सेक्सी भाभी के साथ धकापेल चुदाई

मेरे पड़ोस में एक भाभी रहती थीं. वह बहुत ही सेक्सी थीं. इतनी कि कोई देख ले तो मुठ मार बिना नहीं रह सकता. मैं भी उनके दीवानों में था. मैं उन्हें चोदना चाहता था. आखिर एक दिन वो मौका मिल ही गया और हमने धकापेल चुदाई की…

नमस्कार दोस्तों, कैसे हो आप सब? मेरा नाम महेश और अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. उम्मीद करता हूं आप सब को जरूर पसंद आएगी. हालांकि, लिखने में मुझसे अगर कोई गलती हो जाए तो माफ कर देना.

दोस्तों, मैं गुरुग्राम का रहने वाला हूं और पेशे से एक जिम ट्रेनर हूं और ये जो घटना मैं आप लोगों के सामने पेश करने जा रहा हूं, वो मेरे साथ करीब 6 साल पहले घटित हुई एक सच्ची घटना है.

आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं. मेरे पड़ोस में एक छोटा परिवार रहता है. उस परिवार में पति, पत्नी और उनकी लड़की कुल तीन ही लोग हैं. उस पड़ोसन औरत को मैं भाभी और उनके पति को भाई कहता था. 

भाभी की उम्र 27-28 के लगभग है और उनके फिगर का तो कहना ही क्या! उनकी छाती 36 कमर 34 और पिछवाड़ा 36 का है. फिगर से तो आप अंदाज़ा लगा ही सकते हैं कि वो कितनी हॉट हैं. कुल मिला कर मैं उनके बारे में एक यही वाक्य कहूंगा कि अगर कोई भी लड़का या आदमी उनको देख ले तो उनका लंड तुरंत खड़ा हो जाएगा और वह मुठ मारे बिना नहीं रह पायेगा.

यह तब की घटना है जब मैं 21साल का था. मुझ पर भी नई – नई जवानी चढ़ी थी. वो भाभी मुझे बहुत अच्छी लगती थीं. जब भी मैं उनके बारे में सोचता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता और फिर उसे शांत करने के लिए मुझे मुठ मारना ही पड़ता. मैं उन्हें पसंद करने लगा था पर बोलने से डरता था.

मैं दिन रात उनके बारे में ही सोचता रहता था. जब हम मिलते तो वो भी मुझसे हंसी मज़ाक कर लेती थीं. लेकिन मारे डर के मैं उनसे ठीक से खुल कर हंसी – मज़ाक भी नहीं कर पाता था. लेकिन मन में ये जरूर सोचता था कि कब मुझे उनको चोदने का मौका मिले.

कुछ दिनों तक यूं ही चलता रहा. बाद में शायद भाभी भी समझने लगी थीं कि मैं उनको पसंद करता हूं. आखिर वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे काफी दिनों से इंतज़ार था.

एक दिन मैं किसी काम से भाभी के घर गया तो उस दिन भाभी ने लोअर और टी – शर्ट पहन रखा था. उन कपड़ों में भाभी एक दम हॉट लग रही थीं. उनको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया. माफ करना दोस्तों मैं आप लोगों को अपना साइज बताना ही भूल गया था. मेरा लंड करीब 8-9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है.

तभी अचानक भाभी की नज़र मेरे पैंट पड़ी और उन्होंने मेरे लंड के उभार को देख लिया. लेकिन वो कुछ बोलीं नहीं. बस उन्होंने मुस्कुरा कर अपनी नज़रें उसी पर टिका दिया. मैं उनके इस मुस्कान की वजह समझ नहीं सका.

फिर थोड़ी देर बाद भाभी मेरे पास आकर मेरे सिर से सिर लगा कर बैठ गईं. अब हम बात करने लगे. थोड़ी देर बाद फिर मैंने उनके कंधे पर अपना हाथ रखने के बारे में सोचने लगा लेकिन यह करने में मैं डर भी रहा था. आखिर मैंने हिम्मत की और धीरे से अपना एक हाथ उनके कंधे पर रख दिया.

इस पर वो कुछ भी नहीं बोलीं. यह देख मैं समझ गया कि वो भी आज चुदने के मूड में हैं. फिर धीरे से मैंने अपना वही हाथ सरका कर उनके बूब्स तक ले गया और उनके एक बोबे पर रख दिया. जैसे ही मैंने उनके बोबे पर हाथ रखा वो मुझे घूर के देखने लगीं. मैं डर गया और सोचने लगेगा कि अब तो मैं गया लेकिन भाभी ने मुझे कुछ नहीं कहा और अपनी नज़रें झुका लीं.

