फ़िर मैंने लण्ड पर थूक लगा कर एक जोर दार झटका मारा, जिससे वो दर्द से बेहाल हो गई. उसकी चूत से खून आने लगा था और चूत खून से लाल हो गई.
नमस्कार मित्रों! मेरा नाम भास्कर है और मैं एक स्कूल में टीचर हूँ. मेरी लम्बाई करीब 6 फीट है और मेरा रंग गोरा है. मेरे लंड की लंबाई लगभग 8 इंच है. मैं उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर का रहने वाला हूँ. मैं आप लोगों को ये जो कहानी बताने जा रहा हूँ वो करीब साल पहले की है.
मेरी ये कहानी मेरी स्टूडेंट नेहा की है और मेरे बीच घटी एक सच्ची घटना है. अपनी कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको नेहा के बारे में बता दूं. नेहा की उम्र 18 साल है और वह एक दम मस्त लगती है. स्लिम फिगर वाली नेहा जब किसी के सामने से निकलती है तब वह नेहा के बूब्स और गाण्ड को तब तक देखता रहता है, जब तक कि वो उन लोगों की आँखो से ओझल ना हो जाए.
मै नेहा को 2 साल से पढ़ा रहा हूँ तब वह 10वीं में पढ़ रही थी. वो अब 12 की स्टूडेंट है और मैं उसे रात को 9 बजे पढ़ने जाता हूँ. अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ. बात सर्दियों की है. सर्दियों में भी रोज़ की तरह ही मैं उसको रात 9 बजे पढाने जाता था. एक दिन मैं उसे पढ़ाने के लिए उसके घर पर गया था.
वहाँ पहुंच कर पता चला कि उसके माँ-पापा उसके गाँव गए हुए हैं. क्योंकि उसके बाबा की तबियत बहुत खराब है. मैंने उससे पूछा कि आप क्यों नहीं गए. तो उसने कहा कि मेरी यूनिट टेस्ट स्टार्ट हो गए हैं, इसलिए मैं नहीं गयी. अब तो मैं उस लड़की के साथ उसके घर में अकेला था. यह सोचकर और उसको घर में अकेला पा कर कमबख्त मेरा लंड बेचैन हो रहा था. किसी तरह खुद को कंट्रोल करके मैं उसको पढ़ने लगा.
जब मेरे जाने का टाइम हो गया तो वह बोली- सर आप कुछ एक्सट्रा टाइम पढ़ा दिया कीजिए, क्योंकि मेरे टेस्ट स्टार्ट हो गए हैं.
इसपर मैंने उससे कहा- एक काम करो, आप मेरे रूम पर आ जाया करो. क्योंकि मुझे बहुत काम होता है.
तो वो बोली- ठीक है सर.
बस अब क्या था, मैं तो बहुत खुश हो गया और जाने लगा तो वो बोली- सर अगर आपको कोई ऐतराज़ न हो तो मैं अभी आ जाऊं.
मैंने कहा- ठीक है.
उससे यह कहकर मैं अपने रूम पर चला आया. फ़िर करीब 10 मिनट के बाद वो मेरे रूम पर आ गई. मेरा लंड उसकी चुदाई करने के लिये बहुत बेताब हो रहा था. अंदर आ कर वो बैठ गई.
फिर मैंने उससे पूछा- पेपर किस चीज का है.
वो बोली- कम्पूटर का पेपर है.
अब मैंने अपना लैपटॉप निकाला और उसे देकर कहा कि इसको ऑन करो. वो लैपटॉप ऑन करने लगी और मैं खड़ा हो कर कपड़े के ऊपर से ही उसके बूब्स देखने लगा. जब लैपटॉप ऑन हो गया तो मैंने एक फोल्डर को इंडिकेट करके कहा कि ये फोल्डर ओपन मत करना. उसने कहा ठीक है मैं नहीं खोलूंगी. फ़िर मैं उसको बोला कि मुझे कुछ ज़रूरी काम है और मैं 5 मिनट के लिए बाहर चला गया और गेट खींच लिया.
बाहर जाकर के मैं खिड़की से अंदर देखने लगा कि वह क्या कर रही है. मैंने देखा कि मैंने उसे जिस फोल्डर को खोलने के लिए मना किया था, वो उसी फोल्डर को खोल रही थी. जैसे ही उसने उस फोल्डर को ऑन किया उसके सामने सेक्स मूवी आ गई. यह देख कर वो एक दम से चौंक गई. और फ़िर डरते- डरते मूवी को ऑन किया और उसे देखने लगी.
मूवी देखते- देखते ही वह पागल सी होने लगी थी. उस पर सेक्स का खुमार छाने लगा. वो चुदास की वजह से एकदम पागल सी हो गई. वह अपने को रोकने की पूरी कोशिश कर रही थी. जब उससे कंट्रोल नहीं हुआ तो वह अपनी चूत को कपड़े के ऊपर से ही मसलने लगी.
