एक बार मेरे नम्बर पर एक अनजान नम्बर से फोन आया. सामने से एक लड़की बोल रही थी. मेरे मना करने के बाद भी वह मुझे अपना बॉयफ्रेंड समझ बैठी और जबर्दस्ती बात करने लगी. फिर किस तरह मैंने उसकी चुदाई की ये आपको इस कहानी में जानने को मिलेगा….
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अविनाश है और मैं पटना का रहने वाला हूं. मैं पिछले 3 सालों से इस साइट का नियमित पाठक हूं और काफी टाइम से चाह रहा था कि मैं भी अपनी कहानी आप लोगों के साथ शेयर करूं लेकिन वक्त न मिल पाने के कारण लिख नहीं पा रहा था. आज मौका मिला तो मैं अपनी कहानी आप लोगों के सामने पेश कर रहा हूं. उम्मीद करता हूं कि आप लोगों पसंद आएगी.
अब इधर – उधर की बातों में वक्त जाया न करते हुए मैं सीधे अपनी कहानी पर आता है. एक दिन मैं अपने घर के बाहर बैठा था. तभी अचानक एक अनजान मोबाइल नम्बर से मेरे पास फ़ोन आया. मैंने फ़ोन रिसीव किया तो सामने से एक लड़की बोल रही थी. जब मैंने हैलो कहा तो वह चहकते हुए बोली – इतने दिनों से कहां थे. मैंने कितनी बार तुमसे बात करने के लिए फोन ट्राय किया लेकिन तुम्हारा फोन ही नहीं लग रहा था.
इस पर मुझसे कुछ बोलते नहीं बन रहा था तो मैंने उससे उसका नाम पूछा. उसने अपना नाम शिम्मी बताया. तब मैंने उससे कहा कि मैं वो नहीं हूं, जिससे तुम बात करना चाहती हो. इस पर वो बोली कि अब झूठ मत बोलो, मैंने तुम्हारा कितना वेट किया. इस तरह धीरे – धीरे हमारी बात होने लगी, हालांकि मैं उसे जानता नहीं था.
ऐसे ही कुछ दिनों के बाद धीरे – धीरे मैं उससे भी खुल गया और अब मैं भी उसे अपनी गर्लफ्रेंड समझने लगा. शिम्मी नवादा की रहने वाली थी और उसकी हाईट 5 फुट 2 इंच है. उसके बड़े – बड़े और बाहर निकली हुई गांड देख कर हर किसी का लंड खड़ा हो जाए. हालांकि उसका रंग थोड़ा सांवला था लेकिन फेस कटिंग जबरदस्त थी.
बाद में वह भी जान गई कि वो जिसके पास फोन कर रही थी वो मैं नहीं था लेकिन अब हमारी बॉन्डिंग बहुत अच्छी हो गई थी और हमने एक – दूसरे को बॉयफ्रेंड – गर्लफ्रेंड के तौर पर एक्सेप्ट कर लिया था.
एक बार फोन पर बात करते समय शिम्मी मुझसे बोली कि मेरा चुदने का मन कर रहा है, आप आ जाओ. यह सुन कर मैं खुशी से उछल पड़ा और उससे बोला – ठीक है, तुम्हारा मन हो और मैं न आऊं ये हो ही नहीं सकता. दोस्तों, उसने मुझे बताया कि कल वह घर पर अकेली ही रहेगी तो मैं इस मौके का फायदा उठा सकता हूं.
फिर अगले सुबह मैं उसके घर, नवादा के लिए चल पड़ा. करीब तीन बजे मैं उसके गांव पहुंच गया. फिर उसके बताये प्लान के मुताबिक मैं इधर – उधर देख के चुपके से उसके घर में घुस गया. इसके बाद हम दोनों ने नाश्ता किया और फिर दोनों उसके बेड रूम में चले गए.
बेड रूम में जाते ही उसने मुझे पकड़ लिया, मेरे ऊपर टूट पड़ी और जोरदार तरीके से चुम्बन करने लगी. मैंने भी उसका बराबर साथ दिया और उसे पकड़ने के बाद कस कर चूमने लगा. पूरा कमरा हमारी मादक आवाज से गूंजने लगा और हम दोनों मदहोश होने लगे.
