ब्लाउज उतारते हीँ उनके उन्नत चूचे मुझे ललचाने लगे। मुझे तो उनके चूचे बचपन से हीँ बहुत भाते थे, चूचोँ को सामने देखकर, मैँ तो खुशी के मारे पागल हो गया और चूस-चूसकर एकदम लाल कर दिया…….
हैल्लो दोस्तोँ मेरा नाम राज है। मैँ 20 साल का एक हट्टा कट्टा नौजवान हूँ। मेरी सिर्फ एक हीँ कमजोरी है- मेरी प्यारी ताई। मेरी ताई कोई खास सुँदर नहीँ है फिर भी मैँ उनसे बेइँतहा मोहब्बत करता हूँ।
यह कहानी मेरी और मेरी ताई की है। मेरे ताई की उम्र करीब 45 वर्ष है। उनका फिगर 38-36-40 का होगा और उनकी गांड का तो पूछो हीँ मत, उफ्फफ क्या कयामत है?
मुझे बचपन से हीँ बड़ी उम्र की औरतेँ या आंटी बहुत पसन्द हैँ। उनके भरे नितम्ब और बड़े-बड़े तरबूज जैसी चूचियाँ मुझे सदैव आकर्षित करती हैं। जब से मेरे लण्ड मेँ जान आई है, तब से अपनेँ सपनोँ में मैने सिर्फ अपनी ताई को ही पाया है। यूँ कह लो की मै उनसे बहुत प्यार करता हूँ।
अब कहानी पर आतेँ हैँ। ये कहानी मई, 2014 की है। उस दिन बहुत गर्मी थी और सब लोग छत पर सोए थे। मै ताई के बगल मेँ सोया था। रात मेँ जब मच्छर काटने लगे तो मैने ताई को अपनी चादर मेँ आनेँ को बोला। क्योकि वो चादर लेकर नहीँ सोई थी। इसलिए वो मेरी चादर मे आ गयी।
अब अपनी प्रेमिका के इतने पास होने पर किसे नीँद आए। मेरा लण्ड तो जैसे सातवेँ आसमान पर था। मैँने धीरे से अपना हाथ उनकी कमर पर रख दिया और पैर उनके प्यारे पैरोँ पर। जब उनकी तरफ से कोई हलचल नहीँ हुई तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी और मैनेँ अपना हाथ सरका कर उनकी चूचियों पर रख दिया।
अब मैनेँ उनके बड़े-बड़े मम्मोँ को दबाना शुरू कर दिया। शायद उन्हे पता चल गया। वो उठीं और बाथरुम चली गयी। मेरी तो गाङ हीँ फट गयी। लेकिन वो वापिस आकर फिर से मेरे चादर मेँ ही सो गयीँ। मैंने सोचा हरी झंडी है। मैँने भी अपना काम फिर से शुरु कर दिया।
कुछ देर ऐसा हीँ चलता रहा। फिर एकाएक उन्होनेँ मेरा हाथ पकङ लिया और मुझे एक चाँटा जङ दिया।
वो फुसफुसाते हुए बोलीँ- तुम्हेँ शर्म नहीँ आती, अपनी ताई के साथ ऐसा करते हुए?
