मेरी यह कहानी तब की है जब मुझे सेक्स के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी. इसके बाद भी मैं लड़कों के प्रति आकर्षित हुआ करता था. एक बार मेरे घर के बगल में एक टेलर रहने के लिए आया. पहले तो उसने मुझे लॉलीपॉप दिया लेकिन बाद में मौका मिलने पर अपना लॉलीपॉप चुसाया…
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम आरव है. मैंने अब तक इस साइट पर बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं. आज मैं आप सब को अपनी पहली सेक्स स्टोरी के बारे में बताने जा रहा हूँ पर समझ नहीं आ रहा है कि कैसे स्टार्ट करूं! मैं अपनी आप बीती आपके सामने रखने के लिए बहुत उत्सुक हूँ.
अब मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. बात तब की है जब मैं केवल 19 साल का था. मुझे बचपन से लड़के बहुत ही अट्रैक्टिव लगते थे और मैंने बहुत बार अपने भाई लोगों के लंड को टच करने की कोशिश भी की थी. लेकिन तब भी मैं डरता था. मुझे लगता था कि कहीं कोई गुस्सा न करे या घर वालों से मेरी शिकायत न कर दे.
इसी बीच मेरे घर से कुछ दूर पर एक टेलर ने रूम लिया. वह देखने में काफी आकर्षक और ख़ूबसूरत था. होता भी क्यों न आखिर कार वह दिल्ली जैसे शहर से आया था. उसे अपने आपको ग्रूमिंग करना अच्छा से आता था.
जब भी मैं उसके पास जाता तो उसे देख कर मेरा दिल एक दम खुश हो जाता था. दोस्तों, मैं बचपन से रेडीमेड टी-शर्ट्स पहनता था और मेरे पापा हमेशा टेलर से सिलवा कर ही कपड़े पहनते थे. टेलर से सिलवाये कपड़े एक दम फिटिंग के होते थे. चूंकि उनकी प्राइवेट जॉब है और प्राइवेट इंडस्ट्रीज में तो आप सब जानते ही हैं कि लोगों को खुद को कितना मेंटेन कर के रखना पड़ता है.
एक बार मैंने पापा से कहा कि वह पड़ोस में जो नया टेलर आया है वहां चलो. लेकिन पापा इतनी जल्दी कहां मानने वाले थे. वह तो रट लगाए थे कि अपने पुराने टेलर के यहां ही जायेंगे. लेकिन मेरे बहुत ज़िद करने पर और उन्हें समझाने के बाद कि वह दिल्ली से है और बहुत अच्छे कपड़े बनाता है तो वह मेरी बात मान गए.
तब मैं फर्स्ट टाइम उसके दूकान पर पापा के साथ गया था. उसी समय मैंने उसे पहली दफा काफी करीब से देखा.
फिर पापा ने अपनी नाप वगैरह दी और उसे बताया कि किस स्टाइल में कपड़े सिलना है.
इस बीच मैं ऊपर से नीचे तक उसी को देख रहा था. क्या चेहरा था! छोटी – छोटी आँखें, लम्बी सी नाक और गुलाबी रंग के होंठ, एक दम गोरा बदन! वह हाफ शर्ट और लोअर पहने हुए था. उसकी बॉडी ऐसी जैसे रेगुलर जिम जाने वाले लड़कों की होती है.
मैं तो जैसे उसमें खो ही गया था. पर तभी पीछे से आवाज़ आयी ‘आरव’ और जब मैंने अपनी नज़र घुमा कर देखा तो पापा मुझे बुला रहे थे. पापा बोले – घर चलो कि यहीं खड़े रहोगे?
दोस्तों, मुझे होश ही नहीं रहा कि पापा कब वहां से निकल गए. फिर निकलते वक़्त उसने मुझे आवाज़ दी और एक लॉलीपॉप पकड़ा दिया. मैं उस दिन बहुत खुश था. मैं मन ही मन सोच रहा था कि जिसे मैंने चाहा आज उसी से इतने पास से मिल कर आ रहा हूँ और उसने मुझे कुछ दिया भी तो है. फिर मैंने बहुत ही अच्छे से देर तक उस लॉलीपॉप को चूसाता रहा.
तब तक मुझे सेक्स के बारे में कोई नॉलेज नहीं थी. लेकिन इसके बावजूद मेरा मन हर समय बस उसके पास ही जाने को होता रहता था. अब दोबारा मैं कैसे उससे मिलूं यह सोच रहा था कि तभी मुझे सूझा कि क्यों न मैं भी इस बार अपने कपड़े सिलवा लूं. इसी बहाने वह मुझे छुएगा भी.
ऐसा ही हुआ. मां के साथ मैं दूसरे ही दिन उसके यहां कपड़े लेकर पहुँच गया. उसने मुझे देखा और हेलो बेटा कैसे हो कहा. फिर इसके बाद उसने मुझे एक और लॉलीपॉप दे दी.
फिर माँ ने उससे कहा कि मेरे बेटे के लिए भी पैंट – शर्ट सिलवानी है. इस पर उसने कहा – ठीक है मैं इसकी नाप ले लेता हूँ. यह सुन कर मुझे तो जैसे खुशी का ठिकाना ही न रहा. ऐसा लग रहा था जैसे स्माइल मेरे चेहरे पर जैसे फेविकोल से चिपका दी गई हो.
