एक बार घर में मैं और मेरे ताऊ की बेटी अकेली थीं. वो देखने में बहुत ही मस्त थीं. उस अकेलेपन का फ़ायदा उठाकर मैंने उनकी तड़प बुझाई और अपनी वासना को भी शांत किया…
हेलो दोस्तों, अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. उम्मीद है आपको पसंद आएगी. मेरी ये कहानी सिर्फ कहानी नहीं है बल्कि मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना है.
मेरा नाम रॉबिन है. मैं 20 साल का हूँ. मेरी लंबाई 5 फुट 10 इंच है जबकि मेरे लन्ड की लंबाई 7 इंच है. मेरा लन्ड 3 इंच मोटा भी है.
ये जो कहानी है वो मेरी और मेरी दीदी की है. मेरी दीदी मेरे ताऊ की लड़की हैं. उनका नाम स्वाति है. मेरी दीदी का रंग थोड़ा सांवला है लेकिन वो बहुत ही सेक्सी हैं.
उनका फिगर 36 24 36 का है. वो सलवार और सूट पहनती हैं. जिसमें से उनके दूध बाहर आने को लालयित दिखते हैं. मैं काफी समय से अन्तर्वासना का पाठक रहा हूँ इसलिए मुझे सेक्स के बारे में काफी ज्यादा जानकारी हो गई है. मैं हमेशा से अपनी दीदी को चोदना चाहता था लेकिन मैं कभी हिम्मत नहीं कर पाया.
आखिरकार एक दिन वो मौका मेरे हाथ लग ही गया. दोस्तों, मेरी दीदी एक स्कूल में पढ़ाती थीं. एक दिन की बात है, तब मैं और मेरी दीदी घर पर अकेले थे. बाकी के सभी लोग एक रिश्तेदार के यहाँ गए थे.
उस दिन मैं सुबह देर से सोकर उठा. जब मैं उठा तो स्वाति दी नहा रही थीं. जब वो नहा कर निकलीं तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. उन्होंने सिर्फ एक टॉवल लपेट रखा था. जब उन्होंने मुझे अपनी ओर देखते देखा तो बोलीं कि क्या हुआ? लेकिन मैं उनके हुश्न में खोया उनकी बात पर ध्यान ही नहीं दिया.
इस पर उन्होंने मुझे फिर से टोका तो मैंने खुद को संभाला. तब तक दी समझ गईं थीं कि मैं क्या देख रहा था. खैर, थोड़ी देर बाद मैं फ्रेश होने चला गया और वो नाश्ता रेडी करने लगीं.
अब मेरे दिमाग में केवल उनको चोदने का ही ख्याल आ रहा था. लेकिन उस समय कुछ नहीं हुआ. दोपहर में मैं और स्वाति दी मूवी देख रहे थे. मूवी देखते समय हम आपस में बात भी लर रहे थे.
इसी बीच दी मुझसे बोलीं कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? उनकी यह बात सुन कर मैं शॉक्ड रह गया. हालांकि, फिर मैंने मना कर दिया. इसके बाद फिर हम ऐसे ही नॉर्मल बात करते रहे.
तभी टीवी पर एक सेक्सी सीन आया. जिसे देख कर वो शर्मा गईं. हालांकि, फिर थोड़ी देर बाद वो हंसने लगीं. तभी मैंने उनसे पूछ किया कि क्या आपको सेक्स करने की इच्छा नहीं होती? इस पर वो बोलीं- होती तो है पर उनको पूरा करने वाला को है ही नहीं.
उनकी यह बात सुन कर मैं समझ गया कि अब मेरा रास्ता साफ है. यह जान कर मैंने कह दिया कि मैं हूँ न! इस पर उन्होंने कहा कि तू क्या कर सकता है? तब मैंने कहा कि सब कुछ. इस पर वो बोलीं कि तू मेरा भाई है. तब मैंने ज्ञान पेला और कहा कि तन की जरूरत रिश्तों से बड़ी होती है. इस पर वो बोलीं कि अगर किसी को पता चल गया तो? मैंने कहा कि हम दोनों के अलावा है ही कौन यहां और हम किसी को बताएंगे नहीं तो भला कैसे पता चलेगा.
यह कह कर मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूसने लगा. क्या रस से भरे होंठ थे उनके. अब स्वाति दी भी मेरा साथ दे रही थीं. हम दोनों करीब 15 मिनट तक एक दूसरे को ऐसे ही चूसते रहे. इस दौरान मैं कपड़ों के ऊपर से उनके बूब्स भी मसलता रहा.
