सर्वे कैम्प में सील तोड़ चुदाई

मेरे साथ एक लड़की पढ़ती थी. वो बहुत ही खूबसूरत थी. उसको देखते ही मेरा लंड चूत मांगने लगता था लेकिन मुझे मौका नहीं मिल रहा था. एक बार हम कॉलेज की तरफ से सर्वे के लिए गए. मुझे वहां मौका मिला और फिर पता नहीं क्या – क्या हुआ…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम लकी है और अभी मैं सिर्फ 20 साल की हूं. मेरी लम्बाई 5 फुट और 11 इंच है. यही नहीं मेरा लंड भी काफी लम्बा है और उसकी लम्बाई 8 इंच है. मैं पिछले 3 साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और इसकी हर एक कहानी की पूरा मन लगा कर पढ़ता हूं. मुझे अन्तर्वासना की सभी कहानियों को पढ़ कर बहुत मज़ा आता है.

अभी तो जो मैंने अनुभव किया है उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि यहां प्रकाशित कई कहानियां सच होती हैं लेकिन कुछ झूठ भी होती हैं. इन कहानियों को पढ़ कर मुझे भी लगा कि आप सब के साथ अपनी कहानी शेयर करनी चाहिए। हालांकि, मेरी यह कहानी पूरी तरह सत्य घटना पर आधारित है. बस नाम लोगों और जगह के नाम बदल दिए गए हैं.

अब आप लोगों का ज्यादा टाइम न लेते हुए मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हूं. बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में सेकेंड ईयर में पढ़ता था. एक हम सभी दोस्त कॉलेज कैम्प में गए हुए थे. हमारे साथ कुछ लड़कियां भी थी. उस ग्रुप में एक लड़की थी, जिसका नाम कविता नाम था. वह बहुत ही गोरी और एक दम सुडौल बदन की मालकिन थी.

दोस्तों, उसका फिगर साइज 30 28 30 का था. जब भी मैं उसे देखता तो देखते ही मेरी पैंट की चैन अपने आप खुल जाती थी. उसके बूब्स इतने सुंदर और इतने उभरे हुए थे कि देखते ही मन करने लगता कि पकड़ के सारा दूध पी जाऊं.

दोस्तों, यह 8 दिन का कैम्प था. इसी को देखते हुए मैंने मन बना लिया था कि बस अब कैसे भी करके इस दौरान कविता की चुदाई करनी है. पहला दिन था और पहुंचते – पहुंचते शाम हो गई थी. इसलिए उस दिन कोई काम नहीं हो सका.

रात हुई और सब अपने – अपने बिस्तर पर जाकर सोने की तैयारी करने लगे. मैं कविता के बारे में ही सोच रहा था. इस वजह से मुझे नींद नहीं आ रही थी. फिर रात को मैं उठा और बाथरूम में जाकर उसके नाम की मुठ मारने लगा. मुठ मारने से मुझे कुछ राहत हुई और फिर मैं अपने बेड पर आकर सो गया.

सुबह हुई. उठने के बाद सब फ्रेश हो हुए और नाश्ता करने के बाद सर्वे के लिये जाने लगे. तभी कविता ने कहा कि मेरी तबियत खराब है. इसलिए आज मैं सर्वे पर नहीं आ सकती. आखिर वो नहीं गई और वहीं कैम्प में ही रुक गयी.

दोस्तों, मेरा भी आज सभी के लिए खाना बनाने का नंबर था. इसलिए मैं भी नहीं गया. इस तरह उस दिन कैम्प में सिर्फ हम दो ही बचे थे. मेरे पास अच्छा मौका था और मैंने इसे भुनाने की ठान ली थी. फिर मैं कविता के रूम की तरफ गया. दोस्तों, लड़कियों को अलग रूम में रखा गया था.

उसके रूम में पहुंच कर मैंने देखा कि कविता सो रही है. यह देख कर मैंने कमरे के सारे खिड़की एयर दरवाजे बन्द कर दिए और फिर उसके बाजू में लेट. खिड़की – दरवाजे बन्द करने की वजह से कमरे में अंधेरा सा हो गया था.

