उसे देख कर वह इतनी उत्तेजित हुई कि उसने अभय को कहा और प्यास लगी है, क्या तुम्हारा मुठ भी पी लूँ? जब अभय ने कहा यहाँ मैं कैसे निकलूं मुठ? तो मोनिका ने बेझिझक उसके लन्ड को चूसना शुरू कर दिया और सारा मुठ पी गयी…
नमस्कार दोस्तों, यह मेरी पहली कहानी है और मुझे उम्मीद है कि यह आप सब को जरूर पसंद आएगी. यह पूरी तरह काल्पनिक कहानी है.
अभय मज़े से सो रहा था. तभी उसे धड़ाक से कुछ गिरने का एहसास हुआ. वो कुछ समझे, इससे पहले ही उसे एहसास हुआ कि दो लोग उसे उठा कर कहीं ले जा रहे थे. उसका वजन ज़्यादा नहीं था पर उन दोनों को वह भारी लग रहा था. क्योंकि वो धीरे – धीरे चल रहे थे, लेकिन साथ ही हांफने की आवाज़ें भी आ रही थी.
उन मधुर थकी हुई मधुर आवाज़ों से अभय ने अंदाजा लगाया कि वो दोनों लड़कियां थीं. अभय के सर में अभी भी दर्द हो रहा था और उसे नींद भी आ रही थी तो वो सोता रहा.
करीब 2 घंटे बाद उसे जब होश आया तो उसने देखा कि वो एक खुले मैदान में है. जहाँ एक घना और खूबसूरत सा जंगल था, पास में साफ़ पानी की एक छोटी सी नदी बह रही थी और उसके सामने उसका अपना झुण्ड बैठा था.
उसके झुण्ड में अदिति महेश्वरी, जिज्ञा कोहली, गंगा नेगी, मयंक खत्री, एंड्रू मार्टिन और मोनिका दुआ थीं. उसके ग्रुप का नाम था सीक्रेट सेवन. ये लोग दुनिया की पहेलियाँ और लोगों की मुश्किलों को सुलझाते थे.
अब अदिति बोली, “अभय, तुम पॉटी और ब्रश कर लो, फिर मैं तुम्हें नहला दूंगी और हम लोग मीटिंग शुरु करेंगे. लगता है तुम कल दारु पीने से पहले भूल गए थे कि आज से ऑफिस खत्म और सीक्रेट सेवन का महीना शुरू होना है!
इस ग्रुप में अदिति, अभय की सबसे पुरानी दोस्त थीं. वे दोनों एक – दूसरे को दसवी कक्षा से जानते थे. अदिति तेईस (23) साल की, सांवली – सलोनी, इकहरे बदन की, लंबी कद काठी की लड़की थी. कुल मिलाकर वह एक बड़ी ही खूबसूरत लड़की थी.
उसके गेहुंए रंग पर छोटी – छोटी काली काली आँखें बड़ी ही सुन्दर लगती थीं. अभय और अदिति एक – दूसरे से प्यार भी करते थे और शादी भी करना चाहते थे पर उन दोनों की जाति अलग थी. यह बात अदिति के परिवार वालों को अच्छी नहीं लगी और उन लोगों अदिति को अभय से शादी करने के लिए मना कर दिया.
इस पर अदिति ने मस्ती करने के लिए उनसे 4 साल का समय लिया और फिर शादी करने की हाँ की. अभी तो उन चार सालों का पहला ही महीना चल रहा था तो दोनों को कोई फिक्र नहीं थी.
जिज्ञ कोहली, अभय की क्लासफ़ेलो थी. सहपाठिन रहने
के साथ साथ वह अभय की प्रेमिका भी रह चुकी थी. एक बार अभय का अदिति से उसके मां – बाप के जाती वाद के कारण झगड़ा हो गया था. तब 2 महीने के लिए, जिज्ञा ने अपने कोमल बदन से अभय का बिस्तर गर्म किया था.
अदिति को जब इस बात का पता चला तो पहले तो वह भड़की पर फिर जिज्ञा से बातचीत करने के बाद उसका गुस्सा खत्म हो गया. अब वे दोनों ही अभय के साथ रहती थी और अब अदिति और जिज्ञा अच्छी दोस्त भी बन गयी थीं.
सभी को यह मालूम था कि चार साल बाद अभय और जिज्ञा की ही शादी होगी, क्योंकि जात से दोनों पंजाबी
थे पर चार सालों के लिए अभय ने अदिति को जम कर चोदने का पूरा मन बना रखा था और वास्तव में अदिति ही अभय की प्रेमिका कहलाती थी.
अदिति और अभय ने तो शादी के बाद भी चुपचाप मिलने
और शारीरिक सम्बन्ध कायम रखने की ठान रखी थी. गंगा नेगी, अभय की कॉलेज की जानकार थी. वह अपने बॉयफ्रेंड मयंक के साथ अभय के ग्रुप में शामिल होने के लिए आयी थी. क्योंकि अभय का ग्रुप काफी ओपन यानी की खुले विचार का था और मयंक के साथ गंगा को चूमा – चाटी करने की आदत बहुत थी तो वह दोनों यहाँ फिट बैठते थे.
