तलाकशुदा को चोद कर अपना बनाया

अब मैंने उसको सीने से लगाया और पीछे से उसकी ब्रा खोल दी. उसके बूब्स मेरे सामने थे. उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन बहुत खूबसूरत लग रहे थे. अब मैंने अपने होंठ उसके बूब्स से लगा दिए और जोर – जोर से चूसने लगा. वो सिसकारी भरने लगी…

हेलो दोस्तों, कैसे है आप सब? मेरी डेल्ही वाली भाभी की कहानी पड़ कर मुझे आप लोगों के बहुत सारे मेल मुझे आये. उसके लिए आप सबका धन्यवाद. बहुत दिनों से कहानी लिखने का टाइम नहीं मिला, लेकिन आज मन किया कि अपना एक सच्चा किस्सा आप सब को सुनाऊं, तो लिखने बैठ गया. आप सब इसे पढ़िए और मुझे मेल करके अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजिए.

ये कहानी पिछले साल की है. दोस्तों, अब मैं कानपुर शिफ्ट हो गया हूँ. एक दिन मुझे किसी काम से लखनऊ जाना था. सो मैं स्टेशन जाने के लिए घर के पास से टेम्पो में बैठा.

शाम हो चुकी थी. टेम्पो तीन – चार लोग थे. मेरी बगल वाली सीट पर बुर्के में एक महिला बैठी थी. पहले तो मैंने गौर नहीं किया, लेकिन थोड़ी देर बाद जब मैंने फिर देखा तो पाया कि वो मेरी तरफ ही देख रही है.

उसकी आंखें बहुत सुन्दर लग रही थी तो मैं भी उसे देखने लगा और अपना मोबाइल लेकर बार – बार उसकी तरफ दिखने लगा. थोड़ी देर में उसने अपना बुर्का हटा दिया. वो 32-33 साल की पतली कमर और मस्त फिगर वाली महिला थी. उसके चेहरे से नूर छलक रहा था. मैं तो उसको देखता ही रह गया.

वो अपने बगल में बैठी सहेली से अपनी बेटी के बारे में बात कर रही थी. थोड़ी दूर पर उसकी सहेली उतर गयी. फिर थोड़ी देर बाद वो मेरी तरफ देख कर मुस्कराई और फिर अपना मोबाइल मुझे देते हुए बोली, “देखो ये ठीक से चल नहीं रहा है.” यह मेरे लिए खुला निमंत्रण था.

मैंने मोबाइल लेकर अपना नम्बर डायल कर दिया और अपने फ़ोन पर कॉल किया, लेकिन फ़ोन नहीं लगा. फिर मैंने अपना कार्ड भी उसको दे दिया और वो टेम्पो से उतर गयी. मैं स्टेशन पहुंच कर लखनऊ चला गया.

वहां पहुंच कर मैं उसके फ़ोन का वेट करता रहा, लेकिन उसकी कॉल नहीं आयी. अब मुझे बहुत दुःख हुआ कि मैं उसका नम्बर नहीं ले पाया. अगले दिन मैं वापस कानपुर आ ही रहा था कि तभी एक अंजान नम्बर से कॉल आया.

उधर से कोई लड़की बोल रही थी. जब बात की तो पता चला कि ये तो वही बुर्के वाली है. उससे बात कर के अच्छा लगा. मैंने पूछा कि कल फ़ोन क्यों नहीं किया? तो बोली कि बैलेंस खत्म हो गया था. यह सुन कर मैंने उससे बोला कि रुको मैं फ़ोन करता हूँ.

फिर हमारी बात हुई. मैंने बताया कि लखनऊ से वापस आ रहा हूँ. फिर मैंने उसे मिलने के लिए बोला तो उसने लोकेशन बताया और बोली कि शाम को मिलते हैं. शाम को मिलने पंहुचा तो वो ऑफिस से आयी. फिर मैंने उसे बाइक पर बिठाया. उसने बुरका पहन रखा था. वह बिना संकोच मेरे कंधे पर हाथ रख कर बैठ गयी.

