तलाकशुदा जवान पड़ोसन ने जबर्दस्ती चुदवाया

यह कहानी तब की है जब मुझे सेक्स के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी. तब मेरी एक पड़ोसन मुझे अपने घर ले गई और जबर्दस्ती मुझसे चुदी…

हेलो दोस्तों, मेरा नाम राज वीर है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं और इसकी हर एक कहानी को पढ़ता हूं. दोस्तों, मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है और मेरा लन्ड 8.5 इंच लम्बा है. ये जो कहानी आज मैं आप सब के सामने पेश कर रहा हूं उसे पढ़ कर लड़कियां अपनी चूत में उंगली डाल लेंगीं और लड़के मुठ मारने को मजबूर हो जाएंगे.

अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं. बात आज से करीब 12 साल पहले की है. उस समय मेरी उम्र 19 साल थी. मेरे पास वाले घर में एक औरत रहती थी. उसका नाम किरण था. वह एक तलाकशुदा औरत थी और उसका उसके पति से तलाक़ होने के बाद से ही वह यहां अपने मायके में मां – बाप के साथ रह रही थी. वह बहुत ही चुदक्कड़ किस्म की औरत थी और कई लोगों से चुदवा चुकी थी.

एक दिन मैं अपने दो दोस्तों के साथ मेरी छत पर क्रिकेट खेल रहा था. हमारी छत काफी बड़ी थी तभी वो अपनी छत पर कपड़े फैलाने आई. दोस्तों, उसका घर मेरे घर से जुड़ा हुआ था. तभी मेरे एक दोस्त ने शॉट मारा और गेंद सीधी जाकर उसके सिर पर लगी.

गेंद लगते ही वह आग बबूला हो गई. फिर कपड़े डालने के बाद मेरे घर आई और मेरी मम्मी से हमारी शिकायत कर दी. इस वजह से हमारा छत पर क्रिकेट खेलना बंद हो गया.

दोस्तों तब तक मुझे चूत, लन्ड और चुदाई के बारे में जानकारी नहीं थी. एक दिन मैं घर में यूं ही लेटा था. तभी वह किसी काम से हमारे घर आई और मुझे लेटे देख मुझसे बोली – क्या कर रहे हो?

मैंने कहा – कुछ नहीं लेटे – लेटे बोर हो रहा हूं. और ये सब आपकी वजह से हुआ है.

यह सुन कर वो मुस्कुराने लगी और मुझसे बोली – अच्छा मेरे साथ खेलोगे?

मैंने कहा – मैं आपके साथ क्या खेलूंगा भला?

इस पर वो बोली – तुम रात में मेरे घर आना हम लूडो खेलेंगे. वहां आने के लिए मैं तुम्हारी मां से बात किए ले रही हूं.

मैंने कहा – ठीक है.

मुझसे इतनी बात करने के बाद वह मेरी मां के पास गई और उनसे बोली – आंटी, आज मेरे घर पर और कोई नहीं है और मुझे अकेले डर लगता है तो क्या मैं राजवीर को रात में सोने के लिए अपने घर लेती जाऊं? चूंकि मां से उसकी अच्छी बनती थी इसलिए उसकी बात सुन कर उन्होंने मुझे जाने के लिए कह दिया.

माफ करना दोस्तों, मैं आपको किरण के फिगर के बारे में बताना भूल गया. वह थोड़ी सांवली लेकिन अच्छे फेस कट वाली लड़की थी. उसका फिगर 36 34 38 का था.

फिर रात हुई और खाना खाने के बाद मैं उसके घर चला गया. उस टाइम वह नाइटी पहन के बैठी हुई थी. उसको इन कपड़ों में देख के मैं दंग रह गया. खैर, फिर उस पर ज्यादा ध्यान न देते हुए मैंने कहा – चलो किरण हम लूडो खेलते हैं. दोस्तों, मैं उससे छोटा होने के बाद भी उसका नाम लेता था क्योंकि मुहल्ले के सभी लोग उसे उसके नाम से ही बुलाते थे.

मेरी बात सुन कर वो बोली – हां, खेलेंगे तो जरूर लेकिन आज नए टाइप का लूडो खेलेंगे. उसकी यह बात सुन कर मैं कुछ बोलता उससे पहले ही उसने मुझे पकड़ा और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर किस करने लगी. कुछ देर तक मेरे होंठ चूसने के बाद वह बोली – अब तुझे सबक सिखाती हूं तेरे दोस्तों ने मुझे बॉल मारी थी न!