सुबह से लेकर अब तक, अभय के आने से पहले मयंक, गंगा को एक बार चोद भी चुका था. एंड्रू मार्टिन और मोनिका दुआ एक गे कपल था. दोनों साथ में सिर्फ आपसी शान्ति के लिए रहते थे. मोनिका हालांकि बाईक्सयुअल थी और बहुत अट्रैक्टिव मर्दों को देख के उससे रहा नहीं जाता था.
अभय के ग्रुप में आने के बाद से उसने एक बार तो अभय से ही चुदने की ठान ली थी. अभय का मोटा, फनफनाता हुआ काला लन्ड उसे इतना अट्रैक्टिव लगा कि वह अंदर से अभय की दीवानी हो गयी.
एक बार की बात है, उनका ये ग्रुप रेगिस्तान में घूम रहा था और उनके पास पीने के लिए कुछ नहीं था तो अभय ने अपने लन्ड से मूत निकाल के मोनिका को पिलाया था. तब उसने अभय का काला सांप देखा था.
उसे देख कर वह इतनी उत्तेजित हुई कि उसने अभय को कहा और प्यास लगी है, क्या तुम्हारा मुठ भी पी लूँ? जब अभय ने कहा यहाँ मैं कैसे निकलूं मुठ? तो मोनिका ने बेझिझक उसके लन्ड को चूसना शुरू कर दिया और सारा मुठ पी गयी.
दिसंबर के हर महीने में उनका सात लोगों का यह ग्रुप एकजुट होता था और किसी एक रहस्य को सुलझाने में लग जाता था.
इस बार उनके साथ एक और मेंबर था. वह थी शीथल शर्मा. शीथल एक ऊँचे घराने से थी. उसके बाप दादा किसी ज़माने में जयपुर के महाराजा के शाही पुरोहित हुआ करते थे. लेकिन उसका परिवार काफी खुले विचारों का आधुनिक परिवार था. वह दिल्ली में अभय के गैंग के साथ जॉब करती थी तो उनमें दोस्ती हो गयी थी.
शीथल एक तावीज़ की खोज में थी जो उसके परदादे को किसी बूढ़े मौलवी ने दिया था. कहा जाता था कि अल्लाह ने खुद उस तावीज़ में एक बहुत बड़े राज़ के कुछ सुराग छोड़े थे. उसके परिवार में उसके दादा तक आते – आते तो उसे बड़े संभाल कर रखा गया, पर उसके बाप ने उस ताबीज को कहीं गुम कर दिया था. उसी ने शीथल को कहा था कि अगर खेल – खेल में इसे ढूंढ पाओ तो ढूंढ लेना.
शीथल ने जब खुद पढ़ा उसके बारे में तो सोचा कि उस तावीज़ की खोज करने से उसे बड़ा फायदा पहुंचेगा और उसका समय भी व्यतीत हो जायेगा. इस लिए वह अभय के ग्रुप में शामिल हो गई.
शीथल को अभय के ग्रुप में एक और अट्रैक्शन दिखती थी. उसमें सभी खुले दिमाग के लोग थे और चूमा – चाटी, नंगे होकर बैठना, दारु – पीना और तो और चुदाई करना भी बुरा नहीं माना जाता था. शीथल को किसी से विवाह रचाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. उसे तो खूब सारा सम्भोग करने का मन था, क्योंकि उसकी जवानी फूट रही थी.
शीथल दिखने में भी कुछ काम न थी. सांवला रंग, मोटे – मोटे स्तन, भरी पूरी जाँघे और विशालकाय मोटी भूरी गांड, इसके अलावा वह छोटे कपड़े भी पहनती थी. दोस्तों, अगर उसको कोई देख ले तो उसकी लेकर ही मानेगा.
अब अभय उठ के गया और पॉटी करने लगा. तभी कुछ 3-4 मिनट बाद उसे लगा कि कोई उसके पीछे आकर बैठ गया है तो जब उसने पीछे मुड़ के देखा तो पाया कि वो अदिति थी.
अदिति को देख कर उसने कहा, “यार, अपने कोमल हांथों से इस टट्टी को साफ़ कर दे, वैसे भी तूने मेरी गांड को बहुत कम छुआ है”. इस पर अदिति ने बिना कुछ बोले अपने हाथ को पानी में गीला किया और उसकी गांड को साफ़ करना शुरू किया.
दस मिनट बाद अभय, ब्रश करने के बाद कपड़े उतार कर पानी में बैठा था और अदिति उसके सामने नंगी हो रही थी. अदिति को नंगी देख कर अभय का लन्ड खड़ा हो गया पर उसने धैर्य रखा और अदिति के साथ पानी में लेट गया.
फिर अदिति ने उसके पूरे शरीर पर साबुन लगाया, खासकर अदिति ने अभय के लन्ड को तो बहुत अच्छे से मसला. जिससे अभय का मसाला थोड़ा सा वहीं पर निकल गया. अदिति उसे पी गयी.
फिर अभय तैयार होकर उसपे लिपट गया और दोनों ने पानी में ही सम्भोग कर लिया. कुछ देर पड़े रहने के बाद अभय ने अदिति को चूमना शुरू कर दिया. काफी देर तक चूमने के बाद अभय ने उसके शरीर को छुआ और मसला. फिर अपना हथियार निकाल के उसकी चूत में घुसा दिया. करीब – करीब पच्चीस मिनट तक चोदने के बाद अभय झड़ गया. अदिति ने उसे एक आखरी बार चूमा और फिर उठकर दोनों ने कपडे पहन लिए.
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