इतना कह कर उसने अपने चूतड़ ऊपर उठा लिए. उसके ऐसा करने से मेरा लंड बड़ी आसानी से सरक कर उसकी भीगी चूत में गहराई तक उतरता चला गया. उसने एक ठंडी आह के साथ वापस अपनी गांड सीट पर रख दी. अब मैंने धीरे – धीरे उसकी प्यार भरी चुदाई शुरू कर दी…
नमस्कार दोस्तों! आप सभी को मेरा प्यार भरा सलाम. मेरा नाम अनुज है और ये अंतर्वसना पर मेरी पहली कहानी है. मैं 6 फुट का एक लम्बा चौड़ा जवान हूं. मेरी उम्र 27 साल है और पेशे से मैं एक आर्किटेक्ट हूं.
बात आज से 2 महीने पहले की है जब हमारी कंपनी को एक बिजनेसमैन का घर डिज़ाइन करने का ऑर्डर मिला था. इस काम को पूरा करने के लिए मुझे ओर मेरी एक असिस्टेंट निशा को चुना गया. साइट जम्मू में थी जोकि दिल्ली से ट्रेन द्वारा फुल नाइट का सफ़र है.
हम दोनों ने रात की निर्धारित ट्रेन पकड़ी. सर्दियों का मौसम होने की वजह से ट्रेन में बहुत कम सवारी थी. इधर उधर की बातें करने के बाद रात को 9:30 बजे मैंने निशा से रात के खाने के बारे में पूछा और मैंने उसको ये भी बताया कि मुझे रात में पिए बिना नींद नहीं आती है. उसने मुझे अचरज भरी नज़रों से देखते हुए पूछा कि क्या तुम ट्रेन में भी पियोगे? तो मैने हां में अपना सिर हिला दिया.
खाने के बाद जब मैंने दो पेग लगा लिए तो वो मुझे ललचाई नज़रों से देखने लगी. तो मैंने उससे पूछा कि क्या तुम भी पियोगी? तो उसने बोला कि हां एक पेग बना दो मेरा भी. मैं तो वैसे ही मूड में आ चुका था तो मैंने झट से उसका पेग बना कर उसको थमा दिया.
वो एक रेगुलर पियक्कड़ की तरह पहला पग झट से गटक गयी. मौके की नज़ाकत को देखते हुए मैंने तुरंत ही उसका दूसरा पेग बना कर उसको पकड़ा दिया और उससे पूछा कि क्या तुम्हारा कोई बाय्फ्रेंड है? तो ये सुनते ही उसकी आँखो में नमी आ गयी और वो झट से पूरा पेग एक साँस में गटक कर बोली है नहीं था. ये बोलते ही वो फफक कर रो पड़ी मैं समझ गया कि ये प्यार में धोखा खाई हुई लड़की है.
अचानक मैंने उसके हांथों को अपने हांथ में ले लिया और उसने भी अपना सर मेरी गोद में रख दिया. मैं प्यार से उसके बालों को सहलाने लगा और उसकी पीठ पर अपना हांथ फेरने लगा. जिस कारण वो भी थोड़ा गरम होकर मेरी जाँघो को सहलाने लगी.
उसके द्वारा मेरी जांघों को सहलाने से मेरा 7 इंच लंबा लंड एक दम से खड़ा हो गया और उसके चेहरे से टकराने लगा. मेरे लंड को अपने चेहरे पर महसूस करके वो अपनी नशीली आँखों से मेरी तरफ देखने लगी. मैंने तुरंत अपने होंठ उसके तरसते हुए होंठो पर रख दिए और उसके बदन की गर्मी को अपनी गर्मी से और गरम करने लगा. तभी मैंने उसको सीट पर लिटा कर लाइट बंद की और उसके ऊपर लेट कर ऊपर से कंबल ओढ़ लिया.
उसने इस बात का ज़रा सा भी विरोध नहीं किया, बल्कि मुझे अपनी बाहों में लपेट कर मेरा साथ देने लगी. मैंने धीरे – धीरे उसके बदन को सहलाना और चूमना शुरू कर दिया और धीरे से उसके उपर के सारे कपड़े उतार दिए. उसके बूब्स देख कर तो मैं पागल सा हो गया और तुरंत ही उन्हें अपने मुंह में लेकर बुरी तरह से चूसने लगा. वो भी मेरे बाल पकड़ कर अपने सीने से दूर जाने से रोकने लगी. मैं समझ गया कि अब ये पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार है.
