रिया की मदद से फिर मिली चूत- भाग 1

अब मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और धीरे- धीरे उसके चूचों पर ले गया और उन्हें धीरे- धीरे दबाना शुरू कर दिया. मेरे हाथों की दबिश को अपने चूचियों पर महसूस करके वह उत्तेजित होने लगी और उसके मुह से हल्की- हल्की कामुक सिसकारियां निकलने लगी…

नमस्कार दोस्तों! मैं आपका अपना सोनू उर्फ़ निखिल, हाज़िर हूँ एक बार फिर आपके लंड खड़े करने और चूतों को गीली करने के लिए.

काफी दिनों से आप लोगों के मनोरंजन के लिए कुछ लिखने का समय ही नहीं मिल पा रहा था. दरअसल घटनाएं तो बहुत हुईं, पर समय की कमी के चलते कुछ लिख न पाया. आइए अब आपको सीधा कहानी पर लिए चलता हूँ.

पिछली बार मैंने आपको नर्स रिया की चुदाई के बारे में बताया था. चूतें तो टाइम पर मिलती रहीं, कभी डाक्टर मंजू की तो कभी नर्स रिया की. लेकिन इन दोनों की बजा- बजा कर मैं बोर हो चुका था. मतलब कि मेरे लंड को अपनी प्यास बुझाने के लिए अब कुछ नया सामान चाहिए था, और वो कहते हैं न कि भगवान जब भी देता है तो छप्पर फाड़ के देता है, सही कहते हैं दोस्तों.

एक बार हुआ कुछ यूँ कि हमारी कॉलोनी में 2 नयी नर्स रहने आईं. एक का नाम था सोनिका और एक का नाम था श्वेता बटलर. सोनिका देखने में जितनी बेकार थी श्वेता उतनी ही कातिल, और उसका फिगर ऐसा कि बुड्ढों के लंड को भी सीधा खड़ा कर दे. मेरे लिए सबसे फायदे की बात यह थी कि श्वेता शादीशुदा थी और उसका पति एन आर आई था. जिस कारण मैं समझ गया कि वह सेक्स की पूरी पक्की खिलाड़ी होने के साथ-साथ सेक्स की प्यासी भी है.

अब मैं श्वेता को पटाने और चोदने का जुगाड़ करने में लग गया. इसके लिए मैंने रिया का सहारा लेना सबसे सही समझा. मैंने रिया से बात करके उसके रूम पर चुदाई का प्रोग्राम बनाने के बारे में सोचा. उसको मनाने के लिए मैंने एक प्लान बनाया. मेरे प्लान के मुताबिक़ वह झट से मान गयी. इन दिनों सच कहूँ तो पैसे की तंगी मुझसे कोसों दूर थी. कभी- कभी डाक्टर मंजू डार्लिंग पैसे न्योछावर कर देती थी तो कभी रिया मेरा लंड चूस कर पैसे दे दिया करती थी. ज़िन्दगी बड़े मज़े में कट रही थी.

तो हुआ यूँ कि जब मैं अगली बार रिया को चोदने पंहुचा तो मैंने अपने फोन में रिकॉर्डिंग चालू कर दिया था. जिससे हम दोनों की पूरी रास लीला उसमें कैद हो गयी. सब कुछ मेरे प्लान के मुताबिक ही चल रहा था. कुछ दिनों बाद जब मैंने रिया के सामने अपने मन की बात रखी, तो मेरी सोच के मुताबिक उसने सीधा मना कर दिया.

अब मैंने अपना गुप्त हथियार निकाला और उसे हम दोनों की काम क्रीडा वाली वीडियो व्हाट्सअप पर भेज दिया. यकीन मानिये दोस्तों उसे देख कर वह इतना ज्यादा डर गयी कि घबराहट के मारे वह मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगी. तब मैंने उससे कहा कि मैं श्वेता को चोदना चाहता हूँ और इसमें उसे मेरी हर तरीके से मदद करनी होगी. आख़िरकार रिया मजबूरी में ही सही, लेकिन मेरे प्लान का हिस्सा बनाने के लिए राज़ी हो गयी और इस तरह मेरे प्लान का 40 फीसदी पूरा हो गया.

