मैं उदयपुर में रह कर पढ़ाई करता था. मैंने किराए पर रूम ले रखा था. मैं ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर रहता था. नीचे मकान मालिक का परिवार. एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरी बल्ले – बल्ले हो गई. मैंने जम कर मकान मालकिन की चुदाई की…
हेलो दोस्तों! ये कहानी लगभग 3 महीने पहले की है. जब मुझे मेरी मकान मालकिन के साथ सेक्स करने का मौका मिला. अब मैं थोड़ा अपने बारे में आपको बता देता हूं. मेरा नाम संदीप है और मैं कोटा राजस्थान का रहने वाला हूं. मैं उदयपुर से अपनी पढ़ाई करता हूं और वहीं रहता हूं. मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच है और मैं थोड़ा हेल्दी लड़का हूं.
अब मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूं. उदयपुर में मैंने किराए पर एक रूम ले रखा है और फर्स्ट फ्लोर पर रहता हूं. नीचे मेरे मकान मालिक रहते हैं. वो केवल 3 ही लोग हैं. मकान मालकिन, उनका पति और उनका एक साल का लड़का. मेरे मकान मालिक की एक दूकान थी तो वो दिन वहीं रहते थे और घर नहीं आते थे.
मेरी मकान मालकिन बहुत सुंदर हैं. उन्हें मैं भाभी बोलता था. उनका फिगर बहुत मस्त है. कोई भी उन्हें देख ले तो उसका लन्ड खड़ा हो जाए. जब भी मैं नीचे जाता तो उनके बूब्स पर नज़र मार लेता था. जिससे मेरा लंड खड़ा हो जाता था. फिर मुझे मुठ मार के उसे शांत करना पड़ता था.
मेरी नजर बहुत पहले से उनके ऊपर थी. फिर भी कभी मुझे मौका नहीं मिला था. लेकिन मुझे क्या पता था कि जल्द ही वो खुद चल कर मेरे पास अपनी चूत लेकर आएंगी.
एक दिन जब मैं कॉलेज से आया तो भाभी नहा रहा थीं. फिर मैं ऊपर अपने रूम में आ गया. थोड़ी देर बाद मुझे उनके बच्चे के रोने की आवाज आयी तो मैं नीचे चला गया और उसे चुप करने लगा. मेरे लाख कोशिश के बावजूद वो चुप नहीं हो रहा था. फिर मैंने भाभी को आवाज लगाई और जल्दी बाहर आने को कहा.
थोड़ी देर बाद वो बाहर आईं तो मैं उन्हें देखता ही रह गया. वो नाइटी में ही बाथरूम से बाहर निकलीं और जल्दी – जल्दी बच्चे के पास आने लगीं. भीगे होने के कारण उनका पैर फिसल गया और वो गिर गईं.
फिर मैंने उन्हें उठाया. वो खड़ी नहीं हो पा रही थीं. तब मैंने उन्हें गोद में लिया और बेडरूम ले जाने लगा. इस दौरान उनके बड़े – बड़े स्तन मेरे सीने से लग रहे थे. उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी. इसका मैंने फायदा उठाया और उन्हें अपनी तरफ खींच कर अपने सीने से लगा लिया. इससे उनके बूब्स बराबर मेरे सीने से टकरा रहे थे.
फिर मैं उन्हें बेडरूम में लाया. तब तक उनका लड़का रो रहा था. यह देख उन्होंने मुझसे अपने बच्चे को पास लाने के लिए कहा, जिसे मैंने ला दिया. गिरने की वजह से उनके पैर में चोट आ गई थी. तब उन्होंने मुझसे कहा कि संदीप तुम मेरे पैर में दर्द कम करने वाली जेल लगा दो. फिर जेल लेकर आया और लगाने लगा.
तभी भाभी अपने बच्चे को मेरे सामने ही दूध पिलाने लगीं. इस दौरान मुझे उनके बूब्स साफ दिख रहे थे. उनके बूब्स बहुत ही गोरे और निप्पल्स गुलाबी थे. उन्हें देख के मेरा लंड खड़ा होने लगा था, जिसे शायद भाभी ने देख लिया था.
थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा – संदीप थोड़ा ऊपर तक जेल लगा दो, इधर भी दर्द हो रहा है. इतना कह कर उन्होंने अपनी नाइटी को ऊपर खिसका दिया. अब मुझे उनकी गोरी – गोरी जांघें दिखने लगी थीं.
फिर मैंने ऊपर की तरफ जेल लगाना शुरू किया. जेल लगाने के दौरान मैंने धीरे – धीरे उनकी नाइटी को और ऊपर कर दिया. दोस्तों, चूंकि उन्होंने नीचे पैन्टी नहीं पहनी थी तो मुझे उनकी चूत की झलक दिखने लगी.
अब मैं उनके पैरों में ऊपर तक जेल लगा रहा था. मुझसे रहा नहीं जा रहा था. इसी बीच मेरा हाथ उनकी चूत पर चला गया. तब भाभी ने मुझे घूर के देखा तो मैं डर गया. लेकिन फिर भाभी ने एक सेक्सी स्माइल दी और मुझे ग्रीन लाइट मिल गयी.
