाभी को किस किया. तभी भाभी ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने लगीं. फिर मैंने भाभी की ब्रा के हुक को खोल दिया और उसे खींच कर बाहर कर दिया. अब भाभी ऊपर से भी नंगी हो चुकी थीं. इसी बीच उन्होंने भी मेरा लंड बाहर निकाल लिया था और हिलाने लगी थीं.
दोस्तों, भाभी के चूत की ख़ूशबू ने मुझे पागल कर दिया था. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. फिर मैंने उनको सीधा लिटा दिया. इसके बाद मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर रखा और जोर से एक धक्का दिया. लेकिन मेरा लन्ड अंदर नहीं गया और फिसल कर बाहर आ गया. इसके बाद मैंने दोबारा लन्ड सेट किया और एक हाथ से पकड़ कर धक्का दिया, तो मेरा पूरा लंड अन्दर घुस गया.
एक झटके में लन्ड अंदर घुसने पर भाभी घुटने लगीं. और घुटी हुई आवाज में बोलीं- आह मर गई… निकालो बाहर निकालो… तुमने तो मेरी चूत ही फाड़ डाली… ओह मम्मी मर गई…
मैंने देखा कि ये कहते हुए उनकी आँखों में आँसू आ गए थे. लेकिन मैं रुका नहीं और लगातार झटके लगता रहा. रजाई में होने के कारण धक्का लगाने में मुझे थोड़ी दिक्कत हो रही थी. इसलिए फिर मैंने रजाई हटा दी और धक्के लगाने लगा.
थोड़ी देर बाद भाभी को भी मज़ा आने लगा था और भाभी बोलने लगीं – और तेज चोदो मुझे और तेज… आह… चोदो मुझे. उनके इतना कहने पर मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी.
हमारे करीब 15 मिनट तक धमाकेदार चुदाई की. इस चुदाई में भाभी 2 बार झड़ चुकी थीं. अब मैं भी झड़ने वाला ही था. अब मैंने अपनी स्पीड थोड़ी और बढ़ा दी. करीब 2 मिनट की चुदाई के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया.
चुदने के बाद भाभी मुझ से कस कर चिपक जातीं हैं और मेरे पूरे शरीर को चूमने लगती हैं. इसी बीच मैंने भाभी से कहा कि मेरे लंड को चूसो तो भाभी मना करने लगीं. लेकिन जब मैंने कई बार कहा तो भाभी मान गईं और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी जीभ से चाटने लगीं.
अब मेरा लंड एक बार फिर से पूरा खड़ा हो चुका था. अब मैं उसके सर को पकड़ कर अपने लंड पर दबाने लगा और उसके मुंह को चोदने लगा. उसका छोटे से मुंह में मेरा मोटा लंड पूरी तरह नहीं घुस पा रहा था लेकिन फिर भी मुझे बहुत मजा आ रहा था.
करीब 10 मिनट तक मैं भाभी के मुंह को चोदता रहा. तभी मेरा माल उनके मुंह में ही निकल गया. भाभी मेरा पूरा माल पी गई. फिर हम दोनों एक – दूसरे से चिपक कर पूरी रात सोते रहे. भाभी की चुदाई करके मुझे बहुत मज़ा आया और भाभी को भी बहुत मज़ा आया. फिर दूसरे दिन भाभी वापस अलवर चली गईं.
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