अब मैंने अंधेरे का फायदा उठाते हुए कविता के बूब्स पर धीरे – धीरे अपना हाथ फेरना शुरू कर दिया. मेरे ऐसा करने पर उसने कोई हरकत नहीं की. इस वजह से मेरी हिम्मत थोड़ी सी बढ़ गई और फिर मैंने अपने होठों को उसके गालों से सटा दिया और धीरे से उसके टांगों पर अपनी एक टांग रख दी.

अब वो थोड़ी हिलने लगी. यह देख मैं थोड़ा डर गया. मुझे लगा कि अब वो जाग जाएगी और मुझे खूब भला – बुरा कहेगी क्योंकि अभी वो बिल्कुल भी गर्म नहीं हुई थी पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.

फिर मैंने हिम्मत करके उसके बोबे दबाना शुरू कर दिया और बीच – बीच में उसकी चूत भी सहलाने लगा. फिर मैंने उसके होंठों पर किस भी कर लिया. तभी मुझे एहसास हुआ कि वो जगी हुई है और मेरा साथ दे रही है.

अब क्या था! यह देख मैंने उसकी सलवार को खोल दिया और चूत पर किस करने लगा. तभी उसने मुझे ऊपर खींच लिया और मेरे लन्ड को पकड़ लिया. फिर वो कहने लगी – लकी मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं.

उसने बताया कि उसे मुझसे तभी से प्यार हो गया था जब एक बार उसने टॉयलेट करते हुए मेरे लन्ड को देखा था. उसने कहा कि तुम्हारा 8 इंच वाला लम्बा लन्ड देख मेरी चूत भी बहुत दिनों खुजा रही है. इसलिए अब देर न करो और मेरी इस भोसी में अपना मूसल डाल कर इसका भोसड़ा बना दो. मुझे अपनी रानी बना लो लकी रानी. इतना कहते हुए उसने मेरे लन्ड को अपने मुंह में ले लिया.

इसके बाद मैंने उसे उठाया और बिस्तर पर लेट कर उसकी चूत के दरवाजों को लंड से खोलता हुए उसे अंदर पेल दिया. इससे उसकी चीख निकल गई और वो चिल्लाने लगी. उसने कहा – लकी, ये मेरी पहली चुदाई है प्लीज धीरे – धीरे चोदो न, दर्द हो रहा है.

फिर मैंने लंड बाहर निकाल कर थोड़ा सा थूक लगाया और जोर से धक्का दे दिया. मेरे इस धक्के की वजह से उसकी सील टूट गयी. उसकी चूत से खून निकलने लगा और मेरे लंड में खून लग गया.

सील टूटने की वजह से पहले तो उसे दर्द हुआ लेकिन थोड़ी देर बाद जब लंड ने अपनी जगह बना ली तो उसे भी मज़ा आने लगा. अब वो मस्त होकर कहने लगी – और जोर से चोदो मुझे लकी और जोर से. आज तो रंडी बना दो मुझे. फाड़ दो मेरी चूत और बना दो इसका भोसड़ा.

मैं भी खूब मस्त था. मेरा सपना पूरा हो गया था. अब मैं धकापेल चुदाई कर रहा था. करीब 8 मिनट की चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने उससे पूछा कि अंदर निकलूं या बाहर? उसने कहा चाहती तो हूं कि अंदर निकलो ताकि मेरी आग ठंडी हो सके लेकिन प्रेग्नेंसी का डर है इसलिए बाहर ही निकाल दो.

फिर मैंने लंड बाहर निकाला और बाहर आते ही उसने पानी छोड़ दिया. मैंने सारा माल उसके मस्त और उठे हुए बोबो पर डाल दिया. अब तक वो भी झड़ चुकी थी. फिर मैं उठा और हम दोनों ने अपने – अपने कपड़े पहन लिए. इसके बाद मैंने उसे एक बार किस किया और उसके रूम से बाहर आ गया. वो फिर सो गई.

दोस्तों इस तरह हमने अपनी पहली चुदाई का आनंद लिया. अब जब भी हमें मौका मिलता है हम चुदाई करते हैं. उसके घर पर जब कोई नहीं होता तो मैं उसके घर पहुंच जाता हूं और उसके साथ – साथ अपनी भी प्यास बुझता हूं. हम सारी – सारी रात चुदाई करते हैं. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताएं.

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