फिर मैंने उनका सलवार और कुर्ता उतार दिया. अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं. मैं उनके बूब्स लगातार दबाए जा रहा था. साथ में उन्हें किस भी कर रहा था. फिर मैंने उनकी ब्रा भी उतार दी और उनके नंगे बूब्स चूसने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. इतना कि बता नहीं सकता.
फिर मैंने उन्हें बिल्कुल नंगा कर दिया और खुद भी नंगा हो गया. मेरे लन्ड को देख कर वो शर्मा गईं. फिर मैंने उनसे अपना लन्ड चूसने को कहा. इस पर उन्होंने मेरा लन्ड अपने मुंह में ले लिया और फिर उसे लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं. उनकी लन्ड चुसाई से मैं जन्नत में पहुंच चुका था.
फिर वो काफी देर तक मेरा लन्ड चूसती रहीं. इसी बीच मैं उनके मुंह में ही झड़ गया. वो मेरा सारा माल बड़े ही मज़े से पी गईं.
फिर मैंने उन्हें लिटाया और उनकी चूत चाटने लगा. मुझे स्वाति दीदी की चूत से एक अजीब सी खुशबू आ रही थी. उधर दीदी अब तक पूरी तरह गर्म भी हो चुकी थीं और वह मेरे सर को अपनी चूत में दबा रही थीं. फिर कुछ देर बाद वो भी झड़ गईं. मैं भी उनका सारा रस पी गया.
इसके बाद मैंने उन्हें फिर सीधा लिटाया और उनकी चूत पर अपना लन्ड सेट किया. दीदी डर रही थीं. तब मैंने उन्हें समझया कि पहली बार हर लड़की को थोड़ा दर्द होता है परेशान न हो जल्दी ही आराम मिल जाएगा और मज़ा आने लगेगा.
इतना बोलने के बाद मैंने उनकी चूत में एक झटका मारा तो मेरा आधा लन्ड चूत में घुस गया. दीदी को मेरे इस झटके से काफी दर्द हुआ और वो चीख पड़ीं. लेकिन मैंने उनके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया जिससे उनकी आवाज बाहर न निकल पाई. हालांकि, वो दर्द से तड़प रही थीं.
अब कुछ देर तक मैं ऐसेही रुका रहा. दी की चूत से खून निकल रहा था. फिर कुछ देर बाद जब दी का दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने दूसरा शॉट मारा और इस धक्के के साथ मेरा पूरा लन्ड उनकी चूत में घुस गया. दर्द की वजह से एक बार फिर से स्वाति दी कांप उठीं.
अब मैं फिर थोड़ी देर के लिए रुका और कुछ देर बाद धक्के देना शुरू कर दिया. दीदी का दर्द तब तक कम हो चुका था और अब वो भी मज़े लेने लगीं थीं. उनकी सेक्सी आवाज से सारा रूम आनंदमय हो चुका था.
अब मैं लगातार उनकी चूत में अपना लन्ड पेले जा रहा था. साथ ही मैं उन्हें गालियां भी दे रहा था और वो भी मुझे गालियां दे रही थीं. फिर मैंने अपनी स्पीड बड़ा दी. इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थीं. मेरे धक्के और उनकी चूत के पानी की वजह से सारा कमरा फच्च – फच्च की आवाज एयर दीदी की सिसकारियों से गूंज रहा था.
जब मेरे झड़ने का वक्त हुआ तो मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी. थोड़ी देर बाद फिर मैं उनकी चूत में झड़ गया. झड़ने के बाद मैं निढाल हो कर उनके ऊपर ही लेट गया.
थोड़ी देर बाद जब हम उठे तो मैंने देखा कि फर्श दी के खून से लाल थी. जिसे बाद में दी ने खुद साफ किया. उस दिन उनसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था. फिर हमने साथ में ही नहाया. उसके बाद मैंने एक बार और दीदी को चोदा.
बाद में मैंने आईपिल ला कर दी को दी. उस दिन के बाद स्वाति दीदी मेरी रखैल बन गई थीं. मैं उन्हें अब तक कई बार चोद चुका हूँ. मैंने उन्हें अपने दोस्तों से भी चुदवाया है. उन्होंने भी अपनी एक दोस्त को मुझसे चुदवाया है.
दोस्तों, इतनी सी थी मेरी यह कहानी. उम्मीद है आप सब को पसन्द आई होगी. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं?