टीवी बनाने गया गर्लफ्रेंड को गर्म कर बना आया

फिर मैंने देर न करते हुए उसकी जीन्स भी खोल दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी में थी. उसने गुलाबी रंग की पैंटी पहन रखी थी. इसके बाद मैंने पैंटी को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया. उस दिन पहली बार मैंने किसी लड़की की चूत देखी थी. उसकी चूत गीली हो चुकी थी और उस पर छोटे – छोटे बाल थे…

दोस्तों नमस्कार, मेरा नाम प्रणव है. मेरी उम्र 23 साल है और मैं अन्तर्वासना का पुराना पाठक हूँ. इसकी सारी कहानियां मुझे अच्छी लगती हैं. आज मैं भी अपनी सच्ची कहानी लिख रहा हूँ, उम्मीद है आप सब को पसंद आएगी.

मैं कानपुर का रहने वाला हूँ. बात आज से 2 साल पहले की है. मेरे पड़ोस में कई सालों से एक आंटी रहती थी. वो उत्तराखंड की रहने वाली थी और कानपुर में एक सरकारी स्कूल में टीचर थीं.

उनकी एक बेटी भी थी. उसका नाम ज्योति था और उसकी उम्र 20 साल की थी. दोस्तों, वो बहुत ही सुंदर थी, ऐसी कि कोई भी देखे तो उसका लन्ड खड़ा होकर सलामी देने लगता था. जब भी वो चलती थी तो उसकी गांड ऐसे उछलती मानो चोदने के लिए बुला रही हो.

अब सीधा कहानी पर आते हैं. आंटी का हमारे घर वालों से काफी मेल जोल था. वो अक्सर मेरी मम्मी से बात करने के लिए मेरे यहां आती थीं. उनके साथ कभी – कभी ज्योति भी चली आती थी.

जब मम्मी लोग बातें करती थीं तो वो मेरे साथ बैठ कर टीवी देखने लगती थी. टीवी देखने के साथ ही हम एक – दूसरे से बातें भी किया करते थे. एक दिन उसने मुझसे पूछा कि क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने कहा कि नहीं, कोई आप जैसी मिली ही नहीं. इस पर वो हंसने लगी.

फिर जब मैंने इससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है क्योंकि मेरे जैसा उसे भी कोई नहीं मिला. इस पर मैंने कहा कि झूठ मत बोलो कोई तो होगा ही. लेकिन उसने साफ मना कर दिया.

उसके मुंह से ऐसा सुन कर मैंने कह दिया कि मैं आपको पसंद करता हूँ. क्या तुम मेरी फ्रेंड नहीं बन सकती! तो उसने हां कर दी और बोली कि मैं भी आपसे दोस्ती करना चाहती थी, लेकिन कह नहीं पाई.

उसकी ये बातें सुन कर लगा कि अभी उसे गले लगा लूं और जोर से किस कर लूं. लेकिन नहीं कर सकता था क्योंकि वहां पर मम्मी लोग भी थीं.

खैर, कुछ दिन ऐसे ही निकल गए. एक दिन आंटी ने मुझे बुलाया और कहा कि प्रणव मेरी टीवी चल नहीं रही जरा उसे देख लो. दोस्तों, मैं हल्का-फुल्का टीवी वगैरह भी सही कर लेता हूँ.

फिर मैंने कहा ठीक है आंटी मैं देखता हूँ कि इसमें क्या खराब है? इसी बीच उनके स्कूल जाने का समय भी हो गया. तब वो ज्योति से बोली कि ज्योति मैं स्कूल जा रही हूँ तुम प्रणव के लिय चाय बना दो. इतना कह कर वो चली गई.

मैंने देखा कि टीवी का तार टूटा हुआ है, फिर मैंने उसे जोड़ कर सही कर दिया. उसी टाइम ज्योति चाय बना कर ले आई. जब उसने मुझे चाय दिया तो मैंने चाय को मेज़ पर रख दिया और उसको खींच कर बाहों में ले लिया. इस पर वो बोली कि छोड़ो कोई आ जायेगा! तो मैंने कहा कि कोई नहीं आयेगा.

अब मैं उसे किस करने लगा. दोस्तों, ज्योति ने जीन्स-शर्ट पहना था और बहुत सेक्सी लग रही थी. मैं उसे किस कर रहा था और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी. इसी बीच मैंने एक हाथ उसके शर्ट के अंदर डाल दिया और उसके स्तन दबाने लगा.

इस पर वो मुझसे अपने आप को छुड़ाने लगी और बोली कि छोड़ो कोई आ जाएगा. तो मैंने कहा कि मैं कब से इस दिन का इंतजार कर रहा था, कब से तड़प रहा हूँ तुम्हारे लिए आज मुझे मत रोको. और इतना कह के मैं उसके बूब्स दबाने लगा.

दोस्तों, क्या गोरे मम्मे थे उसके! फिर मैंने उसे गोद में उठा कर बेड पर ले गया और फिर उसकी शर्ट उतारने लगा. इस बीच मेरी और ज्योति की सांसें काफी तेज चल रही थीं. जब मैंने उसका शर्ट उतारा तो देखा कि उसने काले रंग की ब्रा बहन रखी थी, जिसमें वो क़यामत लग रही थी.