अब हमारी खूब बातें हुईं. एक – दूसरे के बारे में जाना. उसने अपना नाम नूर बताया. उसने बताया कि उसका तलाक हो चुका था और उसके एक 6 साल की एक बेटी है. वह अपनी मम्मी के साथ रहती है. वह एक ऑफिस में काम  करती है और अपनी जिंदगी जी रही है.

फिर मैंने उसे उसके घर के पास छोड़ दिया. अब तो हमारी रोज बातें होने लगी. फिर संडे को मिलने का प्लान बनाया. हम लोग मूवी देखने गए और कार्नर की सीट लेकर हम बैठ गए. उसमे कपल ही ज्यादा थे.

फिर जब मैंने उसका हाथ पकड़ा तो उसने अपना सर मेरे सीने पर रख दिया. अब मैं उसके सर पर हाथ फेर रहा था और धीरे – धीरे उसके कंधे को पकड़ कर अपने सीने से लगा लिया. फिर जब मैंने उसका चेहरा ऊपर किया तो उसने अपनी आँखें बंद कर ली.

जब मैंने उसकी आँखों पर किस किया तो वह आँखें खोल कर मेरी तरफ देखने लगी. उस समय पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने अपने होंठ उसके होंठ से जोड़ दिए. अब उसने फिर से अपनी आँखें बंद कर ली. फिर हमारे होंठ आपस में जुड़ गए. हम जैसे जन्मों के प्यासे एक – दूसरे के होंठ चूसने लगे.

उसकी सांसें तेज होने लगी. तभी मैंने अपने एक हाथ को उसके सीने पर रख दिया और ऊपर से उसके बूब्स दबाने लगा. वो मस्त होकर आंखें बंद किए हुए मजे ले रही थी. करीब 10 मिनट तक हम एक – दूसरे के होंठ चूसते रहे.

अब मेरा लंड खड़ा हो चुका था. फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड के ऊपर रखा तो वो पैंट के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगी. अब हम दोनों अलग ही दुनिया में पहुंच गए थे. पूरे दो घंटे तक हम एक – दूसरे के जिस्म से खेलते रहे.

मैंने उसकी चूत में ऊँगली की और उसने मेरे लंड को हिला – हिलाकर पानी निकाल दिया. फिर वो बोली अगली बार कहीं और मिलेंगे. फिर मैंने उसे उसके घर के पास छोड़ दिया. उसी शाम मायके गई मेरी बीबी अपने मायके से वापस आ गयी तो उस रात मैंने अपनी बीबी को 4 बार चोदा. वो बोली कि क्या बात है आज तो तुम थक ही नहीं रहे हो.

इस पर मैंने बहाना बना दिया कि इतने दिनों से प्यासा था. आज मजा आ गया. फिर मैंने अगले हफ्ते अपने एक खास दोस्त के घर मिलने का प्लान बनाया. उसकी बीबी भी मायके गयी हुई थी और वो अपनी दुकान पर था. मैंने नूर को उधर ही बुला लिया.

फिर दोस्त के साथ उसके घर गया. मैंने पहले ही रास्ते से एक बड़ा कंडोम का पैकेट और तीन बियर ले ली थी. फिर हम दोस्त के घर पहुंच गए. मेरे दोस्त ने हम दोनों को अंदर किया. फिर 10 मिनट बाद वो वापस चला गया और घर को बाहर से लॉक कर दिया.

जैसे ही मेरा दोस्त बादर गया, वैसे ही हम दोनों एक – दूसरे से चिपक गए. हमारे होंठ आपस में जुड़ गए. फिर धीरे – धीरे एक – दूसरे के कपड़े अपने आप उतरने लगे. अब हम दोनों सिर्फ दो कपड़ों में बचे थे.

अब मैंने उसको सीने से लगाया और पीछे से उसकी ब्रा खोल दी. उसके बूब्स मेरे सामने थे. उसके बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे, लेकिन बहुत खूबसूरत लग रहे थे. अब मैंने अपने होंठ उसके बूब्स से लगा दिए और जोर – जोर से चूसने लगा. वो सिसकारी भरने लगी.

वो खड़ी थी और अब मैं बैठ गया था. अब मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को किस किया और फिर धीरे – धीरे उसकी पैंटी नीचे उतार दी. अब एक दम साफ चूत मेरे सामने थी. उसे देख मैंने अपने होंठ उसकी चूत पर रख दिए.

