ट्रेन में मिली खूबसूरत लड़की को उसके शहर जाकर चोदा भाग – 1

बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही खड़े रहे. मैं उसके हाथ के ऊपर अपना हाथ रखे रहा और फिर धीरे – धीरे करके मैं उसका हाथ सहलाने लगा. तभी अचानक ट्रेन रुकी और मैं धक्के की वजह से उसके ऊपर लुढ़क गया. इससे उसको धक्का लगा तो मैंने उसे सॉरी बोला तो उसने भी कोई बात नहीं बोल कर इस बात को वहीं पर खत्म कर दिया…

नमस्कार दोस्तों, यह मेरी एक सच्ची कहानी है. मैं ऐसा सपने सोच भी नहीं सकता था कि कभी मेरे साथ ऐसा भी होगा, लेकिन यह भी हुआ. सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता देना चाहता हूँ. मैं 23 साल का एक नवजवान लड़का हूँ. मेरी लम्बाई लगभग 6 फिट है और मेरे लण्ड का साइज़ साढ़े 6 इंच है.

मैं भोपाल में रहकर पड़ता हूँ. ये बात आज से एक महीने पहले की है जब मेरे एग्जाम ख़त्म होने के बाद मैं ट्रेन से अपने घर जा रहा था. जैसे ही मैं रेलवे स्टेशन पर पंहुचा तो मुझे वहां पर एक लड़की दिखी. उसे देख कर मैं भी उसके पास जाकर खड़ा हो गया, क्योंकि वह भी अकेली थी और मैं भी अकेला ही था. मैं समझ गया था कि जिस ट्रेन से मैं जाने वाला हूँ उसी ट्रेन से वो भी जाने वाली थी, क्योंकि ट्रेन आने ही वाली थी.

फिर मैं थोड़ा सामने पटरी के पास जाकर वापस आया और उसकी तरफ देखा तब उसने भी मेरी तरफ देखा तो मैंने उसे थोड़ा सा स्माइल दे दिया. इस पर उसने अपना मुंह दूसरी तरफ फेर लिया. आप लोगों को क्या बताऊँ दोस्तों, क्या खूबसूरत लड़की थी वो! उसकी खूबसूरती देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा और मैं बार – बार उसे ही देख रहा था.

उसका फिगर 30-28-30 का रहा होगा. वास्तव में वो बहुत ही मस्त माल थी दोस्तों. थोड़ी देर इंतजार करने के बाद ट्रेन आ गयी. ट्रेन रुकने के बाद हम ट्रेन में चढ़ने लगे भीड़ होने के कारण गेट के पास आकर मैं उसके पीछे आ गया और फिर रुक गया. जब भीड़ उतर गई तो फिर वो चढ़ने लगी, लेकिन उसका बैग काफी बड़ा और भारी होने के कारण उसे चढ़ने में दिक्कत हो रही थी तो मैंने उसकी हेल्प कर दी.

फिर हम अंदर घुस गए लेकिन ट्रेन में भीड़ होने के कारण हमें शीट नहीं मिली. अब वह अंदर जाकर खड़ी हो गई. मैं भी उसके पास जाकर खड़ा हो गया. फिर उसने बैग चढ़ाने में मदद करने के लिए थैंक्स कहा. इस पर मैंने भी इट्स ओके बोल दिया. अब धीरे – धीरे हमारी बातों का सिलसिला शुरू हो गया. फिर उसने मुझसे पूछा – आप कहां जा रहे हो?

तो मैंने बता दिया. फिर मैंने उससे पूछा – तो उसने भी बता दिया. फिर ऐसे ही हमारी बातें होने लगी. तभी ट्रेन एक स्टेशन पर रुकी. वहां पर भी काफी लोग चढ़ गए जिससे भीड़ और बढ़ गई तो हम दोनों और ज्यादा नजदीक आ गए. फिर उसने जहां ट्रेन में पकड़ रखा था, मैं भी पकड़ने के बहाने उसके हाथ के ऊपर हाथ रख दिया. लेकिन उसने कुछ भी नहीं कहा.

बहुत देर तक हम दोनों ऐसे ही खड़े रहे. मैं उसके हाथ के ऊपर अपना हाथ रखे रहा और फिर धीरे – धीरे करके मैं उसका हाथ सहलाने लगा. तभी अचानक ट्रेन रुकी और मैं धक्के की वजह से उसके ऊपर लुढ़क गया. इससे उसको धक्का लगा तो मैंने उसे सॉरी बोला तो उसने भी कोई बात नहीं बोल कर इस बात को वहीं पर खत्म कर दिया.

