उनके मुँह से लंड सुन कर लंड और अकड़ गया. मैंने भी ज़ोर नहीं दिया लंड पकड़वाने के लिए! फिर मैंने मौसी की चुत में उंगली डाल दी. जिससे मौसी छटपटा उठी और उसने मेरे हाथ पर हाथ रख कर मेरी उंगली को और अंदर करने की कोशिश करने लगी…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम अमर है और मैं एम सी ए कर रहा हूँ. मैं दसवीं में था जब मैंने पहली बार मूठ मारी थी. पर किसी लड़की की चुदाई का मौका कभी नहीं मिला था.
मेरा इंतजार ख़त्म किया मेरी मौसी कांता ने! दोस्तों, मेरी मौसी कांता अपनी शादी के आठ साल बाद ही विधवा हो गई थी. उसकी चूची नॉर्मल 32 इंच की और पतला शरीर है.
मौसा जी की मौत के बाद मैं अकसर मौसी को गौर से देखने लगा. उनके बारे में सोच – सोच कर कई बार मैंने मूठ भी मारी पर कभी ये नहीं सोचा था कि मौसी की चूत मुझे मिलेगी.
एक बार मेरी बड़ी मौसी लड़की की शादी थी. मम्मी के बीमार होने की वजह से ना मम्मी गई और ना पापा, पर उन्होंने मौसी के साथ मुझे भेज दिया.
हम ट्रेन से जा रहे थे. ट्रेन में मैंने कई बार मौसी को छूने की कोशिश की पर डर के मारे कुछ ना कर सका. मौसी के घर बहुत रिश्तेदार आए हुए थे. रात को जिसको जहाँ जगह मिली, वहीं सोने की तैयारी करने लगा. मैंने भी कमरे के एक नुक्कड़ में रज़ाई ली और जगह रोक ली.
रात को दस बजे कांता मौसी उसी कमरे में आई और बोली- मैं कहाँ सोऊँ? उनकी आवाज सुन कर मैंने मौसी को आवाज़ लगाई और कहा- मौसी यहाँ आ जाओ, मेरे पास एक बंदे की जगह है. इस पर मौसी बोली- ठीक है, मैं अभी आती हूँ.
थोड़ी देर में मौसी आ गई. उस समय उन्होंने पाजामा और टी शर्ट पहन रखी थी, जिसमें मौसी और भी ज़्यादा सेक्सी लग रही थी. मैंने अंदाज़ा लगाया कि शायद मौसी ने नीचे ब्रा नहीं पहनी है. मौसी मेरे साथ आ कर लेट गई. हम दोनों ने एक – दूसरे की तरफ पीठ कर रखी थी.
सब सो रहे थे पर मेरी आँखों से नींद गायब थी. मेरे कूल्हे मौसी के नर्म – नर्म कूल्हों से भिड़ रहे थे, जिससे मेरे लंड में हलचल होने लगी थी. मैंने लंड को अपने पाजामे में हाथ से हिलाना शुरू कर दिया, दिल कर रहा था कि मौसी को सीधा करूँ और उनकी चूत में लंड डाल दूं, पर डर भी रहा था.
फिर मैंने करवट ली और अपना लंड मौसी की गांड से भिड़ाना शुरू कर दिया. अब मुझसे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया और मैंने ज़ोर से लंड को धक्का मारा. तभी मौसी ने करवट ली और मुझसे कहा- ये क्या कर रहे हो? ये ग़लत है!
उनकी यह बात सुन कर मैं बोला – मौसी आपका भी तो मन करता होगा?
इस पर मौसी बोली – नहीं, मैं ये नहीं कर सकती.
उनकी आवाज सुनकर मुझे लगा कि मौसी मान जाएगी बस थोड़ी हिम्मत और करनी पड़ेगी. फिर मैंने मौसी की टी शर्ट में हाथ डाल कर उनकी चूची को पकड़ लिया और कहा- किसी को कुछ पता नहीं चलेगा.
दोस्तों, जैसा मैंने सोचा था, मौसी ने ब्रा नहीं पहनी थी और अब मैं उनकी चूची को मसलने लगा. मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा- कोई उठ जाएगा. फिर मैंने कहा- सब कुछ चुपचाप होगा. किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा. इतना कह कर मैंने मौसी के होंठों को अपने होंठों में दबा लिया.
मैं उनकी चुची को दबाते – दबाते उनके होंठ चूस रहा था. अब उनका विरोध ख़त्म हो चुका था और वो भी मस्त हो कर मेरे होंठ चूसने लगी. फिर मैंने उनकी टीशर्ट को ऊपर उठा दिया और जिंदगी में पहली बार नंगी चूची अपने सामने देखी. उनकी नंगी चूचियाँ देख कर मैं उन पर टूट पड़ा और उनकी चूची को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा.