फिर मैंने उसके स्तन को ब्रा से आजाद कर दिया और उसके स्तन को चूसने लगा. अब वो सिस्की ली रही थी. उसके मुंह से, “एह उउउहह एह” की आवाजें आ रही थीं

फिर मैंने देर न करते हुए उसकी जीन्स भी खोल दी. अब वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी में थी. उसने गुलाबी रंग की पैंटी पहन रखी थी. इसके बाद मैंने पैंटी को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया. उस दिन पहली बार मैंने किसी लड़की की चूत देखी थी. उसकी चूत गीली हो चुकी थी और उस पर छोटे – छोटे बाल थे.

मेरा लन्ड जो 5.2 इंच का है अब तक खड़ा हो गया था और वो भी उसे ही घूर रही थी. फिर वो शरमा कर मुझसे दूर हो गई. फिर जब मैंने उसे पास बुलाया तो आई और फिर मेरे भी कपड़े उतारने लगी.

उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया और जब मेरे लन्ड को उसने देखा तो डर गई और बोली, “बाप रे, इतना बड़ा! मुझे कुछ नहीं कराना है, मैं तो इससे मर जाऊंगी.” फिर मैंने उससे कहा कि जान कुछ नहीं होगा, तुम डर क्यों रही हो?

इस पर उसने बताया कि उसकी दोस्त बता रही थी कि चुदाई में बहुत दर्द होता है और खून भी आता है. तो मैंने कहा कि बस थोड़ा सा दर्द होता है, अगर तुम्हें ज्यादा हुआ तो मैं तुम्हें नहीं चोदूंगा चोगुंगा. इस पर वो मान गई.

अब मैं भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा. पहले तो मैंने 5 मिनट तक उसे किस किया और फिर उसके बूब्स को चूसने लगा. मैंने उसके बूब्स को चूस – चूस कर लाल कर दिया था.

इसके बाद मैं उसकी पीठ पर किस करता हुआ उसके पेट पर पहुंच गया. इसी बीच वो झड़ चुकी थी. फिर मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा. ठीक उसी तरह जैसे ब्लू फ़िल्म में करते हैं.

अब वो तड़पने लगी और बोली कि अब मत तड़पाओ मेरी चूत तुम्हारे लन्ड के लिए कब से बेकरार है, इसे चोद डालो. फिर मैंने भी देर न करते हुए उसकी चूत में अपने लन्ड का टोपा रख कर हल्का सा झटका मारा, लेकिन लन्ड फिसल गया, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाइट थी. वो आज तक किसी से चुदी नहीं थी.

फिर मैंने थोड़ा सा थूक अपने लन्ड पर लगाया और धक्का दिया. जिससे मेरा लन्ड 2 इंच घुस गया और वो तड़पने लगी. उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे थे, लेकिन इसके बाद भी मैंने लन्ड बाहर नहीं निकाला और उसके चूचे दबाने लगा.

करीब 1 मिनट बाद मैंने थोड़ा और थूक लगाया और एक जोर का झटका मारा तो मेरा आधा लन्ड उसकी चूत में समा गया और वो चिल्लाने लगी. वो छोड़ने को बोल रही थी और कह रही थी कि मुझे दर्द हो रहा है, तुम बहुत गंदे हो. लेकिन दोस्तों, मैंने उसे छोड़ा नहीं और उसके ऊपर ही लेट गया. मैंने देखा कि उसकी चूत से खून निकल रहा था.

दर्द के मारे वो रोने लगी थी, उसे रट देख मैं भी घबरा गया था लेकिन मैंने उसे समझाया कि पहली बार में सब का निकलता है अब नहीं निकलेगा और अब दर्द भी नहीं होगा.

यह सुन कर वह कुछ शांत हुई. फिर जब उसका दर्द कम हुआ तो मैं धीरे – धीरे लन्ड बाहर किया और एक हल्का सा झटका मारा तो मेरा पूरा लन्ड उसकी चूत में समा गया लेकिन इस बार वो चिल्ला नहीं पाई क्योंकि मैंने उसके मुंह को अपने मुंह से बन्द कर रखा था लेकिन उसकी आँखो से आंसू गिर रहे थे. मैं रुका नहीं और उसके स्तन दबाता रहा.

फिर जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैंने उसकी चुदाई शुरू कर दी. इस बार वह भी मेरा साथ देने लगी और अपनी कमर के साथ चूतड़ों को हिलाने लगा. साथ ही साथ मादक सिसकियाँ भी ले रही थी.

मुझे भी उसकी ये आवाज बहुत जोश दिला रही थी. अब मैं उसे जोर – जोर से चोदने लगा. थोड़ी देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया. लेकिन मेरा नहीं हुआ था. करीब 1 मिनट बाद मैंने कहा कि मैं झरने वाला हूँ तो उसने कहा कि चूत में ही गिरा दो. फिर कुछ ही झटकों के बाद मैं झड़ गया.

इसके बाद फ़िर हम 10 मिनट एक नंगे ही एक – दूसरे के ऊपर लेटे रहे और फिर मैंने उठ कर एक बार उसे किस किया और कपड़े पहनने लगा. वो बोली कि मज़ा तो आया लेकिन दर्द भी हुआ तो मैंने कहा कि जानू कुछ पाने के लिए कुछ तो खोना ही पड़ता है.

इतना कहने के बाद फिर मैं अपने घर चला. आप लोगों को मेरी यह कहानी कैसी लगी. मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]

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