उस स्टेशन से कुछ उपद्रवी लड़के भी ट्रेन में चढ़ गए थे. थोड़ी देर बाद मुझे शीट मिल गयी तो मैंने वहां पर उसे बिठा दिया और मैं उसके पास खड़ा रहा. फिर वो लड़के उसे छेड़ने लगे और उस पर कमेंट्स करने लगे. वो लगातार उसे घूर – घूर के देख रहे थे. उनका यह बर्ताव उसे अच्छा नहीं लग रहा था तो मैं उसके सामने आ गया ताकि वो लड़के उसे देख न सकें.

फिर थोड़ी देर बाद मुझे भी उसी के पास वाली शीट मिल गयी और मैं उसके पास बैठ गया. अब हम बातें करने लगे तो उन लड़को को लगा कि हम गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड हैं तो वे लोग चुप हो गए. फिर मैंने उससे उसके बारे में सारी जानकारी ले ली, जैसे कि वो कहां रहती है और क्या करती है?

फिर उसने भी मुझसे पूछा और मैंने भी उसको सब कुछ सच – सच बता दिया. फिर मैंने उसको बोला कि तेरे शहर में मेरा एक दोस्त रहता है. तो उसने बोला – अच्छा, क्या नाम है उनका?

तो मैंने उसे अपने उस दोस्त का नाम बताया. ऐसे ही धीरे – धीरे बातें करते हुए आखिर मैंने उससे मोबाइल नंबर माँग ही लिया. इस पर वो बोली – मोबाइल नंबर क्यों चाहिए?

मैंने बोला – बस, तुमसे बात करने के लिए और किस लिए.

तो वो बोली – ऐसी क्या बात करोगे आप मुझसे?

मैं बोला – वो तो जब बात करूँगा तब ही पता चलेगा न.

मेरे ऐसा कहने पर वो बोली कि मुझे नहीं करनी है. तो मैं थोड़ा गुस्सा होकर बोला – ठीक है फिर, मत दो. अब मैं उससे बात नहीं कर रहा था लेकिन वो मुझसे बात कर रही थी. उसकी बात का मैं उसको कोई जवाब नहीं दे रहा था. तो उसने बोला – नाराज हो गए हो क्या?

मैं फिर भी कुछ नहीं बोला. तो फिर उसने मुझसे मेरा नंबर माँगा, लेकिन फिर भी मैं कुछ नहीं बोला. फिर उसने पूछा, तो मैं थोड़ा और गुस्सा दिखाते हुए बोला – अब क्यों चाहिये?

तो उसने मेरे हाथ से मेरा मोबाइल छीन लिया और उसे खोलने लगी, पर उसे लॉक खोलना नहीं आया. तो उसने पासवर्ड माँगा. अब मैंने सोचा कि अगर अब और ज्यादा भाव खाऊंगा तो ये हाथ से निकल जायेगी. इसलिए मैंने लॉक खोल कर मोबाइल उसे दे दिया.

फिर उसने मेरे मोबाइल से अपने मोबाइल पर मिस कॉल कर लिया और फिर बोली – मेरा स्टेशन आने वाला है, कब तक गुस्सा रहोगे? अब तो हंस दो.

मैंने बोला – नहीं.

फिर उसने मासूम से चेहरा बनाकर बोला – प्लीज, हंस दो न.

उसकी इस अदा पर मुझे हँसी आ गयी और मैं हंसने लगा. मुझे हंसते देख कर उसे भी जोर की हंसी आ गयी. फिर हम दोनों हाथ पकड़ कर हँसने लगे. कुछ देर बाद फिर उसका स्टेशन आ गया और वो उतर गयी. ट्रेन में काफी भीड़ होने के कारण और जल्दबाजी में वह मुझसे बाय बोले बिना ही उतर गई.

फिर उतरते ही उसने कॉल किया और बोली – बाय बोलना भूल गयी थी. फिर ट्रेन चल दी और ट्रेन चलने के कारण नेटवर्क नहीं मिल रहा था तो फ़ोन कट गया. फिर मेरा भी स्टेशन आ गया और मै भी उतर गया.

अब मेरी इस रोचक कहानी में आगे क्या हुआ यह जानने के लिए मेरी इस कहानी के अगले भाग का इंतजार कीजिए. तब तक के लिए नमस्कार.

इस कहानी का अगला भाग –
ट्रेन में मिली खूबसूरत लड़की को उसके शहर जाकर चोदा भाग – 2

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