तभी मां की एक सहेली वहां आईं. वह अपने कुछ कुशन्स के कवर सिलवाने के लिए आई थीं. उन्हीं से मां को पता चला वह ये सब छोटे – मोटे काम भी कर देते हैं.
फिर मां अपनी सहेली से बात करने में व्यस्त हो गईं. अब वह मेरे एक दम पास में था मेरी लम्बाई तकरीबन उसके कंधे के पास तक रही होगी. फिर उसने सबसे पहले मेरे गले की माप ली. दोस्तों, मैंने डियो लगा रखा था, जिसकी खुशबू उसके नाक तक पहुंच गई.
फिर वह मेरे से एक दम चिपक गया और पूछने लगा कि शर्ट की लम्बाई क्या होगी? मैंने कहा – आप ही जानो, मैंने आज तक कभी शर्ट नहीं सिलवाई. दोस्तों, उस वक़्त मेरा मन हुआ कि बस उसके लंड को पकड़ लूं. मेरी उसके लंड को देखने की बहुत इच्छा हो रही थी.
तभी वह मेरे से दूर हुआ और मेरे चेस्ट की माप ले ली. चेस्ट की माप लेते समय उसने मेरे निप्पल्स पर हल्के से चिकोटी काट ली. उसकी इस हरकत से मैं एक दम सहम सा गया. फिर मैंने उसकी ओर देखा तो वह मुस्कुराने लगा. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है.
फिर नाप देने के बाद मैं मां के साथ घर आ गया. घर आने के बाद मैं सोचने लगा. मुझे उसका मेरे निप्पल्स को दबाना बहुत अच्छा लगा. मैं दिन भर उसी के बारे में सोचता रहा.
अगले दिन फिर पता नहीं मां ने कहां से कपड़े निकाले और मुझे दिखाते हुए बोलीं – इसके कुशन कवर और तकिये के कवर सिल्वा लेती हूँ. मेरे लिए उस दिन फिर उसके पास जाने का मौका अच्छा था. फिर मैं तुरंत मां से बोला – मैं जाऊं इसे लेकर. टेलर तो पास में ही है और मैं बड़ा भी हो गया हूँ. उन्हें सब बता दूंगा.
फिर पता नहीं मां क्या सोच कर मुस्कुरायी और उन्होंने मुझे जाने दिया. उस टाइम सुबह के 10 ही बजे थे. जब मैं पहुंचा तो जिसमें वह टेलरिंग का काम करता था उस रूम का दरवाज़ा खुला था. लेकिन वह वहां नहीं था.
यह देख मैंने दरवाजा भड़भड़ाया पर कोई रिप्लाई नहीं आया. फिर मैंने आवाज़ लगाई और कहा – अंकल आप कहाँ हैं? तभी अंदर से आवाज़ आयी – कौन है? मैंने बताया कि मैं आराव, जिसको कल आपने लॉलीपॉप दी थी.
तब वे बोले – अच्छा आराव, तुम अंदर रूम में आ कर बैठो मैं नहा रहा हूँ, नहा कर बस आता हूँ. फिर उन्होंने कहा – और हां आज तुम्हारे लिए एक अलग तरह की और भी बड़ी लॉलीपॉप है मेरे पास. फिर मैं बैठ कर उनका इंतजार करने लगा.
करीब 10 मिनट बाद वह तौलिया लपेटे बाहर आये और मुझसे बोले अंदर आ जाओ. मैं अंदर गया तो उन्होंने कहा कि अब बताओ क्या काम है? मैंने उन्हें कपड़े दिए और बताया कि इनका कुशन और तकिया कवर बनाना है.
फिर वे मेरे बगल में बैठ गए और कपड़े की नाप लेने लगे. इसी बीच उनका ढीला तौलिया खुल गया और वे एक दम नंगे हो गए. अब मेरी नज़र सीधी उनके लंड पर टिक गई. मैं देखने लगा. तभी उन्होंने मेरी तरफ इशारा किया और बोले यही आज तुम्हारा लॉलीपॉप है, चूसोगे? मेरा सिर अपने आप हां में हिल गया.
फिर वे मेरे पास आये और लंड मुंह में दे दिया. मैं मज़े से चूसने लगा. शुरू – शुरू में तो मुझे उसका टेस्ट अजीब सा लगा लेकिन फिर बाद में मज़ा आने लगा. थोड़ी देर बाद उनके लंड से चिपचिपा सा कुछ निकला. मैंने उन्हें बताया तो बोले कि पी जाओ. फिर मैं उसे पी गया.
इसके थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह से निकाला और फिर मेरे निप्पल्स पर चिकोटी काट ली. फिर उन्होंने मुझे चॉकलेट दी और किसी से बताने को मना किया. इसके बाद कपड़े लेकर उन्होंने मुझे घर जाने को कहा और मैं चला आया.
इसके बाद फिर क्या हुआ ये सब मैं आपको कहानी के अगले भाग में बताऊंगा. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]
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