वो हंसने लगी और मुझे बेड पर धक्का देकर मेरे ऊपर बैठ गई और मेरे लण्ड को एक पप्पी देकर उसपर कंडोम लगाया और कहा- अब मैं रेडी हूँ, चोदो मुझे…
दोस्तों ये कहानी, मेरी पिछली कहानी का अगला भाग है. आप सब ने मेरी पहली कहानी “रेलगाड़ी में बहन” की अधूरी चुदाई पढ़ी होगी. इस कहानी में मैं आप को बताऊंगा कि कैसे मैंने उसको चोदा.
दीवाली के छुट्टी के बाद मेरा कॉलेज खुल गया और मैं अकेले अपने कॉलेज चला गया. नेहा को कुछ दिनों के बाद जाना था क्योंकि उसकी दादी यानी मेरी नानी का तबियत ठीक नहीं थी.
मैं रोज़ अपने हॉस्टल में नेहा के बारे में सोचता और उसके नाम की मुठ मारा करता था. कुछ दिन बाद पता चला कि नेहा अपने घर आ गयी है. यह जानकर मैं बहुत खुश हुआ. मेरे कॉलेज से मामा की घर की दूरी बस 3 घंटे की थी.
मैं अक्सर लंबी छुट्टी में अपने मामा के घर चला जाता और कुछ दिन वहीं रुकता था. इस बार बहुत दिन हो गए थे, मामा के घर गए हुए तभी मुझे पता चला कि कॉलेज में कोई फंक्शन है, इसलिए कॉलेज एक हफ्ते तक बंद रहेगा. इसपर मेरे दोस्तों ने घूमने का प्लान बनाया लेकिन मैंने मामा के घर जाने का सोचकर मना कर दिया. आखिर वो दिन आ ही गया और मैंने अपना बैग पैक किया और निकल पड़ा.
मैंने अपने आने की खबर किसी को नहीं दी था. मैं सबको सरप्राइज देना चाहता था इसलिए बिना बताए वहां पहुँच गया. जब मैं वहां पंहुचा तो मामा के आठ साल के लड़के सोनू ने दरवाजा खोला. मैंने उसे गोद में उठा लिया और पूछा कि बाकी सब कहाँ हैं. उसने कहा- पापा ड्यूटी गए हैं और दीदी घर पर हैं. उस दिन सन्डे था और मामा सन्डे को भी ड्यूटी जाते हैं.
मैंने पूछा- मामी किधर हैं? कहीं दिख नहीं रही हैं.
उसने कहा- वो तो घर गयी हैं. दादी की तबियत ठीक नहीं है न.
मैंने कहा- क्यों क्या हुआ? फिर से बीमार पड गयी हैं क्या?
उसने कहा- हाँ.
तभी अंदर से आवाज आई- सोनू कौन है?
सोनू- भैया आये हैं.
नेहा अंदर नहा रही थी. उसने अंदर से ही कहा उनको बैठाओ मैं अभी आती हूँ. फिर हम दोनों बैठ के बात करने लगे. कुछ देर बाद नेहा बाथरूम से निकली और मेरे पास आकर बैठ गई और मुस्कुराने लगी. मैं भी उसको देख के मुस्कुराया. तभी वह अंदर गयी और पानी लेकर आई और मेरे सामने बैठ गयी. सोनू भी मेरे बगल में बैठा हुआ था. इसलिए हमने नार्मल बात कर रहे थे.
इसके बाद मैं नहाने के लिए अपने कपड़े लेकर बाथरूम में गया. जब मैं अंदर गया तो देखा की नेहा के कपड़े भी वहीं टंगे हुए थे. तभी अचानक नेहा वहां आई और अपने कपड़े बटोरने लगी. इतने में मैंने उसकी पैंटी को उठाकर अपने पास रख लिया.
नेहा ने धीरे से कहा- मेरा कपडा दो.
मैं- नहीं दूंगा.
फिर मैं उस पैंटी को सूंघने लगा. तभी नेहा उसे छीन लिया और भाग गई. नहाने के बाद मैंने खाना खाया और फिर आराम करने लगा. तब तक शाम हो गई और मामा भी घर आ गए. वो मुझे देख कर बोले बहुत दिनों बाद आए.
मैंने उनको प्रणाम किया फिर हमारी बातचीत होने लगी. उधर नेहा खाना बना रही थी. हम लोगों ने करीब 11 बजे खाना खाया और फिर सोने चले गए. अगले दिन मामा को ड्यूटी और सोनू को स्कूल जाना था. सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मामा ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुके हैं और सोनू जा चुका है.
मामा ने मुझसे कहा कि आज नेहा कॉलेज नहीं जायेगी घर पर ही रहेगी. मेरे तो मन में लड्डू फूटने लगे. मैंने मन में ही सोचा की आज तो इसको चोदना है. कुछ देर बाद मामा चले गए. मैंने दरवाजा बंद किया और नेहा को ढूँढने लगा. वो मुझे किचन में दिखी. मैंने उसको पीछे से पकड़ लिया और उसके गर्दन पर किस करने लगा. उसने मुझे धक्का देकर हटा दिया.
मैंने कहा- अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं होता.
उसने कहा- उस दिन से तो मैं भी पागल हूँ.
मैं पागल सा होने लगा था. मैं जाके उससे लिपट गया और उसके होंठो पर किस करने लगा.
नेहा- छोड़ो, अभी मुझे खाना बनाना है.
मैं- किसके लिए?
नेहा- आपके लिए.
मैं- मैं तो आज तुम्हें खाऊंगा.
इतना कहकर मैंने उसे फिर से किस किया और उसे गोद में उठाकर उसके कमरे में ले जाकर बेड पर पटक दिया. फिर उसके ऊपर कूद कर जंगली की तरह चूमने लगा. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.