अब वो मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी. फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसके ऊपर लेट कर उसके बदन से खेलने लगा. थोड़ी देर तक मस्ती करने के बाद मैंने बियर निकली और पीने लगा. मैंने उसको भी एक बियर दी लेकिन वो मना करने लगी. फिर मेरे जोर देने पर उसने बोतल ले लिया और अब हम एक – दूसरे के बदन से खेलते हुए बियर पीने लगे.

मैंने बियर अपने मुंह में भर ली और वो मेरे मुंह से अपना मुंह लगा कर बियर पीने लगी. अब तो हम दोनों अलग ही दुनिया में पहुंच चुके थे. दोनों बियर खत्म होते – होते हमारे ऊपर सुरूर सा छाने लगा. फिर मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरा सर सहलाने लगी.

अब मैंने उसे ऊपर बुलाया तो वो मेरे मुंह पर अपनी चूत खोल कर उल्टा बैठ गयी और फिर झुक कर मेरा लंड चूसने लगी. वो नशे में मस्त थी और मजे से जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप चूस रहा हो वो मेरा लंड चूस रही थी और इधर मैं उसकी चूत चूस रहा था.

अचानक मुझे महसूस हुआ कि उसने सुसु कर दिया. लेकिन वो झड़ रही थी और मैं उसके चूत का पानी बियर समझ कर पीने लगा. फिर वो थक गयी और बगल में लेट गयी. मैंने पूछा कि क्या हुआ तो बोली, “न जाने कितने सालों बाद आज जिन्दा होने का एहसास हुआ है मेरे राजा. आज से मैं तुम्हारी गुलाम हो गयी, जो बोलोगे वो करुँगी.”

मैंने उसे प्यार से किस किया और बोला, “चुदने के लिए तैयार हो?” तो वो बोली, “जो हुकुम मेरे आका?” और फिर हम हँसने लगे. अब मैंने कंडोम निकाला. उसने बड़े प्यार से कंडोम मुझे पहनाया और अपनी टांगें ऊपर करके मेरे लंड डालने का इंतजार करने लगी.

अब मैं धीरे – धीरे लंड उसकी चूत की गहराई में डालने लगा. उसके मुंह से ‘सी सीई सीई’ की आवाज आने लगी. उसकी यह आवाज मुझे अलग ही जोश दिला रही थी. बियर अपना काम अच्छे तरीके से कर रही थी. मैं मस्त होकर आधे घंटे तक उसको चोदता रहा.

फिर वो ऊपर आई और मेरे लंड पर बैठ कर जबरदस्त उछली. इस तरह उसने मेरी जो चुदाई की. जिंदगी का मजा आ गया. चुदाई करते हुए करीब 45 मिनट हो चुके थे. हम बुरी तरह थक चुके थे.

फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया और घमासान चुदाई शुरू कर दी. उसमें भी बहुत दम था. वो मेरा बराबर साथ दे रही थी. एक घंटे चोदने के बाद मेरा पानी निकल गया. उसने बाद में बताया कि उसको याद नहीं है कि वो कितनी बार झड़ चुकी है.

फिर हम दोनों एक – दूसरे से चपक कर सो गए. आधे घंटे बाद हमने चिप्स और नमकीन खाये और बाकी की एक बोतल बियर में से आधी – आधी बियर पी. इसके बाद हमने फिर से दूसरे राउंड की चुदाई शुरू कर दी और दूसरी बार भी हमारी लगभग एक घंटे चुदाई चली.

हम दोनों एक – दूसरे की बांहों में चिपक कर लेटे रहे.फिर मैंने अपने दोस्त को फ़ोन किया तो वो बोला कि उसे आने में एक घंटा लग जायेगा और जब तक दोस्त आता तब तक हमने एक बार और चुदाई की. फिर मेरा दोस्त आ गया और हम वहां से निकल आये. फिर मैंने उसे घर के पास छोड़ दिया.

दोस्तों कैसी लगी मेरी ये सच्ची कहानी? प्लीज बताना जरूर. अगली कहानी में मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने और मेरे दोस्त ने मिल कर एक साथ नूर को चोदा. मेरी मेल आईडी – [email protected]