अब मैंने उनकी एक चूची के निप्पल को मुँह में भर लिया और जी भर कर दूध पीने लगा. तभी मौसी बोली- आराम से कर, और चूची ही पीता रहेगा या कुछ और भी करेगा?
इतना सुनते ही मैंने अपना एक हाथ मौसी के पजामे में डाल दिया और उनकी चूत को छुआ. हाथ लगते ही मौसी के मुँह से ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाज निकल गई और मैंने भी जिंदगी में पहली बार चूत छूने का मजा लिया, पर मैं अभी भी उनकी चूची को चूस रहा था.
मेरा लंड पूरा अकड़ चुका था. फिर मैंने मौसी का हाथ पकड़ा और अपने पजामे के अंदर डाल दिया. मौसी ने मेरे लंड को हाथ लगाया और हाथ बाहर निकाल लिया. अब मैंने धीरे से कहा- मौसी, लंड को हिलाओ ना?
इस पर मौसी बोली – नहीं, मैं लंड नहीं पकड़ूँगी.
उनके मुँह से लंड सुन कर लंड और अकड़ गया. मैंने भी ज़ोर नहीं दिया लंड पकड़वाने के लिए! फिर मैंने मौसी की चुत में उंगली डाल दी. जिससे मौसी छटपटा उठी और उसने मेरे हाथ पर हाथ रख कर मेरी उंगली को और अंदर करने की कोशिश करने लगी.
फिर मैंने मौसी की चूत में एक उंगली और डाल दी। जिससे मौसी उछलने लगी. मौसी ने खुद ही अब मेरे पाजामे में हाथ डाल दिया और लंड पकड़ लिया और धीरे से कहा- अमर, मेरी चूत की आग ठण्डी कर दे.
मैंने मौसी से कहा कि मैं चूत चाटना चाहता हूँ! पर मौसी ने मना कर दिया और कहा- फिर कभी चाट लेना, अब बस इसमें इसको डाल दे.
फिर मैंने मौसी के पजामे को नीचे किया और उनके ऊपर आ गया. पर मेरे लिए यह पहली बार था तो अंधेरे में लंड चूत में डालने में दिक्कत हो रही थी. तभी मौसी ने मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर रखा और कहा- अब मार धक्का!
मैंने एक धक्का मारा और मेरा लंड मौसी की चूत की गहराई में चला गया. मैंने मौसी की एक चुची को मुँह में ले लिया और एक को हाथ से दबाने लगा. मेरा लंड मौसी की चुत में मजा ले रहा था. मैंने चुची चूसते हुए ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने शुरू कर दिए. मौसी भी धीरे – धीरे आहह आहह कर रही थी और कमर उचका – उचका कर लंड को अंदर ले रही थी.
मेरी जिंदगी में यह पहला मौका था की. थोड़ी ही देर में मुझे लगा कि मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है, मैंने मौसी को कहा- मेरा निकलने वाला है! इस पर मौसी ने कहा कि चूत में मत छुटाना.
फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया और मौसी के हाथ में पकड़ा दिया. मौसी लंड को पकड़ कर अपनी चूत से रगड़ने लगी और मेरे लंड ने उनकी चूत पर उल्टी कर दी. मैंने ज़ोर से मौसी की चुची को दबा दिया. मेरे लंड ने बहुत सारा पानी बाहर निकाला।
मैं मौसी की बगल में लेट गया. मौसी ने धीरे से कहा- तुम्हारा तो हो गया, मेरा क्या? मैंने इतना सुनते ही उनकी चूची को पकड़ा और उनकी चूत पर पड़े पानी से अपनी उंगली को गीला कर के उनकी चूत में डाल दिया और तेज तेज उंगली को चलाने लगा.
पाँच मिनट बाद ही मौसी ने मुझे कस कर पकड़ लिया और उनकी चुत ने पानी छोड़ दिया. मैंने अपने हाथ को उनके पजामे से साफ किया. हम दोनों अब शांत हो चुके थे. मौसी ने अपने कपड़े ठीक किए और मेरी तरफ़ करवट ले कर लेट गई. मैंने मौसी की टीशर्ट को उठा कर उनकी चुची को मुँह में भर लिया और चुची चूसते चूसते मुझे नींद आ गई.
उसके बाद मैंने मौसी को बहुत बार चोदा है. आज भी मौका मिलता है तो मैं मौसी को चोद देता हूँ.
एक बार मैंने मौसी की मदद से अपनी चचेरी बहन को चोदा. उसकी कहानी भी लिखूंगा. मेरी यह कहानी आप सब को कैसी लगी मुझें मेल करके जरूर बताना. मेरी मेल आईडी – [email protected]