अब क्या था. मैं बार – बार उनकी चूत तक हाथ ले जाने लगा. कई बार ऐसा करने पर जब उनकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ तो मैंने उनके चूत पर अपना एक हाथ रख दिया और फिर उंगली को उनकी चूत पर रगड़ने लगा.
तब तक उनका बच्चा भी दूध पीते – पीते सो गया था. फिर भाभी ने उसे साइड में सुला दिया और मुझसे बोलीं कि तुम्हें भी भूख लगी होगी, तुम भी पी लो. इतना सुनते ही मैं उनके बूब्स पर टूट पड़ा और एक चूची को मुंह में लेकर चूसने लगा. उनके बूब्स से दूध निकल रहा था, उसका टेस्ट बहुत मस्त था. मैं मस्ती में उनके बूब्स को निचोड़ता और उनके दूध से अपनी प्यास बुझाता रहा.
एक हाथ से मैं उनके दूसरी चूची को दबा भी रहा था. फिर थोड़ी देर बाद भाभी गर्म होने लगीं. अब उन्होंने मेरे लंड को पैंट से निकाला और हिलाने लगीं. मैंने उन्हें मुंह में लन्ड लेने को कहा तो उन्होंने ले लिया. अब वो लन्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने रही थीं.
फिर हम अब 69 की पोजीशन में आ गए और मैं उनकी चूत चाटने लगा. मेरे चूत चाटने से भाभी एक दम मस्त हो गईं और उनके मुंह से आह आह उह उह की आवाज निकलने लगी. वो मेरा सर अपनी चूत पर लगातार दबा रही थीं. मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
करीब 10 मिनट तक लन्ड और चूत चुसाई चलती रही. फिर वो सिसकारियां लेती हुई मेरे मुंह में ही झड़ गईं. मैं उनका सारा पानी पी गया. अब मेरा भी निकलने वाला था तो मैंने भी उनके मुंह में ही अपना सारा माल निकाल दिया, जिसे वो भी पी गईं.
अब मेरा लन्ड छोटा हो गया था. लेकिन वो लगातार उसे चूसती रहीं. जिससे थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और अब मैं चुदाई के लिए पूरी तरह तैयार था.
फिर मैंने उनकी दोनों टांगों को फैलाया और लंड को चूत पर रख दिया. इसके बाद मैंने जोर का एक धक्का लगा दिया, जिससे मेरा आधा लन्ड उनकी चूत के अंदर चला गया. इससे भाभी के मुंह से सिसकारी निकल गयी और दर्द की वजह से आंखों में आंसू भी आ गए थे.
यह देख मैं कुछ देर के लिए रुक गया. अब मैं एक हाथ से उनके बूब्स दबाने लगा और एक निप्पल को मुंह में लेकर दूध पीने लगा. फिर जब भाभी कुछ शांत हुईं तो मैंने एक झटका और मारा. इससे मेरा पूरा लन्ड उनकी चूत में समा गया.
अब मैं धीरे – धीरे झटके मरने लगा और भाभी भी मेरा साथ देने लगीं. वो कहने लगीं – फाड़ दे मेरी चूत को मेरे दीप, आह दीप और जोर से और जोर से, हां ऐसे ही ऐसे ही करते रहो बहुत मज़ा आ रहा है. और भी पता नहीं क्या – क्या बोल रही थीं.
उनकी सिसकारियां सुन के मुझे और भी ज्यादा जोश आ गया. फिर मैं और जोर – जोर से उन्हें ठोकने लगा. इसी बीच भाभी झड़ गईं और मुझे बस करने को बोलने लगीं. लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैं कहां रुकने वाला था.
फिर करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद जब मेरा भी निकलने वाला हुआ तो मैंने भाभी से कहा कि मेरा निकलने वाला है. इस पर उन्होंने कहा – वाह मेरे दीप, आज मेरी चूत को अपने रस से भर दो.
दोस्तों, तब तक भाभी एक बार और झड़ चुकी थीं. फिर मैंने अपना सारा माल उनकी चूत में ही छोड़ दिया और लन्ड उनकी चूत में डाले – डाले उनके ऊपर ही लेट गया. फिर थोड़ी देर बाद हम उठे और बाथरुम में एक साथ जाकर नहाने लगे.
नहाते समय एक बार फिर मैंने उनकी चूत मारी और भाभी में अगली बार अपनी गांड में लंड लेने का वादा किया. इसके बाद फिर मैं अपने रूम चला आया. बाद में मैंने कई बार उनकी चूत और गांड मारी. लेकिन अभी तक उनके पति को पता नहीं है कि उनकी पत्नि मुझसे कितनी बार अपनी मरवा चुकी है.
अब मैंने रूम बदल लिया है लेकिन फिर भी जब कभी मौका मिलता है मैं पहुंच जाता हूं और हम जम कर चुदाई करते हैं. आपको मेरी कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]