उसकी बात सुन कर मैं घबरा गया और बोला कि मैंने कुछ नहीं किया. लेकिन उसने मेरी एक न सुनी और मेरे कपड़े फाड़ दिए. फिर मेरे ऊपर के कपड़े मेरे बदन से अलग करते हुए बोली – राजवीर आज जो मैं कहूंगी तू वही करेगा वरना तेरी खैर नहीं साले.

उसकी बात सुन कर मैं थोड़ा और डर गया. फिर बोला – ठीक है लेकिन मुझे करना क्या है?

किरण बोली – चल मादरचोद अब मुझे नंगा कर. उसकी बात सुन कर मैंने कहा – ठीक है करता हूं. फिर मैं उसकी नाइटी खोलने लगा. अंदर उसने कुछ नहीं पहन रखा था. नाइटी खुलते ही वो जन्मजात नंगी हो गई. अब मेरी नज़र उसकी नंगी चूत और बूब्स पर पड़ी. मैं उन्हें देखता रह गया. मुझे ऐसे देखते देख वह बोली – क्या देख रहा है कुत्ते?

जवाब में मैंने कहा – कुछ नहीं, आज पहली बार किसी लड़की को नंगा देख रहा हूं न इसलिए. लेकिन सच तो यह था दोस्तों कि उसके बदन को देख के मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं और लन्ड इतना कड़क हो गया कि टोपा अपने आप चमड़ी से बाहर निकल गया.

तभी किरण की नज़र मेरे लन्ड पर पड़ी. उसे देखते ही वह हंसते हुए बोली – भोसड़ी के ये क्या है? इतनी छोटी लुल्ली है तेरी! उसकी यह बात सुन के मैं शर्म के मारे पानी – पानी हो गया. लेकिन उसने मेरे ऊपर ध्यान न दिया और मेरे लन्ड को हाथ में लेकर हिलाने लगी. इससे मेरा लन्ड और कड़क होने लगा.

इसी बीच किरण ने अपने मम्मे मेरे मुंह में डाल दिए और मुझसे बोली कि चूसो इसे. फिर मैं उसके मम्मे चूसने लगा. मुझे मज़ा आ रहा था. मेरे ऐसा करने से वह खूब गर्म हो चुकी थी.

फिर उसने मुझे धक्का दे दिया. मैं बिस्तर पर गिर गया. फिर वह मेरे मुंह पर अपनी चूत रख कर बैठ गई और मुंह में ही मूतने लगी. उसने मुझे अपना मूत पीने को कहा. मैं एक दम आज्ञाकारी बालक के जैसे उसका मूत पी गया.

जब वह मूत चुकी तो उसने मुझे अपनी चूत चाटने का हुक्म सुनाया. मैं चाटने लगा और चाटते – चाटते बोला कि किरण ये तो बहुत बड़ी हो गई है! यह सुन कर वह बोली – हां मेरे राजा, जब चोदी जाएगी तो बड़ी तो होगी ही न.

फिर मैं काफी देर तक उसकी चूत चाटता रहा. थोड़ी देर बाद वह उठी और चूत को मेरे लन्ड पर सेट करके जबर्दस्ती अंदर घुसाने लगी. उसकी चूत खुली हुई थी इसलिए लन्ड अंदर जाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. फिर वह अपनी गांड ऊपर – नीचे करके चुदने लगी.

थोड़ी देर चुदने के बाद उसने लन्ड चूत से बाहर कर दिया और थोड़ा झुक के उसे मुंह में ले लिया और चूसने लगी. मुझे पता नहीं क्या हो गया? मैं उसे गली देने लगा ‘मादरचोद, हरामजादी खाएगी क्या मुझे?’

यह सुन कर वो बोली – हां, तेरी जान ले लूंगी मादरचोद.

यह सुन कर मैंने कहा – मादरचोद साली रंडी छिनाल आज तूने मुझे बिगाड़ दिया है. मेरी इस बात का उसने कोई जवाब न दिया और अपनी चूत पर थोड़ा थूक लगा कर फिर से चुदने लगी. फिर थोड़ी देर बाद बोली – आह हरामजादे कुत्ते, आज से मैं रोज तेरे साथ ये लूडो खेलूंगी.

इस पर मैंने कहा – हां हरामजादी किरण अब तो तूने मुझे तेरा कुत्ता बना ही लिया है. मैं भी अब रोज तेरे साथ लूडो खेलूंगा. फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों झड़ गए.

दोस्तों, फिर उस पूरी रात हमने इसी तरह लूडो खेला. फिर सुबह उसने मुझे अपना मूत पिलाया और इसके बाद मैं अपने घर चला आया. उस दिन के बाद से लूडो के बहाने हम हर रोज चुदाई का खेल खेलने लगे. कहानी कैसी लगी? मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी –
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