अब मैंने रिया को पूरा प्लान समझाया और उससे वादा किया कि अगर मेरा काम पूरा हुआ तो मैं उसकी विडियो डिलीट कर दूँगा. लेकिन अब मेरे दिमाग का खेल तो बहुत ही लम्बा चलने वाला था. मैंने रिया को प्लान समझाने के बाद उससे श्वेता का मोबाइल नंबर ले लिया और अपने प्लान के मुताबिक़ काम करने लगा. मैंने कई दिन उसे मेसेज किया, पर उसने कोई जवाब न दिया, अब मैं रोज उसे आते जाते देखता और उसकी तरफ देख कर स्माइल करता था. उधर से भी स्माइल और आँखों के इशारे पा कर मैं समझ गया कि भूखी शेरनी शिकार करने को बेताब हो रही है.

दूसरी तरफ रिया मुझे उसके और अपने बीच होने वाली हर एक बात बताती थी. जिसमें नॉन वेज जोक्स और डर्टी और सेक्सी बातें ज्यादा हुआ करती थीं. रिया के सहारे से ही मुझे पता चला के वह सेक्स के लिए बहुत बेताब थी और खुद को बड़ी ही मुश्किल से रोक पाती थी.

तभी एक दिन मेरे फ़ोन पर श्वेता का मेसेज आया. उसमे ज्यादा कुछ नहीं था, बस hii लिखा था. लेकिन मेरे लिए वह मैसेज किसी ग्रीन सिग्नल से कम नहीं था और ये ग्रीन सिग्नल पाते ही मैंने रिया को अपने प्लान का अगला स्टेप समझा दिया.

मैंने रिया को समझाया कि जब भी सेक्स की बात चले तो वह मौका पाकर मेरा नाम बीच में ले आये और मेरी तारीफों के पुल बांध दे. तो दोस्तों! इसके बाद जैसा मैंने सोचा था ठीक वैसा ही हुआ. रिया ने प्लान के मुताबिक काम किया और उन बातों से उसने श्वेता की चूत में मेरे नाम की आग लगा दिया.

दूसरी तरफ मेसेज में हम दोनों की बातें होने लगी थी. कुछ दिन बात करने के बाद श्वेता ने मुझसे पूछा कि मैं कहीं घूमने या कहीं बाहर नहीं जाता क्या? जवाब में मैंने कहा कि जाता तो हूँ पर अकेले जाना मुझे पसंद नहीं है. बातों ही बातों में तय हो गया कि वह भी मेरे साथ पिक्चर देखने जाएगी. बात उन दिनों की है, जब Mr. X मूवी आई थी.

प्लान के मुताबिक हम दिल्ली के सिटीवाल्क मॉल में पहुँचे. कार्नर की सीट ली और हम जा कर वहां बैठ गये. इंटरवल से पहले मैंने पहल करते हुए श्वेता के हाथ पर अपना हाथ रख दिया. जवाब में उसने मेरा हाथ पकड़ के दबा दिया. जिससे मुझे समझते देर न लगी कि श्वेता की चूत में आग लगी हुई है. मैंने धीरे- धीरे उसे चूमना शुरू किया और मेरे अंदाज़े के मुताबिक़ उसने भी मेरा पूरा साथ दिया.

अब मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और धीरे- धीरे उसके चूचों पर ले गया और उन्हें धीरे- धीरे दबाना शुरू कर दिया. मेरे हाथों की दबिश को अपने चूचियों पर महसूस करके वह उत्तेजित होने लगी और उसके मुह से हल्की- हल्की कामुक सिसकारियां निकलने लगी. मैं समझ गया कि मौका सही है और गरम लोहे पे हथोड़े से चोट करने का सही समय आ गया है लेकिन किस्मत देखो यारों कि तभी इंटरवल हो गया.

बाकी कहानी अगले भाग में जल्द ही लेकर आपके सामने हाज़िर होऊंगा.

आपके सुझाव सादर आमंत्रित हैं
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इस कहानी का अगला भाग: रिया की मदद से फिर मिली चूत- भाग 2

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