फिर धीरे से मैं अपना हाथ नीचे ले गया और उसके मम्मे दबाने लगा. उसे बहुत मज़ा आ रहा था. तभी अचानक मैंने तेजी से उसके मम्मों को मसल दिया तो उसके मुंह से ‘उईई मां’ की आवाज निकल पड़ी. उसकी यह दर्द और प्यार भरी सिसकी ने मुझे बहुत उत्तेजित किया.
फिर मैं भी अपने पूरे शवाब में आ गया और उसका सूट – सलवार उतार दिया. अन्दर उसने लाल रंग की ब्रा और पैन्टी पहनी हुई थी. इन अंडरगारमेंट्स में वो गजब की माल लग रही थी. उसे इन छोटे कपड़ों में देख कर मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उसे पकड़ कर उसके नाजुक होंठों पर किस करने लगा और साथ में ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मे भी दबाने लगा.
मेरे ऐसा करने से वो मदहोश होने लगी. अब उसके मुंह से सिसकियों के साथ – साथ पता नहीं कैसी – कैसी आवाजें निकल रही थीं. मैं उसको करीब 15 मिनट तक चूमता – चाटता और उसके मम्मों को दबाता रहा. हमें बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर उसने मेरा पैन्ट खोल कर मेरे लण्ड को पकड़ कर बाहर निकाल लिया और उसे धीरे – धीरे हिलाने लगी. फिर कुछ देर बाद खुद ब खुद नीचे झुक कर उसे चूम लिया. तब मैंने उसे मेरा लण्ड मुंह में लेने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया.
फिर मैंने उसे बेड पर लेटा कर उसकी ब्रा और पैन्टी खोल दी. उसकी पैन्टी खुलते ही पूरे कमरे में एक मादक सुगंध सी फैल गई. जिससे मैं मदहोश होने लगा. फिर मैंने खुद को संभाला और उसकी चूत पर फोकस किया.
मैंने देखा कि अब तक वह एक बार झड़ चुकी थी और उसकी पूरी चुत गीली हो चुकी थी. यह देख मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा और सहलाने लगा. साथ ही मैंने उसकी एक नंगी चूची को मुंह में भर लिया और चूसने लगा. दूसरी चूची को एक हाथ से दबा भी रहा था. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगा दी और चाटने लगा. मेरे ऐसा करने पर वो पागल सी हो गई और बोलने लगी – जान, मेरी जान लेकर ही मानोगे क्या? अब चोद भी दो तुम मुझे. बना दो अपने 7 इंच के लण्ड को मेरी चूत में डाल कर उसका भोसड़ा. लेकिन मैं उसके चूत का रसपान करने में मस्त था.
थोड़ी देर बाद वो फिर से बोली – जानू, अब चोद दो मुझे नहीं तो इस वासना की आग में जल कर मैं मर जाऊंगी. यह सुन कर मैंने उससे कहा – मैं तुम्हें मरने थोड़े न दूंगा.
दोस्तों, अब तक वो दो बार झड़ चुकी थी और मेरा लण्ड भी अपने पूरे फॉर्म में था.
फिर मैंने अपना लण्ड उसकी चूत के छेद पर सेट किया और एक धक्का लगा दिया. एक ही धक्के में मेरा आधा लण्ड उसकी चूत के अंदर चला गया और वह दर्द से चीखने लगी. तब मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और चूसने लगा. इससे कुछ देर बाद जब उसे राहत हुई तो मैंने एक और धक्का मार कर अपना पूरा लण्ड अंदर उसकी चूत में घुसा दिया और धीरे – धीरे चुदाई करने लगा.
अब हमें बहुत मज़ा आ रहा था. थोड़ी देर बाद मैंने अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी. करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद दोनों ने एक बार फिर से अपना माल छोड़ दिया और चरम सुख की अवस्था में पहुंच गए. मैंने मेरा सारा माल उसकी चूत में ही गिरा दिया.
दोस्तों, उस दिन मैंने उसकी कई बार चुदाई की. आप सब को मेरी कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी – [email protected]