फिर मुझे भी जोश आ गया और मैं धीरे – धीरे उनके बूब्स दबाने लगा. तभी अचानक भाभी ने मुझसे कहा कि छोड़ो मुझे, ये तुम क्या कर रहे हो? लेकिन अब मैं कहां रुकने वाला था. जब भाभी ये सब कह रही थीं तभी मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगा.

इसके बाद उन्होंने कुछ नहीं कहा और धीरे धीरे गर्म होने लगीं. ये जानकारी मुझे उनके मुंह से निकलने वाली मादक आवाजों से मिली. उनके मुंह से लगातार “हम्म ह्म्म्म आह आह” की आवाज आ रही थी.

कुछ देर बाद जब भाभी पूरी तरह गर्म हो गईं तो अपना हाथ नीचे ले गईं और मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं. मेरा लंड पूरी तरह कड़क होकर फुल फॉर्म में आ गया. फिर कुछ देर बाद मैंने धीरे से उनसे कहा, “भाभी, लंड को मुंह में ले लो न!” मेरे इतना कहते ही भाभी तुरंत मेेरे लंड को मुंह में ले लिया और चूसने लगीं.

उनके ऐसा करने पर मुझे एक दम जन्नत सा मजा आने लगा. उन्होंने मेरे लंड को करीब 15 मिनट तक लगातार उन्होंने मेरे लंड को चूसा. फिर भाभी ने मुझे ऊपर किया और मैं उनके होंठों को चूमने लगा. करीब 5 मिनट तक उनके होंठों का रसपान करने के बाद मैं नीचे गया और उनकी चूत चाटने लगा.

अब भाभी पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं और वह “आह आह उम्म उम्मम, चोदो मुझे फाड़ दो मेरी चूत और बुझा दो मेरी प्यास मैं बहुत दिनों से प्यासी हूं” जैसे पता नहीं क्या – क्या बोलने लगीं. तब मैंने उनकी चूत पर से अपना मुंह उठाया और आपने लंड को चूत पर रख कर रगड़ने लगा. इससे वो तड़प उठीं.

फिर मैंने धीरे से एक धक्का लगाया और मेरा 9 इंची लम्बा लंड सरसराता हुआ आधा से ज्यादा उनकी चूत में चला गया. लंड अंदर घुसते ही वो एक दम से चीख उठीं. उनकी चीख सुन कर मैंने भाभी से पूछा कि क्या हुआ भाभी तो वो बोलीं कि कुछ नहीं, तुम्हारा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा और मोटा है, इस वजह से मेरी चीख निकल गई, लेकिन तुम परेशान न हो धक्के लगाते रहो.

इसलिए फिर मैंने एक और धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया. इस बार उनकी चीख पहले के मुकाबले थोड़ी तेज़ थी. इसलिए मैं कुछ वक्त के लिए रुक गया और उनके होंठों को चूसने लगा.

फिर जब उनका दर्द कम हुआ तो मैं धक्के लगाने लगा और अब वह भी मज़े से मेरा साथ देने लगीं. उनके मुंह से लगातार “उम्म आह आह ओह्ह हां ऐसे ही करते रहो, बस थोड़ा और तेज़” और भी न जाने कैसी – कैसी आवाजें निकल रही थीं.

फिर करीब 20 मिनट के बाद जब मैं जड़ने को हुआ तो उन्होंने मुझसे कहा कि माल अंदर मत निकालना. मैंने पूछा कि तो फिर कहां निकलूं तो वो बोलीं कि मेरे मुंह में निकाल दो. तब मैंने तुरंत ही अपना लंड बाहर निकाला और उनके मुंह में देकर धक्के लगाने लगा. 8-10 धक्कों के बाद मैंने उनके मुंह में ही अपना माल छोड़ दिया, जिसे वो गटक गईं.

अब मैं थक गया था तो उनके ऊपर ही लेट गया. कुछ देर बाद फिर से मेरा लंड कड़क होने लगा और हमने फिर चुदाई की. उसके बाद फिर मैं वापस अपने घर चला आया. लेकिन हमने बाद भी कई बार चुदाई की. एक बार मैंने उनकी गांड भी मारी लेकिन वो कहानियां फिर कभी. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

Leave a Comment