मैंने उसके पेट को सहलाते हुए और उसकी नाभि को चूमते हुए धीरे से उसकी लगिज़ में अपना हांथ डाल दिया और अपने हांथ को सरका कर उसके चूत तक पहुंचा दिया. उसने मेरा हाथ कस कर पकड़ लिया और न न करने लगी. मैंने एक अंगुली उसकी चूत के मुंह पर टिका दी और धीरे से उसकी चूत को सहलाने लगा. उसके हांथ की पकड़ अपने आप ढ़ीली पड़ गयी. मेरे सहलाने से ही उसकी चूत इतनी गीली हो गयी थी कि चूत के मुंह पर से चिपचिपे पानी की धार लगातार बहे जा रही थी.
फिर मैंने एक झटके में ही उसकी लगिज़ और पैंटी नीचे उतार दिया. अब वो मेरे सामने एक दम नंगी लेटी थी. मैंने उसका एक हांथ पकड़ कर अपने लंड पर टिका दिया और अपने हाथ से उसके गीली चूत सहलाने लगा. वो भी धीरे – धीरे मेरा लंड सहलाने लगी. उसकी चूत की चिकनाहट से मैं समझ गया की ये बहुत गरम हो गयी है और अब ज़्यादा देर रुक नहीं पाएगी.
मैंने जल्दी से अपना लोवर उतरा और तुरंत उसके ऊपर आ गया और अपने लंड को उसकी चूट पर टिका कर रगड़ने लगा. फिर मैंने धीरे से अपने लंड का सुपड़ा उसकी चूत में डाला और ऊपर से ही रगड़ने लगा. वो मेरी इसी हरकत से इतनी ज्यादा गरम हो गई कि उसका बदन अकड़ने लगा. उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में ज़कड़ लिया और अपनी दोनों टांगों से उसने मुझे भीच लिया. मेरे लंड के रगड़ने से ही उसकी चूट ने पिचकारी छोड़ दी और मेरा लंड उसके चूत रस से पूरा भीग गया. अब वो अपनी गर्दन को ऊपर उठा कर करकरही आवाज़ में झड़ने लगी.
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ना जारी रखा. करीब 15 सेकेंड तक झड़ने के बाद वो कुछ देर के लिए निढाल हो गयी.
जिस पर मैंने उससे पूछा – कैसा लगा निशा?
उसने कहा – प्लीज़ मुझे और ज्यादा प्यार करो.
इतना कह कर उसने अपने चूतड़ ऊपर उठा लिए. उसके ऐसा करने से मेरा लंड बड़ी आसानी से सरक कर उसकी भीगी चूत में गहराई तक उतरता चला गया. उसने एक ठंडी आह के साथ वापस अपनी गांड सीट पर रख दी. अब मैंने धीरे – धीरे उसकी प्यार भरी चुदाई शुरू कर दी.
वो बड़े ही प्यार भरी तरसती नज़रों से मेरी नज़रों में देखती रही और लगभग 10-15 मिनट की चुदाई के बाद वो फिर से अपनी आँखों की पुतलियों को पीछे करते हुए अकड़ने लगी. ऐसा करते हुए उसकी गर्दन फिर से ऊपर हो गयी और एक बार फिर उसने मेरे लंड और गांड को अपने चूत रस से भिगो दिया.
एक बार फिर से झड़ने के बाद अब वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी. उसकी इस हरकत से मैं और भी गरम हो गया और मैंने उसकी चूत में ही अपना पानी छोड़ दिया. इस चुदाई से हम दोनों को बहुत ही ज्यादा मजा आया. करीब 10-15 मिनट तक हम ऐसे ही लिपटे रहे और इसके बाद अलग होकर अपनी – अपनी सीट पर जाकर लेट गए.
तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. आप लोगों को मेरी ये कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी ई-मेल आईडी –
nice story