उसने सलवार सूट पहन रखा था. मैंने जल्दी से उसके ऊपरी कपड़ों को उतार दिया. उसकी लाल कलर की पैंटी को मैंने हाथ से छुआ, तो वो सिसकने लगी. उसके 32 के बूब्स मुझे पागल बना रहे थे. तभी अचानक उसने मुझे धक्का दिया और मेरी हाफ पैंट के साथ मेरी चड्ढी को भी उतार फेंका. अब मेरा खड़ा लण्ड उसकी आँखों के सामने था.
नेहा- ये वही लण्ड है न, जिसको मैंने उस दिन छुआ भर था.
उसने मेरे लन्ड को पकड़ लिया और हिलाने लगी. मैंने भी उसकी ब्रा को खोलकर उसकी चूचियों को आजाद कर दिया और उसकी चूची चूसने लगा. कुछ देर हम लोग ऐसे ही करते रहे फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया और अपना लंड उसकी चूत में डालने ही वाला था.
तभी नेहा बोल पड़ी- पहले कंडोम तो लगाओ.
मैंने कहा- ऐसे ही करते हैं.
वो नहीं मानी और उठकर जाने लगी. मुझे लगा शायद गुस्सा हो गयी. मैं भी उसके पीछे- पीछे चल दिया. फिर वो अपने पापा- मम्मी के कमरे में गयी और बेड के पास कुछ खोजने लगी. उसने एक मैनफोर्स का पूरा डिब्बा निकला. उसमे से एक पीस निकाल कर बाकी वहीं रख दिया और कहा- अब चलो.
मैं दंग रहा गया सब देखकर मैंने उससे पूछा कि ये सब तुम्हें कैसे पता?
उसने बताया की पापा- मम्मी को करते हुए देखा है.
मैं- कैसे?
तब उसने मेरा लण्ड पकड़ा और खींचते हुए अपने कमरे में ले गयी. चूँकि उसका कमरा मामा के कमरे के बगल में है तो दोनों की दीवार कॉमन है. उसने मुझे एक छोटी सी खिड़की दिखाई और कहा- यहाँ से सब दिखता है. मैंने देखा और कहा- तू साली तो बहुत चालू है.
वो हंसने लगी और मुझे बेड पर धक्का देकर गिरा दिया और मेरे ऊपर बैठ गई. मेरे लण्ड को एक पप्पी देकर उसपर कंडोम लगाया और कहा- अब रेडी हूँ, चोदो मुझे.
मैंने उसके चूत पर अपना लण्ड रखा और डालने लगा. उसकी चूत थोड़ी सी चौड़ी थी इसपर मैंने पूछा तो उसने बताया कि उसकी एक फ्रेंड है. उसके साथ मैंने एक बार लेस्बो किया है और उसने मेरी चूत में डिल्डो डाला था.
मैंने कहा- तू तो बहुत बड़ी रंडी है.
तो उसने कहा- अब तो तू भी बहनचोद हो गया न, अपने मामा की बेटी को चोद कर.
मैं अपना लण्ड उसकी चूत में डालने लगा तो वो चिल्लाने लगी.
मैंने पूछा- तुझे तो आदत है न, डिल्डो लेने की, तो चिला क्यों रही है.
उसने कहा- वो तो बस एक बार लिया है और वो भी तेरे इस लण्ड से पतला था. ये तो मेरी चूत ही फाड़ देगा.
मैंने कहा- घबरा मत कुछ नहीं होगा.
फिर मैंने एक जोरदार झटका मारा और पूरा लण्ड उसकी चूत में डाल दिया. वो जोर से चिल्लाई, पर मैंने अपना मुंह उसके मुंह पर रख दिया और वहीं रुका रहा. फिर धीरे- धीरे अंदर बाहर करने लगा. अब उसे मजा आने लगा था और वो भी मस्त होकर और मेरा पूरा साथ देने लगी थी.
फिर मैं उसे अपनी गोद में उठाकर उसे चोदने लगा. लगभग एक घंटे के बाद हम दोनों झड़ गए और हम उसी बेड पर सो गए. कुछ देर बाद मैं जागा तो देखा कि वो मेरे लण्ड को पकड़ कर मेरे बगल में बैठी है. मैंने उसको अपनी तरफ खींचा और लिप किस करने लगा और एक हाथ से उसकी चूची को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा. वो चिल्लाने लगी मैंने उसे छोड़ा तो देखा कि उसकी चूची लाल हो गयी थी. फिर मैंने उसे छोड़ दिया.
हम दोनों बैठ कर बातें करने लगे कुछ देर बाद उसने कहा कि अब सोनू के आने का टाइम हो गया है तो हम दोनों ने नहाने का प्लान बनाया. मैं उसको अपनी गोद में उठाकर बाथरूम में ले गया. मैंने शावर चालू किया और नहाने लगे. नहाने के बाद बाहर आकर हमने अपने- अपने कपड़े पहन लिए.
फिर मैं उसके कमरे में गया और बेड सही करने लगा. तभी मेरा ध्यान कंडोम पर गया. मैंने उसे उठाया और बाहर नाली में फ़ेंक दिया. फिर मैंने टीवी चालू किया और देखने लगा. उधर नेहा खाना बनाने लगी. तभी सोनू आ गया फिर हम सब ने खाना खाया. इसके बाद मैं जितने दिन वहाँ रहा उसे रोज चोदता था. एक दिन तो रात को भी उसके कमरे में जाकर उसको चोदा था लेकिन वो कहानी बाद में.
दोस्तों आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी, अपनी राय मुझे मेल करें-
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Very nice story sabi ko mama ki ladki ko chodna chahiya