मेरी तो हालत खराब हो गयी, लेकिन फिर भी मैनेँ हिम्मत करके अपने दिल की बात उन्हेँ बता दी। इसी दौरान मैंने उनके होँठो पर एक किस कर दिया। इतने पर तो वो आग बबूला हो गयी।
अब मेरे पास एक ही चारा था। मैने उनके चूचे पकङ लिए और उनके होँठोँ पर जोरदार किस करने लगा।
ताई छटपटाने लगी लेकिन चिल्लाई नहीं। आखिर कितनी देर तक वो अपनी भावनाओँ को रोके रहती। आखिर वो भी एक औरत हैँ। उनका छटपटाना धीरे-धीरे बन्द हो गया और वो भी मेरा साथ देने लगी।
फिर क्या था? मैने उनसे रूम मेँ चलने को कहा तो वो झट से तैयार हो गयीँ। कमरे मेँ पहुचते ही मै उनपर भूखे शेर की तरह टूट पङा। वो मेरे कपड़े उतारने लगीँ, मै अन्डर वियर पर आ गया। कमरे के अंदर वो बिलकुल बदली हुयी महिला लग रही थीं। यहाँ विरोध करने को कौन कहे। वो तो खुद ही इस देह यज्ञ की शुरुवात कर रही थीं।
मैँ क्योँ पीछे रहता। मैनेँ उन्हेँ खङा किया और चीरहरण वाले स्टाईल मेँ उनकी साङी उतारी। अब वो ब्लाउज और पेटीकोट पर आ गयीँ। मैनेँ वो भी नहीँ छोङा। वो ब्रा नही पहनती थीँ। ब्लाउज उतारते हीँ उनके उन्नत चूचे मुझे ललचाने लगे। मुझे तो उनके चूचे बचपन से हीँ बहुत भाते थे, चूचोँ को सामने देखकर, मैँ तो खुशी के मारे पागल हो गया और चूस-चूसकर एकदम लाल कर दिया।
फिर उन्होने मुझे समझाया कि इतना जल्दबाजी करना ठीक नहीँ है, मैने उनकी बात मान ली। अब उन्होने मेरी चड्ढी भी उतार दी। चड्ढी उतरते हीँ मेरा 7″ लम्बा लौङा उछलकर सामने आ गया। ताई तो आँखे फाङकर देखने लगी।
मैनेँ उन्हेँ अपना लौङा चूसने को बोला तो वो ना नुकुर करने लगीँ। मैँने भी हार नहीँ मानी अपना लण्ड जबरदस्ती उनके मुँह मेँ डाल दिया। ताई गोँ-गोँ करने लगीँ। मैँनेँ 5 मिनट तक अपना लण्ड चुसवाया। इसके बाद मैने सीधे उनकी झाँटदार चूत पर मुँह लगा दिया। उनकी तो आह निकल पङी।
वैसे भी मुझे चूत पर झाँट बहुत प्यारा लगता है। वो तो मजे से सिसकारी लेने लगीँ और जल्दी हीँ उन्होँने पानी भी छोड़ दिया। मैँ उनका सारा का सारा पानी पी गया।
अब बारी थी चूत चोदन की। मैनेँ उन्हेँ लिटा दिया और खुद उनके ऊपर आ गया। मैंने उनकी चूत में लंड डालने की कोशिश की लेकिन सही रास्ता नहीं मिल रहा था। तब ताई ने मेरे लण्ड को अपने चूत पर सेट करके मुझे धक्का लगाने को बोला। मैनेँ एक हीँ शाट मेँ लौँङा उनके बच्चेदानी तक पैबस्त कर दिया। उनकी जोरदार चीख निकल गयी।
मैँने पूँछा- क्या हुआ ताई?
वो बोलीँ- थोङा धीरे पेलो लल्ला! दुखता है। तुम्हारे ताऊ जी से चुदवाए तो कई साल हो गए।
फिर मैनेँ कुछ देर तो धीरे- धीरे चोदा। फिर उसके बाद चुदाई का जो तूफान उठा कि 20 मिनट के बाद हीँ शान्त हुआ। ताई भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
ताई के मुँह से जाने क्या-क्या शब्द निकल रहा था- आहह उफ्फ आहहह।।। क्ययया चोददततएएए हहहो लल्ला? फाड़ डालललो मेरी चूत को।। आआहहह बेटु! उफ्फफफ।
ताई का तो मजे के कारण बुरा हाल हो गया था। फिर मैंने भी स्पीड बढ़कर चुदाई करते हुए पूरा माल उनकी चूत में ही निकाल दिया। ताई की आखों में भी पूर्ण संतुष्टि के भाव थे। इस चुदाई के बाद हमनेँ उसी रात प्यार की तीन पारी और खेलीँ।
ताई आज भी मेरी चुदाई की कायल हैँ, और मौँका मिलने पर आज भी हमारा यौन संसर्ग होता रहता है।
ताई अब मुझे हीँ अपना असली पति मानती हैँ, क्योँकि हमनेँ गंधर्व विवाह कर लिया हैं और हमनेँ सुहागरात भी मनाई। सुहागरात मेँ मैँने उनकी जबरदस्ती गाँङ मार ली थी, जिसके कारण वो मुझसे कई दिन तक नाराज थीँ और कुछ दिनोँ तक मुझे उनकी चूत भी नसीब नहीँ हुई। लेकिन उसके बाद कई बार अपनी चूत चुदाई के बदले उन्होंने अपनी गांड भी चुदवाई।
अगर किसी भाभी या आँटी को भी मेरी ताई की तरह चुदवाना है तो मुझे ईमेल करेँ। मैँ उनको ऐसा ठोकूँगा कि वो मेरे लण्ड की दाद देँगीँ।
मेरा ईमेल है- [email protected]
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