उसी समय मौके का फायदा उठा कर धीरे से मैं रूम में घुस गया और उसके पीछे जा कर खड़ा हो गया. कुछ देर मैं ऐसे ही खड़े होकर उसे देख रहा था. लेकिन अचानक से शायद उसे कुछ महसूस हुआ कि उसके पीछे कोई खड़ा है. इसपर वह घबरा गई. फिर डर कर पीछे मुड़ी और मुझे अपने पीछे खड़ा देखा तो वो पसीना- पसीना हो गई. वह बहुत डर गई थी. डर की वजह से उसकी आवाज लड़खड़ाने लगी.
उसने मुझसे कहा- सॉरी सर, मुझे माफ कर दो. आप के मना करने के बाद भी मैने ये फोल्डर ऑन किया. मैंने उससे कहा कोई बात नहीं पर ये बताओ कि तुम ये क्या कर रही थी? मेरे इतना कहने पर वो शर्मा गई और बोली- कुछ नहीं कर रही थी सर.
मैंने कहा- एक बात कहूँ.
तो वह बोली- बोलिए सर, क्या बोलना चाहते हैं आप.
मैंने उससे कहा- नेहा! तुम मुझे बहुत ही अच्छी लगती हो. क्या मैं तुमको हग कर सकता हूँ.
मेरे इतना बोलने पर वह बोली- सर, अब मुझे चलना चहिये.
मैंने कहा- चली जाना, अभी तो आई हो.
तो वो जाने लगी तो मैंने उसका हाँथ पकड़ लिया और उसे खींच कर अपने सीने से लगा लिया. पहले तो वो मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी. फ़िर वो कहने लगी सर मैं भी आपको बहुत पसंद करती हूँ, लेकिन आप मेरे सर हैं इसलिए मैंने आप से कुछ नहीं कहा है. जब उसने मुझसे इतना कहा तो मेरी खुशी का ठिकाना ही न रहा.
फिर मैंने उससे कहा कि मैं तुम्हारा सर हूँ तो क्या हुआ? मैं किसी को कुछ बताऊँगा है नहीं और न ही तुम बताओगी और तीसरा कोई यहां है नहीं. तो जब हम किसी को बताएंगे नहीं तो कोई जान ही नहीं पाएगा.
मेरे इतना कहते ही पता नहीं उसके माइंड में क्या आया जिसकी वजह से वो एक दम से भूखी शेरनी की तरह मुझसे चिपक गई. फ़िर क्या था मैं भी शुरू हो गया और अपनी प्यास बुझाने के लिए मैं उसके लिप्स को चूसने लगा वो भी पूरे जोश के साथ मेरे होंठ चूस रही थी.
हमने काफी देर तक मस्त होकर एक दूसरे की चुसाई की. चुसाई करते- करते हमें पता ही नहीं चला कि कब हमने एक दूसरे के कपड़े को शरीर से अलग कर दिया. अब मैं होठ छोड़कर उसे चूमने लगा और चूमते- चूमते मैं उसके बूब्स तक पहुंच गया. फिर मैं संतरे जैसे उसके बूब्स चूसने लगा. वह मस्त हो रही थी.
फ़िर मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसके उसकी पाव रोटी जैसी फूली चूत को चाटने लगा. वो उ आह की आवाज़ निकाल रही थी. मैं भी बेसब्र हो गया था. मैं खड़ा हो गया और खड़े हो के मैंने अपना 8 इंच लंबे लंड को उसकी चूत पर लगा कर रगड़ने लगा. कुछ देर बाद मैंने अचानक से एक धक्का मारा और लण्ड फिसल गया.
जैसे ही मैंने धक्का लगाया वो एक दम से उछल गई और कहा सर आराम से करो फाड़ डालोगे क्या?
फ़िर मैंने लण्ड पर थूक लगा कर एक जोर दार झटका मारा, जिससे वो दर्द से बेहाल हो गई. उसकी चूत से खून आने लगा था और चूत खून से लाल हो गई.
वो दर्द से कराहने लगी थी. मैंने उसको शांत रहने को कहा और फिर आराम- आराम से छोड़ने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था. कुछ देर बाद जब चूत ढीली हुई और लण्ड आराम से अंदर बाहर होने तो उसे भी मज़ा आने लगा और वो उछल- उछल कर चुदने लगी. करीब 10 मिनट तक उसको चोदने के बाद मैं उसकी ही चूत में झड़ गया.
फ़िर मैंने उसको 10 दिनों तक बराबर चोदा जब तक कि उसके माँ पापा आ नहीं गए और आज तक चोद रहा हूँ जब भी मौका मिलता है.
उमीद है आप लोगों को मेरी कहानी पसंद आई होगी . मुझे ई मेल करे और बताए की आप को कहानी कैसी लगी [email protected]